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खुला आकाश: संविधान और कानून के रास्ते हिंदी की गाथा... स्वार्थगत नीतियों के कारण हो रहे विरोध

प्रकाश हेमावत Published by: ज्योति भास्कर Updated Sun, 14 Sep 2025 06:20 AM IST
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सार

देश के सभी नागरिकों को न्याय पाने का एक सुनिश्चित अधिकार, दायित्व और कर्तव्य संविधान द्वारा दिया गया है। संविधान की भाषा और कानून की की धाराओं को  अपनी भाषा में समझाने का सहज एवं सरल तरीका हिंदी भाषा ही है।

story of Hindi through the constitution and laws of India selfish policies behind Protests
हिंदी दिवस 2025 - फोटो : freepik
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विस्तार
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हिंदी भाषा के विकास की गाथा निरंतर लिखी जा रही है। इसका उपयोग हर क्षेत्र में निरंतर किया जा रहा है। यह हमारी भाषा की उन्नति में मददगार सिद्ध हो रही है। आने वाले समय में हिंदी भाषा की और कितनी प्रगति होगी, इसको मापना आसान नहीं होगा। अन्य भाषाओं की स्वार्थगत नीतियों के कारण इसका आज हर तरफ विरोध किया जा रहा है।

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संविधान और कानून की सशक्त अभिव्यक्ति का मतलब क्या है? यह जानना बहुत ही जरूरी है। कानून की सशक्त अभिव्यक्ति का मतलब यही है कि संविधान और कानून आम जन की आवाज को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने और उनकी रक्षा करने का एक साधन होना चाहिए। इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष समानता और न्याय तक पहुंच जैसे कई अधिकार, दायित्व और कर्तव्य शामिल हैं।
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न्याय सत्यता की अभिव्यक्ति को व्यक्त करना तभी संभव है, जब हमारी हिंदी भाषा का सशक्त रूप से पूरी ईमानदारी के साथ संविधान और कानून की भाषा में उपयोग किया जाए। विगत कुछ वर्षों में संविधान की भाषा एवं कानूनी भाषा में हिंदी का बढ़-चढ़कर प्रयोग किया जा रहा है। यह स्वीकार योग्य कदम है। हिंदी भाषा के कुछ पहलुओं पर विचार किया जाए तो इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही मातृभाषा की अभिव्यक्ति है।

मातृभाषा हिंदी का प्रयोग देश का प्रत्येक नागरिक बिना किसी डर के या प्रतिबंध के अपनी अभिव्यक्ति के लिए कर सकता है। इसमें व्यक्ति अपने विचारों को मौलिक अथवा लिखित रूप में भी प्रकट कर सकता है। देश के सभी नागरिकों को न्याय पाने का एक सुनिश्चित अधिकार, दायित्व और कर्तव्य संविधान द्वारा दिया गया है। वह कानून के माध्यम से इसका उपयोग भी करता है। इसके पीछे हमारी मातृभाषा का ही प्रभाव है, जो संविधान के साथ कानून पर भी अपना अधिकार रखती है।

हिंदी भाषा एक मजबूत और न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि संविधान और कानून नागरिकों की आवाज को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने और उनकी रक्षा करने का एक साधन है।

यह सच है कि जीवन में प्रगति के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करने से हमें सफलता मिलती है और इसका महत्व बढ़ाया जा रहा है। यह ऊर्जा से भरी हुई हमारी सोच है।

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