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Chamoli: बादल फटने से मचा कोहराम...पांच दिन बाद घर में बजनी थी शादी की शहनाई, मलबे में बह गए परिवार के अरमान

प्रमोद सेमवाल, संवाद न्यूज एजेंसी, सेरा (चमोली)। Published by: रेनू सकलानी Updated Fri, 19 Sep 2025 06:57 AM IST
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सार

चमोली जनपद के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार की देर रात करीब दो बजे बिनसर पहाड़ी की चोटी पर बादल फटने और अतिवृष्टि से फाली लगा कुंतरी, सैंती लगा कुंतरी और धुर्मा गांव में भारी तबाही हुई है। इस आपदा में 10 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से 2 लोगों के शव बरामद हुए हैं जबकि 7 की तलाश जारी है। वहीं करीब 16 घंटे बाद एक व्यक्ति को राहत दलों ने मलबे से निकाल लिया। मलबे की चपेट में आकर 10 आवासीय मकान भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं।

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चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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बुधवार रात भारी बारिश और बादल फटने ने नंदानगर क्षेत्र में कोहराम मचा दिया। इस आपदा ने सिर्फ जान-माल का नुकसान ही नहीं किया बल्कि कई परिवारों के अरमान भी मलबे और पानी में बह गए। जिस घर में पांच दिन बाद शादी की शहनाई बजने वाली थी वह अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। बेटी की शादी की सारी तैयारियां, जेवरात और सामान सब कुछ मोक्ष गदेरे की बाढ़ में बह गया।

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सेरा गांव में महिपाल सिंह गुसांई के परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उनकी दूसरी बेटी नीमा की शादी 23 सितंबर को होनी तय है। घर में शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थीं। मकान का रंग-रोगन हो चुका था और शादी के लिए खाद्यान्न, कपड़े और यहां तक कि जेवरात भी घर में रखे हुए थे। इन दिनों पूरा परिवार शादी के आयोजन में जुटा हुआ था।

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बुधवार रात को करीब 2 बजे धुर्मा क्षेत्र में बादल फटने से मलबे के साथ आए पानी से मोक्ष गदेरे का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। सेरा गांव इसी गदेरे के किनारे बसा है। तड़के करीब 3 बजे तक गदेरे का पानी पूरे वेग पर था। अनहोनी की आशंका को देखते हुए लोग अपने घरों को छोड़कर सेरा-मोख सड़क पर आ गए।
 

सात परिवारों के मकान बह गए।

सुबह करीब 3:30 बजे तेज बहाव में महिपाल सिंह गुसांई, माधो सिंह, कुंवर सिंह, विनोद सिंह, राजेंद्र सिंह, बिजमा देवी और अवतार सिंह सहित सात परिवारों के मकान बह गए। महिपाल सिंह की पत्नी देवेश्वरी देवी ने अपनी आंखों के सामने अपने घर को बहते हुए देखा। उन्होंने बताया, गदेरे का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था इसलिए हम सब ने घर छोड़ दिया था। जब मैं मोख सड़क पर पहुंचीं तो देखा कि जिस जगह मेरा मकान था वहां अब केवल पत्थर और रेत का ढेर बचा है।

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महिपाल सिंह का कहना है कि बेटी नीमा और बेटा मेरे साथ गोपेश्वर मेें थे। हमें बृहस्पतिवार को घर पहुंचना था लेकिन बुधवार रात को ही मोक्ष गदेरे के तेज बहाव में मकान बह गया है। अब परिवार के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि बेटी की शादी कैसे होगी।

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