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कश्मीर भी हमारा, कश्मीरी भी हमारे : शहर काजी
टीम डिजिटल
Updated Tue, 13 Sep 2016 09:45 PM IST
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सार
- ईद-उल-अजहा पर शाही ईदगाह पर उमड़ा जनसैलाब
- बकरीद की नमाज अदा कराने के बाद शहर काजी ने खिताब किया

साजिद्दीन
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विस्तार
ईद-उल-अजहा पर मंगलवार को शाही ईदगाह पर जनसैलाब उमड़ गया। शहर काजी प्रो. जैनुस साजिददीन ने बकरीद की नमाज अदा करायी। इसके बाद उन्होंने खिताब फरमाते हुए कहा कि कश्मीर भी हमारा है और कश्मीरी भी हमारे हैं। लेकिन कश्मीर के मुसलमानों पर जुल्म ज्यादती हो रही है। जिससे पूरे देश का मुसलमान गमजदा है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वे इन पीड़ितों की हिफाजत करें और उन पर हो रहे जुल्म को रोके।
शहर काजी ने अपने खिताब में कहा कि देश के मुस्लिम समाज में शिक्षा का अभाव है, जिसकी वजह से मुसलमान पिछड़ रहा है। जबकि इस्लाम ने तालीम पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। तरक्की व खुशहाली के लिये मुसलमान अपने बच्चों की तालीम पर ज्यादा ध्यान दें। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में दहशतगर्दी के नाम पर मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश हो रही हैं। मुसलमानों को इससे सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि अमनचैन व नेक जिंदगी गुजारने के लिये हर बुराई से दूर रहें और कुरान व हदीस के बताये रास्तों पर चलें। इसके अलावा उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हस्तक्षेप के प्रयासों पर भी अफसोस जताते हुए कहा कि इसे मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
वहीं, शहर काजी ने नमाज के बाद अमन चैन की दुआ करायी। उन्होंने आपसी भाईचारे और सद्भाव के साथ रहने और देश की तरक्की के लिए काम करने का आह्वान किया। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम रखे। राजनीतिक दलों के नेताओं ने कैंप लगाकर बकरीद की मुबारकबाद दी।
कश्मीर मुल्क का अटूट हिस्सा
ईद-उल-अजहा पर शाही ईदगाह पर तकरीर फरमाते हुए कारी शफीकुर्ररहमान ने कहा कि जम्मू कश्मीर हमारे मुल्क का अटूट हिस्सा है। जिसको हम किसी भी कीमत पर जुदा नहीं कर सकते हैं। पिछले 50 दिनों से कश्मीर में जो हो रहा है, वह इंसानियत के खिलाफ है। वहां की जनता परेशान है। सरकार लोगों पर रहम करे। उन्होंने तकरीर में कहा कि हिंदुस्तान के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी, अब उनको मुल्क में अलग-थलग किया जा रहा है। जिनकी कोई कुर्बानी नहीं थी, वह मुल्क के जिम्मेदार बन गए हैं। आरोप लगाया कि जम्मू काश्मीर सरकार ने नक्सलवाद, उल्फा और दहशतगर्दों से जुड़े लोगों को अपने करीब कर लिया है। कश्मीर के लोगों पर जो गोलियां बरसायी जा रही हैं, बहुत गलत है। सरकार को आगे आकर इसे रोकना चाहिए। उन्होंने मुस्लिमों को तालीम का स्तर सुधारने की भी नसीहत दी।

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शहर काजी ने अपने खिताब में कहा कि देश के मुस्लिम समाज में शिक्षा का अभाव है, जिसकी वजह से मुसलमान पिछड़ रहा है। जबकि इस्लाम ने तालीम पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। तरक्की व खुशहाली के लिये मुसलमान अपने बच्चों की तालीम पर ज्यादा ध्यान दें। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में दहशतगर्दी के नाम पर मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश हो रही हैं। मुसलमानों को इससे सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि अमनचैन व नेक जिंदगी गुजारने के लिये हर बुराई से दूर रहें और कुरान व हदीस के बताये रास्तों पर चलें। इसके अलावा उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में हस्तक्षेप के प्रयासों पर भी अफसोस जताते हुए कहा कि इसे मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
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वहीं, शहर काजी ने नमाज के बाद अमन चैन की दुआ करायी। उन्होंने आपसी भाईचारे और सद्भाव के साथ रहने और देश की तरक्की के लिए काम करने का आह्वान किया। इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम रखे। राजनीतिक दलों के नेताओं ने कैंप लगाकर बकरीद की मुबारकबाद दी।
कश्मीर मुल्क का अटूट हिस्सा
ईद-उल-अजहा पर शाही ईदगाह पर तकरीर फरमाते हुए कारी शफीकुर्ररहमान ने कहा कि जम्मू कश्मीर हमारे मुल्क का अटूट हिस्सा है। जिसको हम किसी भी कीमत पर जुदा नहीं कर सकते हैं। पिछले 50 दिनों से कश्मीर में जो हो रहा है, वह इंसानियत के खिलाफ है। वहां की जनता परेशान है। सरकार लोगों पर रहम करे। उन्होंने तकरीर में कहा कि हिंदुस्तान के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी, अब उनको मुल्क में अलग-थलग किया जा रहा है। जिनकी कोई कुर्बानी नहीं थी, वह मुल्क के जिम्मेदार बन गए हैं। आरोप लगाया कि जम्मू काश्मीर सरकार ने नक्सलवाद, उल्फा और दहशतगर्दों से जुड़े लोगों को अपने करीब कर लिया है। कश्मीर के लोगों पर जो गोलियां बरसायी जा रही हैं, बहुत गलत है। सरकार को आगे आकर इसे रोकना चाहिए। उन्होंने मुस्लिमों को तालीम का स्तर सुधारने की भी नसीहत दी।
- ईद-उल-अजहा पर शाही ईदगाह पर उमड़ा जनसैलाब
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