Kaushambi News : लापता दिव्यांशी की तलाश में पुलिस ने महिलाओं को किया सक्रिय, 16 जुलाई से है गायब
कौशाम्बी कोतवाली के हिसामबाद में 16 जुलाई से लापता हुई चार वर्षीय दिव्यांशी की तलाश में जुटी एसडीआरएफ ने भी उम्मीद छोड़ दी और वापस लौट गई। अब पुलिस ने बालिका की तलाश में गांव की आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य समाजसेवी महिलाओं को सक्रिय किया है।

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कौशाम्बी कोतवाली के हिसामबाद में 16 जुलाई से लापता हुई चार वर्षीय दिव्यांशी की तलाश में जुटी एसडीआरएफ ने भी उम्मीद छोड़ दी और वापस लौट गई। अब पुलिस ने बालिका की तलाश में गांव की आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य समाजसेवी महिलाओं को सक्रिय किया है। पुलिस का मानना है कि बालिका के बारे में जानकारी लेने के लिए उनकी मदद बेहतर साबित हो सकती है।

हिसामबाद गांव में चॉकलेट लेकर घर लौटी दिव्यांशी 16 जुलाई को संदिग्ध दशा में लापता हुई। केस दर्ज करने में लापरवाह इंस्पेक्टर उर्मिला सिंह को निलंबित किया गया। उनकी जगह पर पहुंचे इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने बालिका की तलाश में तेजी दिखानी शुरू कर दी है। एसडीआरएफ की मदद से चार दिन तक यमुना नदी में बालिका की तलाश कराई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
आसपास गांव के नालों, खंडहरों व झाड़ियों में खोजने के साथ यमुना पार जनपद चित्रकूट व प्रयागराज की पुलिस व ग्राम प्रधानों की भी मदद ली गई। हालांकि नतीजा अब तक शून्य ही रहा है। कई बिंदुओं पर जांच कर रही पुलिस ने अब नई कवायद शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोपनीय तरीके से की जा रही जांच में मदद के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहुएं सहित अन्य समाजसेवी महिलाओं से सामंजस्य बनाया गया है। पुलिस का मानना है कि इनका गांव की महिलाओं के बीच मधुर व्यवहार होते हैं।
बातों ही बातों में कोई न कोई राज बाहर निकल कर आ सकता है। यही नहीं, पंचायत सहायक, ग्राम सचिव व अन्य ब्लॉक कर्मियों से भी मदद के लिए पुलिस ने बातचीत की है। वहीं दूसरी ओर पुलिस तांत्रिकों को भी तलाश रही है। क्योंकि गड़ा खजाना व अन्य पूजा पाठ के लिए तांत्रिक आए दिन क्षेत्र में बलि व फूल-माला और नींबू चढ़ावे जैसे कृत्य करते रहते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि कौशाम्बी क्षेत्र का हिसामबाद व गढ़वा आसपास के गांव हैं। यहां पुराने किले के खंडहर भी मौजूद हैं। लिहाजा बालिका के लापता होने के पीछे किसी के अंधविश्वास के न होने से पुलिस इन्कार नहीं कर रही।
42वीं बटालियन के गोताखोर अभी भी कर रहे तलाश
चार दिन तक खोजबीन के बाद एसडीआरएफ भले ही वापस लौट गई हो, लेकिन अभी नैनी की 42वीं बटालियन पीएसी के गोताखोरों ने हिम्मत नहीं छोड़ी है। बृहस्पतिवार को उन्होंने स्टीमर से यमुना नदी में सुबह से दोपहर तक तलाश की। वहीं गांव पहुंची एसओजी व सर्विलांस टीम ने भी तकनीकी तरीके से जांच शुरू कर दी है। लोगों से पूछताछ के बाद कई मोबाइल नंबरों को भी एकत्रित करते हुए उन्हें ट्रेस किए जाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।
यमुना नदी में काफी तलाश की गई, लेकिन बालिका का पता नहीं चल पाया है। कई बिंदुओं पर गोपनीय तरीके से जांच जा रही है। लोगों की मदद भी ली जा रही है। - राजेश कुमार, पुलिस अधीक्षक।