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T20 Blind Cricket World Cup: पाकिस्तान के खिलाफ कठुआ की बेटी अनेखा ने मचाया धमाल, भारत आठ विकेट से जीता
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mayank Tripathi
Updated Mon, 17 Nov 2025 05:33 PM IST
सार
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 135 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत की। बल्लेबाज अनेखा ने विस्फोटक पारी खेलते हुए महज 34 गेंद पर 64 रन बनाए जिसमें सात चौके शामिल रहे।
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अनेखा देवी
- फोटो : indusind_bank (instagram)
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विस्तार
टी20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप के अंतिम लीग मुकाबले में भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को आठ विकेट से करारी शिकस्त दी। इस जीत में कठुआ जिले के मशेड़ी गांव की रहने वाली अनेखा देवी ने 34 गेंदों में 64 रन की तूफानी पारी खेलकर अहम भूमिका निभाई। मैन ऑफ द मैच चुनी गईं अनेखा की आतिशी पारी की बदौलत भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया है।
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महज 34 गेंदों में बनाए 64 रन
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 135 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत की। बल्लेबाज अनेखा ने विस्फोटक पारी खेलते हुए महज 34 गेंद पर 64 रन बनाए जिसमें सात चौके शामिल रहे। इस वर्ल्ड कप में अनेखा देवी अपनी टीम के लिए अहम खिलाड़ी साबित हुई हैं। उन्होंने कई निर्णायक मुकाबले में टीम को संभाला।
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 135 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत की। बल्लेबाज अनेखा ने विस्फोटक पारी खेलते हुए महज 34 गेंद पर 64 रन बनाए जिसमें सात चौके शामिल रहे। इस वर्ल्ड कप में अनेखा देवी अपनी टीम के लिए अहम खिलाड़ी साबित हुई हैं। उन्होंने कई निर्णायक मुकाबले में टीम को संभाला।
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दिव्यांगता को लाचारी मानने के बजाय ताकत बनाया
बता दें कि कठुआ की बेटी अनेखा देवी 75 फीसदी दृष्टिबाधित हैं। पिता बिजली विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। परिवार में चाचा और चचेरी बहन भी दृष्टिबाधित हैं। बचपन से ही खेल में रुचि रखने वाली अनेखा ने दिव्यांगता को लाचारी मानने के बजाय इसे अपनी ताकत बनाया।
बता दें कि कठुआ की बेटी अनेखा देवी 75 फीसदी दृष्टिबाधित हैं। पिता बिजली विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। परिवार में चाचा और चचेरी बहन भी दृष्टिबाधित हैं। बचपन से ही खेल में रुचि रखने वाली अनेखा ने दिव्यांगता को लाचारी मानने के बजाय इसे अपनी ताकत बनाया।
चाचा ने पहचाना हुनर
जम्मू-कश्मीर में दृष्टिबाधित टीम न होने के चलते वह दिल्ली की तरफ से भारतीय टीम में शामिल हैं। दृष्टिबाधित अनेखा के चाचा अजय कुमार जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के महासचिव हैं। अजय ने ही भतीजी अनेखा को 18 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि अनेखा को उन्होंने स्थानीय स्कूल से निकालकर जम्मू में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बने विशेष स्कूल में दाखिला कराया। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की ब्लाइंड क्रिकेट टीम नहीं है। लिहाजा पुरुष टीम के साथ प्रशिक्षण करवाया और आज वह देश के लिए खेल रही है।
जम्मू-कश्मीर में दृष्टिबाधित टीम न होने के चलते वह दिल्ली की तरफ से भारतीय टीम में शामिल हैं। दृष्टिबाधित अनेखा के चाचा अजय कुमार जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के महासचिव हैं। अजय ने ही भतीजी अनेखा को 18 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि अनेखा को उन्होंने स्थानीय स्कूल से निकालकर जम्मू में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बने विशेष स्कूल में दाखिला कराया। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की ब्लाइंड क्रिकेट टीम नहीं है। लिहाजा पुरुष टीम के साथ प्रशिक्षण करवाया और आज वह देश के लिए खेल रही है।