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दुनिया भर के हिंसक संघर्षों में मारे गए 12,000 बच्चे, अफगानिस्तान और सीरिया में सबसे ज्यादा मौतें

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: Nilesh Kumar Updated Wed, 31 Jul 2019 05:51 AM IST
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12000 children killed in violent conflicts around the world, Most deaths in Afghanistan and Syria
फाईल फोटो - फोटो : अमर उजाला
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पिछले वर्ष दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हुए सशस्त्र संघर्षों में 12,000 से अधिक बच्चे मारे गए या घायल हुए। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे अफगानिस्तान, सीरिया और यमन में हताहत हुए। संयुक्त राष्ट्र की एक नई  रिपोर्ट में बताया गया है कि ये मौतें या चोट पहुंचाना बच्चों के खिलाफ होने वाले उन 24,000 से अधिक क्रूर हिंसा में शामिल हैं जिनकी संयुक्त राष्ट्र ने पुष्टि की है। 

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  • अफगानिस्तान- 3,062 बच्चों की मौत
  • सीरिया- 1,854 बच्चों की मौत
  • यमन- 1,689 बच्चों की मौत
इन घटनाओं में लड़ाकों द्वारा बच्चों का इस्तेमाल किया जाना या उनकी नियुक्ति करना, यौन हिंसा, अपहरण और स्कूलों एवं अस्पतालों पर हमले शामिल हैं। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस की बच्चों एवं सशस्त्र संघर्षों पर सुरक्षा परिषद को सौंपी गई वार्षिक रिपोर्ट में कई और चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार एवं अंतरराष्ट्रीय बलों द्वारा किए जाने वाले अपराधों की संख्या में खतरनाक वृद्धि देखी गई है। बच्चों के खिलाफ क्रूर अपराध करने वाले देशों को संयुक्त राष्ट्र की काली सूची में शामिल किया गया है, लेकिन इस सूची में अब भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। 

अफगानिस्तान, सीरिया, यमन में बच्चों की मौत सबसे ज्यादा

बच्चों के साथ हिंसा में सबसे बड़ी संख्या अफगानिस्तान की है। पिछले साल अफगानिस्तान में 3062 बच्चे हिंसा में मारे गए। हिंसक घटनाओं में नागरिकों की मौत में 28 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं। सीरिया में एयर स्ट्राइक, हवाई बम हमले में 1,854 बच्चों की मौत हुई और यमन में 1,689 बच्चों की जान चली गई। इस्राइल और फलस्तीन में जारी संघर्ष के बीच 2018 में बच्चों की मौत की संख्या सबसे अधिक रही। 

यूएन महासचिव ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बच्चों के साथ हिंसा की रिपोर्ट पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘2018 में दुनिया भर में बच्चों के साथ जिस तरह की हिंसा हुई है उससे हम बहुत चिंतित हैं। हिंसक संघर्षों में बच्चों को निशाना बनाया जाना बहुत ज्यादा दुखी करने वाला है। इस वर्ष हिंसक संघर्षों में बच्चों की मौत की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है और अंतरराष्ट्रीय समूहों द्वारा भी बच्चों के साथ हिंसा की घटनाएं चिंताजनक हैं।

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