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Uttarakhand: जलवायु परिवर्तन...जंगली मुर्गा झेल जाएगा क्लाइमेट चेंज की मार, चीड़ फिजेंट को होगी मुश्किल

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Thu, 16 Oct 2025 09:51 AM IST
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सार

साल 2015 में एक अध्ययन किया गया, जिसमें बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के पक्षियों और वन्य जंतुओं पर क्या असर पड़ेगा। अध्ययन में पूरे हिमालय क्षेत्र को लिया गया है।

Climate change impact Wild fowl will suffer the brunt of climate change  pine pheasant will face difficulties
जंगली मुर्गा। - फोटो : संवाद
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जलवायु परिवर्तन के कारण पहाड़ों में 2000 से 3500 मीटर की ऊंचाई में मिलने वाले चीड़ फिजेंट जैसे बड़े पक्षियों पर प्रभाव पड़ने की आशंका है। जबकि जंगली मुर्गा जैसे पक्षी प्रभाव को सह सकते हैं, इन पर कम असर पड़ने की आशंका है।

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यह बात भारतीय वन्यजीव संस्थान में चल रहे अध्ययन में सामने आई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान में जलवायु परिवर्तन का असर पक्षियों और वन्य जंतुओं पर क्या पड़ेगा? इसको लेकर वर्ष- 2015 में अध्ययन (नेशनल मिशन फॉर सस्टेनिंग द हिमालयन इकोसिस्टम) शुरू किया गया था।
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कई पक्षियों को लेकर हो सकती है मुश्किल
संस्थान के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट विनीत दुबे कहते हैं कि अध्ययन में पूरे हिमालय क्षेत्र को लिया गया है। जिस तरह की स्थिति है अगर दो से तीन से दशक में एक से दो डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ता है, तो इसका अधिक असर पक्षियों पर दिखाई दे सकता है।

पहाड़ के मध्य क्षेत्र में मिलने वाले कई पक्षियों को लेकर मुश्किल हो सकती है। इसमें अगर उत्तराखंड की बात करें तो 2500 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाले चीड़ फिजेंट, जुजुराना तिब्बतन स्नो काक पर असर दिखाई दे सकता है।

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यहां पर एक जैसा जंगल और स्थिति होने के कारण यहां के पक्षी न तुलनात्मक तौर पर अधिक गर्म वाले इलाके में नीचे की तरफ और ऊंचाई में अधिक ठंडे वाले इलाकों में जा सकते हैं।

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