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Ravichandran Ashwin: शमी-अगरकर विवाद में कूदे अश्विन, चयनकर्ता और खिलाड़ी के बीच स्पष्ट संवाद पर दिया जोर
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Tue, 21 Oct 2025 11:03 AM IST
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सार
अश्विन ने भले ही संवाद में कमी को स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने स्थिति को पेशेवर तरीके से संभालने के लिए अजीत अगरकर की भी प्रशंसा की।

रविचंद्रन अश्विन
- फोटो : ani
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विस्तार
पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं के बीच बेहतर स्पष्टता की आवश्यकता पर जोर दिया है। अश्विन का बयान ऐसे समय सामने आया है जब मोहम्मद शमी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए नहीं चुने जाने के बाद विवाद गहराया है। इस अनुभवी स्पिनर ने भारतीय क्रिकेट में अक्सर अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले संवाद की आलोचना की और भ्रम और गलतफहमियों को रोकने के लिए सुधार की मांग की।

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क्यों हुआ शमी-अगरकर का विवाद?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नहीं चुने जाने पर शमी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि वह पूरी तरह फिट हैं और बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की उपलब्धता ही इसका सबूत है। उन्होंने यह भी कहा था कि 'चयनकर्ता को अपनी फिटनेस की जानकारी देना मेरा काम नहीं है'। शमी के इस बयान पर मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने पलटवार करते हुए कहा था कि फिटनेस ही एकमात्र कारण था जिसकी वजह से शमी का चयन नहीं हो सका। मालूम हो कि टीम घोषित होने के बाद अगरकर ने कहा था कि शमी अभी पूरी तरह फिट नहीं है इसलिए उन्हें नहीं चुना गया है, जबकि शमी का कहना था कि अगर वह रणजी ट्रॉफी में खेल सकते हैं तो 50 ओवर के प्रारूप में भी हिस्सा ले सकते हैं।
अश्विन ने कहा, मैं एक बात खुलकर कहूंगा, भारतीय क्रिकेट में सब कुछ अप्रत्यक्ष बातों पर चलता है। मैं सचमुच चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो। खिलाड़ियों की तरफ से भी और प्रशासकों और चयनकर्ताओं की तरफ से भी। मैंने देखा है कि अगर कोई सीधी बात कही जाती है, तो वह खबरों में आ ही जाती है। इसलिए खिलाड़ी में किसी के पास जाकर यह कहने का आत्मविश्वास नहीं होता कि वे यही चाहते हैं।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नहीं चुने जाने पर शमी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि वह पूरी तरह फिट हैं और बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की उपलब्धता ही इसका सबूत है। उन्होंने यह भी कहा था कि 'चयनकर्ता को अपनी फिटनेस की जानकारी देना मेरा काम नहीं है'। शमी के इस बयान पर मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने पलटवार करते हुए कहा था कि फिटनेस ही एकमात्र कारण था जिसकी वजह से शमी का चयन नहीं हो सका। मालूम हो कि टीम घोषित होने के बाद अगरकर ने कहा था कि शमी अभी पूरी तरह फिट नहीं है इसलिए उन्हें नहीं चुना गया है, जबकि शमी का कहना था कि अगर वह रणजी ट्रॉफी में खेल सकते हैं तो 50 ओवर के प्रारूप में भी हिस्सा ले सकते हैं।
अश्विन ने कहा, मैं एक बात खुलकर कहूंगा, भारतीय क्रिकेट में सब कुछ अप्रत्यक्ष बातों पर चलता है। मैं सचमुच चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो। खिलाड़ियों की तरफ से भी और प्रशासकों और चयनकर्ताओं की तरफ से भी। मैंने देखा है कि अगर कोई सीधी बात कही जाती है, तो वह खबरों में आ ही जाती है। इसलिए खिलाड़ी में किसी के पास जाकर यह कहने का आत्मविश्वास नहीं होता कि वे यही चाहते हैं।
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शमी का दिया उदाहरण
उन्होंने शमी की स्थिति को स्पष्टता की कमी के कारण उत्पन्न भ्रम का एक उदाहरण बताया। अश्विन ने कहा, देखिए शमी ने क्या किया। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात की, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन वो ये सब क्यों बोल रहे हैं? क्योंकि उन्हें स्पष्टता नहीं है। अगर उन्हें इस बात की स्पष्टता होती कि उनसे क्या उम्मीदें है तो शमी ये कह पाते या शमी को वो संदेश मिला है और वो उसे जाहिर नहीं कर रहे हैं? हमें हकीकत नहीं पता। इसलिए इस पर अटकलें लगाना गलत है। एक खिलाड़ी के तौर पर जब भी मुझे स्पष्टता नहीं मिलती थी, तो मैं हमेशा थोड़ा निराश महसूस करता था। मैं सोचता था कि अब मैं क्या करूं, मैं किसी से बात करूं? लेकिन अगर मैं बात करूंगा, तो क्या वो लीक हो जाएगा? ये भरोसा बहुत जरूरी है।
उन्होंने शमी की स्थिति को स्पष्टता की कमी के कारण उत्पन्न भ्रम का एक उदाहरण बताया। अश्विन ने कहा, देखिए शमी ने क्या किया। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात की, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन वो ये सब क्यों बोल रहे हैं? क्योंकि उन्हें स्पष्टता नहीं है। अगर उन्हें इस बात की स्पष्टता होती कि उनसे क्या उम्मीदें है तो शमी ये कह पाते या शमी को वो संदेश मिला है और वो उसे जाहिर नहीं कर रहे हैं? हमें हकीकत नहीं पता। इसलिए इस पर अटकलें लगाना गलत है। एक खिलाड़ी के तौर पर जब भी मुझे स्पष्टता नहीं मिलती थी, तो मैं हमेशा थोड़ा निराश महसूस करता था। मैं सोचता था कि अब मैं क्या करूं, मैं किसी से बात करूं? लेकिन अगर मैं बात करूंगा, तो क्या वो लीक हो जाएगा? ये भरोसा बहुत जरूरी है।
अश्विन ने अगरकर की तारीफ की
अश्विन ने भले ही संवाद में कमी को स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने स्थिति को पेशेवर तरीके से संभालने के लिए अजीत अगरकर की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, मुझे अजित अगरकर का यह तरीका बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि अगर शमी कुछ कहना चाहेगा तो मैं फोन करके उससे बात करूंगा। मुझे उम्मीद है कि वो फोन कॉल हो चुका होगा।
अश्विन ने भले ही संवाद में कमी को स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने स्थिति को पेशेवर तरीके से संभालने के लिए अजीत अगरकर की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, मुझे अजित अगरकर का यह तरीका बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा कि अगर शमी कुछ कहना चाहेगा तो मैं फोन करके उससे बात करूंगा। मुझे उम्मीद है कि वो फोन कॉल हो चुका होगा।