Uttarakhand: स्कूलों में बच्चे पढ़ेंगे मोबाइल के नुकसान, शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया -SOP जारी की जाएगी
स्कूलों में बच्चों को एसओपी जारी कर बताया जाएगा कि मोबाइल कितने समय तक देंखे। इससे अधिक समय तक देखने से किस तरह का नुकसान हो सकता है। ृशिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत का कहना है कि कई विकसित देशों ने मोबाइल को लेकर एसओपी जारी की है।

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प्रदेश में कई बच्चे अपनी किताब से ज्यादा समय मोबाइल पर बिता रहे हैं। मोबाइल की इस लत से उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसे देखते हुए स्कूलों में अब बच्चों को मोबाइल के नुकसान के बारे में पढ़ाने की तैयारी है। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के मुताबिक इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ ही विभाग एसओपी भी जारी करेगा।

शिक्षा मंत्री के मुताबिक अधिकतर समय मोबाइल पर रहने से बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। स्कूलों में बच्चों को एसओपी जारी कर बताया जाएगा कि मोबाइल कितने समय तक देंखे। इससे अधिक समय तक देखने से किस तरह का नुकसान हो सकता है। पाठ्यक्रम में भी इसे जगह दी जाएगी। हालांकि सरकारी स्कूलों में 12 वीं कक्षा तक मोबाइल लाने पर रोक है, लेकिन देखने में आया है कि घर पर कई बच्चे अधिक समय मोबाइल पर रहते हैं।
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
वहीं, छोटे बच्चों के रोते ही अभिभावक भी उन्हें मोबाइल पकड़ा देते हैं। शिक्षा मंत्री के मुताबिक कई विकसित देशों ने मोबाइल को लेकर एसओपी जारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिक्षा मंत्री की बैठक में घर में नो मोबाइल जोन बनाने व उन्हें इसके नुकसान के बारे में बताने को कहा है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मोबाइल फोन के कारण ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। छात्र पढ़ाई शुरू करते हैं, लेकिन संदेशों, गेम या सोशल मीडिया के कारण उनका ध्यान भटकता है।
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इसके अलावा सोने से पहले मोबाइल देखते रहने से छात्रों के लिए सोना मुश्किल हो जाता है। इससे थकान, आलस्य और अगले दिन कक्षा में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। कुछ छात्र यदि अपने फोन के इस्तेमाल का मौका नहीं पाते हैं तो वे चिंतित या चिड़चिड़े हो जाते हैं।
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