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कहां गायब हो गए जैक मा, किस वजह से चीनी नेतृत्व हुआ नाराज?

नारायण कृष्णमूर्ति Published by: नारायण कृष्णमूर्ति Updated Tue, 12 Jan 2021 04:10 AM IST
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Where did Jack Ma disappear, why Chinese leadership became angry?
अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा - फोटो : PTI

मुझे सितंबर, 2000 में प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह याद है, हालांकि वह जगह अब इंटरनेट मेला-इंडिया इंटरनेट वर्ल्ड (आईआईडब्ल्यू) आयोजित करने के लिहाज से असामान्य लगती है। आईआईडब्ल्यू अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था, जहां प्रौद्योगिकी कंपनियों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए स्टॉल लगाए थे और वहां दुनिया भर के कई वक्ता कई संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे। वहीं मैं एक अरुचिकर, दृढ़ एवं नाटे कद के व्यक्ति जैक मा को सुनने गया था, जो इंटरनेट की अपार संभावनाओं के बारे में बात कर रहे थे और यह बता रहे थे कि यह लोगों के जीवन के साथ क्या कर सकता है। 


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जैक मा की कहानी प्रेरणादायक है कि कैसे एक पूर्व अंग्रेजी शिक्षक एक सफल उद्यमी बन गया। वह तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन वह एक महान वक्ता और  चीन के साथ-साथ दुनिया भर में तकनीकी उद्यमियों के लिए प्रेरणा हैं। जब दूसरे लोग इंतजार कर रहे थे, जैक मा जल्दी से रुझानों को परख लेते थे। हालांकि उनके पास भी विफलताओं की कहानियां थीं, लेकिन उन्होंने हमेशा उससे कुछ सीखा। इसलिए, उनका उद्यम अलीबाबा चीन के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हुआ है। वर्ष 2004 में अलीबाबा पर बढ़ते ट्रैफिक को देखकर मा ने तुरंत अपने प्लेटफार्म पर निर्बाध लेनदेन के लिए तीव्र भुगतान मंच बनाया। अलीपे नामक इस तीसरे पक्ष के भुगतान ऐप ने तमाम उम्मीदों को पार करते हुए बहुत कम समय में लाखों उपयोगकर्ता हासिल किए। एक रिपोर्ट के अनुसार, मासिक आधार पर सक्रिय 73 करोड़ से ज्यादा उपयोगकर्ताओं के साथ अब इस ऐप के एक अरब से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं। इस कंपनी को बाद में ऐंट ग्रुप के रूप में नामांकित किया गया। यह कंपनी अब वित्तीय सेवाओं के लिए एक विस्तृत शृंखला प्रदान कर रही है, जिसके कारण यह पारंपरिक बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं के लिए चुनौती बन गई है। ऐंट ग्रुप की लोकप्रियता और वृद्धि ऐसी थी कि 2020 के अंत में प्रस्तावित आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) के साथ सूचीबद्ध होना स्वाभाविक था। कंपनी ने एक आईपीओ में बाजार से 37 अरब डॉलर तक जुटाने की उम्मीद की थी, जो कि सऊदी अरामको के 29.4 अरब डॉलर के आईपीओ को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ होता।

चीनी सरकार और नियामक; पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना और चाइना बैंकिंग ऐंड इंश्योरेंस रेगुलेटरी कमीशन, जिसके दायरे में ऐंट ग्रुप पनपा था, ने जैक मा की इस इकाई को बड़ा होने दिया। यह दुनिया को यह दिखाने का भी तरीका था कि चीन ने उद्यमशीलता का समर्थन किया और वहां लोग व्यापार करने के लिए स्वतंत्र थे। लेकिन मा और उनकी कंपनी के लिए चीजें तब बदल गईं, जब 24 अक्तूबर, 2020 को एक शिखर सम्मेलन में भाषण के दौरान, जिसमें सरकारी मशीनरी और नियामक थे; जैक मा ने एक अप्रिय टिप्पणी की। इस बैठक में जैक मा ने सार्वजनिक रूप से जो कहा, वह अन्यथा एक चतुर वक्ता के लिए अकल्पनीय था। मा ने वैश्विक वित्तीय नियमों के लिए बहुत जरूरी सुधारों का हवाला देते हुए अपने भाषण की शुरुआत की और चीनी बैंकिंग प्रणाली पर अनजाने में हमला किया। 

यह स्वाभाविक रूप से चीनी नेतृत्व और नियामकों को अच्छा नहीं लगा। उसने ऐंट ग्रुप के संचालन में तुरंत हस्तक्षेप किया और नियमों को भी बदल दिया, जिससे आईपीओ का पालन करना मुश्किल हो गया और कंपनी को भी उसी तरीके से काम करना पड़ा। इसके बाद आईपीओ को स्थगित कर दिया गया और जैक मा सार्वजनिक रूप से गायब हो गए। ‘जैक मा कहां हैं’-यह मीडिया की सुर्खी बन गई। आधिकारिक रूप से न तो चीन की सरकार ने बताया है कि वह कहां हैं और न ही जैक मा के करीबी लोगों ने उनके बारे में कोई स्पष्टीकरण दिया है। उनकी टिप्पणी के बाद, चीन के बैंकिंग नियामक ने त्वरित उपभोक्ता ऋणों को धन देने के लिए परिसंपत्ति-समर्थित प्रतिभूतियों के उपयोग के लिए नए नियम जारी किए, जिससे विशेष रूप से ऐंट ग्रुप को अपने व्यवसाय के उस हिस्से पर लगाम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसा नहीं है कि ऐंट ग्रुप इस ऋण कारोबार से बहुत पैसा कमा रहा था; लेकिन बदले में उन्हें जो मिल रहा था, वह बड़ी जानकारी (डाटा) थी कि लोगों ने कैसे पैसा कमाया और खर्च किया, जिससे उन्हें अपने वित्तीय उत्पादों को इस आधार पर आगे बढ़ाने में मदद मिली। नागरिकों के बारे में इतनी जानकारी किसी भी सरकार के लिए एक स्वाभाविक रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि वह इस तरह की जानकारी अपने पास रखना चाहेगी। 

यहीं से जैक मा के लिए मुश्किलें शुरू हुईं। वास्तव में कोई नहीं जानता कि जैक मां अभी कहां हैं, लेकिन एक चीज स्पष्ट है कि चीन के साथ-साथ अन्य देशों में भी व्यवसायों की कभी उन डाटा और जानकारी तक पहुंच नहीं हो सकती है, जिसके बारे में सरकारों और नियामकों को लगता है कि इन संस्थाओं को अनुमति देने से वे लोगों पर नियंत्रित कर सकते हैं। ऐंट ग्रुप के साथ जिस तरह का डाटा है, उसकी पहुंच के साथ वह उपयोगकर्ताओं को खर्च करने, निवेश करने और उधार लेने के लिए प्रेरित कर सकता है, क्योंकि ऐंट ग्रुप उसे सही समझता है। हम अपने देश में भी इस तरह के मामले देखते हैं, जब बैंकों के रिलेशनशिप मैनेजर आपसे उधार लेने, किसी योजना में बचत करने और किसी योजना में निवेश करने के लिए संपर्क करते हैं, क्योंकि इससे वे आपकी बैंकिंग विवरणी तक पहुंच बनाते हैं। 

हालांकि भारतीय उद्यमों-पेटीएम, जोमैटो और बिग बास्केट में जैक मा ने साल भर पहले अतिरिक्त निवेश किया था, लेकिन इन कंपनियों का भविष्य इस बात पर टिका है कि कैसे जैक मा वापसी करते हैं और अब उनका चीनी व्यवसाय कैसे काम करेगा। जैसा कि कुछ अन्य बड़े चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज भी विनियामक जांच का सामना कर रहे हैं, यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी की घंटी है, जो आंख बंद करके महसूस करते हैं कि इंटरनेट पर उनकी सभी जानकारी व डाटा सुरक्षित है और उस पर उनका पूर्ण नियंत्रण है। भले ही जैक मा युवा उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा हैं, पर हम में से अधिकांश को यह जानना चाहिए कि डाटा सुरक्षा और गोपनीयता वास्तव में एक बड़ा विषय है, जिसे हम सभी को महसूस करना चाहिए। 

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