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उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला: प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना मंजूर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 07 May 2020 09:55 PM IST
सार

  • उद्योग लगाने या छोटा व्यवसाय लगाने के लिए मिलेगी 15 से 25 प्रतिशत सब्सिडी
  • मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25 लाख, सर्विस सेक्टर में कारोबार के लिए 10 लाख मिलेगी सब्सिडी
  • पहाड़ों में 25 प्रतिशत और मैदानी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी
  • सरकार ने की योजना के लिए 15 करोड़ के बजट की व्यवस्था की

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Lockdown 3.0: Uttarakhand cabinet approved Chief Minister self-employment scheme for Migrants
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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कोरोना महामारी से लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड लौटे प्रवासियों के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत अपने गांव लौटे प्रवासी अपने अनुभव के आधार पर मेन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के साथ ही छोटा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गई है।

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सरकार ने इस योजना में उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को पहाड़ों में रोकने पर फोकस किया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की खास बात यह है कि इसमें दुकान खोलने से लेकर मुर्गीपालन, पशुपालन, डेयरी और 25 लाख तक के मैन्युफैक्चरिंग और 10 लाख तक सर्विस सेक्टर के उद्योग लगा सकते हैं।
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आवेदन स्वीकृत होते ही बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही सब्सिडी तुरंत मिल जाएगी। लॉकडाउन से गांव लौटा कोई प्रवासी कृषि, पशुपालन डेयरी, फूड प्रोसेसिंग या किसी तरह की दुकान खोलकर रोजगार करना चाहता है तो सरकार उसे 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। पहाड़ों के लिए 25 प्रतिशत और मैदानी क्षेत्र में कारोबार करने पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी।

15 करोड़ के बजट की व्यवस्था

सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए फिलहाल 15 करोड़ के बजट की व्यवस्था की है। जिससे प्रवासियों को तत्काल योजना का लाभ मिल सके। योजना में सभी तरह के कारोबार और उद्योग लगाने की अनुमति है।

25 लाख से बड़े प्रोजेक्ट को एमएसएमई में मिलेगी सब्सिडी
सरकार 25 लाख से बड़े प्रोजेक्टों को एमएसएमई नीति में अनुदान देगी। एमएसएमई नीति के तहत लगने वाले उद्योगों के लिए 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने की व्यवस्था है। इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से छोटे कारोबार के लिए अनुदान दिया जा रहा है। लेकिन इसमें पशुपालन, मुर्गी पालन समेत अन्य रेड श्रेणी के कारोबार के लिए अनुमति नहीं है।

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