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Mamata Banerjee-Sourav Ganguly: 'गांगुली को आईसीसी अध्यक्ष बनने से रोकना आसान नहीं', दादा को CM ममता का समर्थन
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: Mayank Tripathi
Updated Sat, 08 Nov 2025 09:28 PM IST
सार
ममता ने कहा, 'हम हमेशा चाहते थे कि गांगुली लंबे समय तक भारत के कप्तान बने रहें। और एक बात और कहूंगी गांगुली को शायद बुरा लगे, लेकिन मैं सच बोलने की आदी हूं। आज आईसीसी के अध्यक्ष कौन होने चाहिए थे? कोई और नहीं, बल्कि सौरव गांगुली। भले ही वे अभी नहीं बने हैं, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन जरूर बनेंगे। उन्हें रोकना इतना आसान नहीं है।'
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ऋचा-ममता-झूलन-गांगुली
- फोटो : PTI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गांगुली को अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का अध्यक्ष बन जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें रोकना इतना आसान नहीं है। ईडन गार्डन्स में महिला विश्व कप विजेता ऋचा घोष के सम्मान समारोह में बोलते हुए ममता बनर्जी ने गांगुली और ऋचा की सराहना की।
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'गांगुली को कोई नहीं रोक सकता'
इस दौरान उन्होंने पुराने मुद्दे पर दोबारा टिप्पणी की, जिसने पहले भी राजनीतिक हलचल मचाई थी। ममता ने कहा, 'हम हमेशा चाहते थे कि गांगुली लंबे समय तक भारत के कप्तान बने रहें। और एक बात और कहूंगी गांगुली को शायद बुरा लगे, लेकिन मैं सच बोलने की आदी हूं। आज आईसीसी के अध्यक्ष कौन होने चाहिए थे? कोई और नहीं, बल्कि सौरव गांगुली। भले ही वे अभी नहीं बने हैं, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन जरूर बनेंगे। उन्हें रोकना इतना आसान नहीं है।'
वर्तमान में आईसीसी अध्यक्ष का पद जय शाह के पास है। दिसंबर 2024 में वे आईसीसी के सबसे युवा अध्यक्ष बने। इससे पहले वे चार साल तक बीसीसीआई सचिव के पद पर कार्यरत थे। बता दें कि, अक्तूबर 2022 में सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और रोजर बिन्नी को यह जिम्मेदारी दी गई थी। गांगुली ने 2019 से 2022 तक बीसीसीआई की कमान संभाली थी।
इस दौरान उन्होंने पुराने मुद्दे पर दोबारा टिप्पणी की, जिसने पहले भी राजनीतिक हलचल मचाई थी। ममता ने कहा, 'हम हमेशा चाहते थे कि गांगुली लंबे समय तक भारत के कप्तान बने रहें। और एक बात और कहूंगी गांगुली को शायद बुरा लगे, लेकिन मैं सच बोलने की आदी हूं। आज आईसीसी के अध्यक्ष कौन होने चाहिए थे? कोई और नहीं, बल्कि सौरव गांगुली। भले ही वे अभी नहीं बने हैं, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन जरूर बनेंगे। उन्हें रोकना इतना आसान नहीं है।'
वर्तमान में आईसीसी अध्यक्ष का पद जय शाह के पास है। दिसंबर 2024 में वे आईसीसी के सबसे युवा अध्यक्ष बने। इससे पहले वे चार साल तक बीसीसीआई सचिव के पद पर कार्यरत थे। बता दें कि, अक्तूबर 2022 में सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था और रोजर बिन्नी को यह जिम्मेदारी दी गई थी। गांगुली ने 2019 से 2022 तक बीसीसीआई की कमान संभाली थी।
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पहले भी गांगुली का समर्थन कर चुकीं ममता
गांगुली और जय शाह ने 2019 से 2022 तक बीसीसीआई में साथ काम किया। उस दौरान गांगुली का कार्यकाल स्थिर माना गया, हालांकि राजनीतिक हस्तक्षेप की चर्चाएं भी होती रहीं। अक्तूबर 2022 में जब गांगुली को दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिला, तब ममता बनर्जी ने खुलकर उनका समर्थन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि गांगुली को आईसीसी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। ममता ने तब सवाल उठाया था, 'जब अमित बाबू (अमित शाह) के बेटे को बीसीसीआई में रखा गया, तो सौरव गांगुली को क्यों हटाया गया?'
गांगुली और जय शाह ने 2019 से 2022 तक बीसीसीआई में साथ काम किया। उस दौरान गांगुली का कार्यकाल स्थिर माना गया, हालांकि राजनीतिक हस्तक्षेप की चर्चाएं भी होती रहीं। अक्तूबर 2022 में जब गांगुली को दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिला, तब ममता बनर्जी ने खुलकर उनका समर्थन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि गांगुली को आईसीसी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। ममता ने तब सवाल उठाया था, 'जब अमित बाबू (अमित शाह) के बेटे को बीसीसीआई में रखा गया, तो सौरव गांगुली को क्यों हटाया गया?'
भारत के सफल कप्तानों में एक दादा
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने 2000 में मैच फिक्सिंग विवाद के बाद टीम की कमान संभाली और टीम में नया आत्मविश्वास भरा। उन्होंने 49 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें 21 जीते, और 147 वनडे में से 76 में भारत को जीत दिलाई। 2008 में संन्यास लेने के बाद गांगुली ने क्रिकेट प्रशासन में कदम रखा। 2015 में वे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) के अध्यक्ष बने और 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। इस साल सितंबर में उन्होंने फिर से कैब अध्यक्ष के रूप में वापसी की है।
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने 2000 में मैच फिक्सिंग विवाद के बाद टीम की कमान संभाली और टीम में नया आत्मविश्वास भरा। उन्होंने 49 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें 21 जीते, और 147 वनडे में से 76 में भारत को जीत दिलाई। 2008 में संन्यास लेने के बाद गांगुली ने क्रिकेट प्रशासन में कदम रखा। 2015 में वे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) के अध्यक्ष बने और 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। इस साल सितंबर में उन्होंने फिर से कैब अध्यक्ष के रूप में वापसी की है।