सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Columns ›   Opinion ›   Uproar in Parliament in the name of Dr. Ambedkar unfortunate parties should mull over public welfare

प्रतीकों की लड़ाई: डॉ. आंबेडकर के नाम पर संसद में हंगामा दुर्भाग्यपूर्ण, पक्ष-विपक्ष जनकल्याण के रास्ते तलाशें

अमर उजाला Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 20 Dec 2024 05:01 AM IST
विज्ञापन
सार
डॉ. आंबेडकर के मूल्यों की परवाह न कर महज प्रतीकों की राजनीति मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश ही ज्यादा लगती है। चयनात्मक ढंग से केवल सुविधाजनक तथ्यों को स्वीकारने में किसी का फायदा नहीं है। बातें व मुद्राएं बनाने से बेहतर तो यही होगा कि सब मिलकर जन-कल्याण के रास्ते तलाशें।
loader
विज्ञापन
Trending Videos
विज्ञापन
विज्ञापन

Next Article

Followed