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Virat Kohli: ऑस्ट्रेलिया में खेलने से कोहली को किस तरह मिली मदद? बताया कैसे आक्रामकता सम्मान में बदली
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, पर्थ
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Sun, 19 Oct 2025 01:15 PM IST
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सार
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में पहला वनडे खेला जा रहा है। कोहली हालांकि, इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए। मैच शुरू होने से पहले कोहली ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री के साथ बातचीत की और ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर अपने अनुभव को साझा किया।

विराट कोहली
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली का कहना है कि उनके करियर में ऑस्ट्रेलिया दौरे का काफी महत्व रहा है। कोहली इस बात को स्वीकार करने से भी नहीं हिचकिचाए कि ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट को लेकर आक्रामक माहौल ने उनकी क्षमता की परीक्षा ली। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही तीन मैचों की वनडे सीरीज से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की है।

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वापसी पर नहीं चमके कोहली
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में पहला वनडे खेला जा रहा है। कोहली हालांकि, इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए। मैच शुरू होने से पहले कोहली ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री के साथ बातचीत की और ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर अपने अनुभव को साझा किया। कोहली ने पहली बार 2011 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों से आक्रामक स्वागत का सामना करना पड़ा था, लेकिन उनका मानना है कि यह आक्रामकता धीरे-धीरे सम्मान में बदल गई।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में पहला वनडे खेला जा रहा है। कोहली हालांकि, इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए। मैच शुरू होने से पहले कोहली ने एडम गिलक्रिस्ट और रवि शास्त्री के साथ बातचीत की और ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर अपने अनुभव को साझा किया। कोहली ने पहली बार 2011 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों से आक्रामक स्वागत का सामना करना पड़ा था, लेकिन उनका मानना है कि यह आक्रामकता धीरे-धीरे सम्मान में बदल गई।
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कोहली ने कहा, बचपन में जब हम सुबह जल्दी उठकर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट देखते थे तो मैं खुद को उनके सामने रखकर सोचता था कि अगर मैं इन परिस्थितियों में और इस विरोधी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर पाया तो एक क्रिकेटर के तौर पर मुझे इस पर गर्व होगा। दोनों टीमों के महान खिलाड़ियों को खेलते देखना मेरे लिए प्रेरणास्रोत रहा। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, यहां तक कि वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी, जिनसे मैं सचमुच प्रभावित रहा हूं।
उन्होंने कहा, यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम, उन्होंने जिस तरह से क्रिकेट खेली और जिस तरह से वह आपका सामना करते हैं और खेल पर नियंत्रण बना रहे थे, यही कुछ ऐसा था जिसने मुझे यहां आने और ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में मुझे लगा कि उस आक्रामक माहौल का हिस्सा बनने की तुलना में टेलीविजन पर देखना आसान था, लेकिन मैं उन सभी पलों के लिए वास्तव में आभारी हूं क्योंकि इससे मुझे एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में बेहतर बनने में मदद मिली। इस तरह का माहौल वास्तव में आपकी मानसिक मजबूती और लचीलेपन की परीक्षा लेता है क्योंकि एक बार जब आप ऐसे कड़े माहौल में खेलना शुरू कर देते हैं तो आप अपने प्रतिद्वंदी और दर्शकों का सामना करने से नहीं बच सकते।
ऑस्ट्रेलिया में खेलने का लिया आनंद
टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके कोहली ने कहा कि उन्होंने हमेशा ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने का पूरा आनंद लिया। उन्होंने कहा, वापस ऑस्ट्रेलिया आकर वास्तव में अच्छा लगता है। यह ऐसी जगह है जहां मैंने अपनी क्रिकेट का भरपूर आनंद लिया। मेरी यहां से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं।
टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके कोहली ने कहा कि उन्होंने हमेशा ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने का पूरा आनंद लिया। उन्होंने कहा, वापस ऑस्ट्रेलिया आकर वास्तव में अच्छा लगता है। यह ऐसी जगह है जहां मैंने अपनी क्रिकेट का भरपूर आनंद लिया। मेरी यहां से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं।