पड़ोसी देश और दुश्मनों की नींद उड़ा देगी यह बैलेस्टिक मिसाइल, समुद्र और जमीन दोनों से हमला करने की क्षमता
पाकिस्तान और चीन के साथ पिछले कुछ समय से तनावपुर्ण माहौल बना हुआ है, ऐसे में भारत का नई मिसाइलों का सफल परीक्षण करना अहम हो जाता है। तीन अक्तूबर को भारत ने शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल के मिसाइल फैमिली का हिस्सा है। जानते हैं कि इस मिसाइल की खासियतें...
शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण
- शौर्य मिसाइल परमाणु क्षमता रखने वाली मिसाइल है।
- सबमरीज लॉन्च्ड बैलेस्टिक मिसाइल होती है।
- रक्षा रिसर्च और विकास संस्थान ने इसे विकसित किया।
- पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम पर इनका नाम रखा गया।
- इस मिसाइल के विकास का कार्यक्रम 1990 के दशक में शुरू हुआ।
नए संस्करण वाली मिसाइल की रेंज 6,000 किमी तक
- भारत पहले कई बार के-4 मिसाइलों का सफल परीक्षण कर चुका है, जिनकी रेंज 3,500 किमी तक रही।
- के-5 और के-6 कोडनेम वाली मिसाइलें विकसित की जा रही हैं, उनकी रेंज 5,000-6,000 किमी तक होगी।
भारत को इन मिसाइल की जरूरत क्यों हैं?
वास्तव में, पाकिस्तान और चीन दोनों ही पड़ोसी और दुश्मन देशों के साथ भारत समुद्र में भी युद्ध के मोर्चे पर है। एक तरफ चीन परमाणु क्षमता वाली कई सबमरीन विकसित कर चुका है, इसलिए भारत के लिए जवाबी कार्रवाई के लिए के-फैमिली की मिसाइलों का सफल परीक्षण करना बेहद जरूरी और अहम हो जाता है।
के-फैमिली के वेरिएंट्स, जमीन और हवा में भी विकसित
ये मिसाइलें सबमरीन यानि कि पनडुब्बियों से भी लॉन्च की जा सकती है। ये मिसाइलें हल्की, छोटी और पकड़ में ना आने वाली मिसाइल हैं। हालांकि के-फैमिली की ज्यादातर मिसाइलें सबमरीन लॉन्च ही हैं, लेकिन इसके जमीनी और हवाई वेरिएंट भी डीआरडीओ ने विकसित किए हैं।
के-फैमिली मिसाइल की अहमियत?
भारत की परमाणु मिसाइल को लेकर नीति यह है कि वह इनसे हमले की पहल नहीं करेगा। इसके बावजूद, दुश्मन को जवाब देने के लिहाज से सुरक्षा को मजबूत करने त्रिस्तरीय न्यूक्लियर शक्ति के विकास में इन मिसाइलों का होना महत्वपूर्ण है। समुद्र बेस्ड, पानी के अंदर न्यूक्लियर क्षमता से लैस हमलावर मिसाइलें होने से भारत की परमाणु शक्ति दोगुनी हो जाती है।