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...ताकि न हो भोपाल गैस कांड जैसा हादसा, 40 रासायनिक कारखानों में होगी मॉक ड्रिल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 05 Feb 2020 11:07 AM IST
सार

  • 12 फरवरी को होगी मॉक ड्रिल, भूकंप, गैस रिसाव, अग्निकांड जैसी दुघर्टनाओं से निपटने की तैयारी की होगी परख 

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Mock drill Will Held In chemical factories to stop Disaster Like Bhopal Gas Tragedy in uttarakhand
- फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर
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विस्तार
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साल 1984 के भोपाल गैस कांड जैसे हादसे दोबारा न हो, इसके लिए उत्तराखंड में 12 फरवरी को करीब 40 रासायनिक उद्योगों में आपदा से निपटने की तैयारी का जायजा लिया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एक साथ मिलकर इस तैयारी को परखेंगे। प्राधिकरणों की तैयारी बुरे से बुरे हालात में उद्योगाें की ओर से बचाव और आपदा से निपटने की तैयारी का आकलन करने की है। 

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वर्ष 1984 में भोपाल में यूनियन कार्बाइड गैस का रिसाव हुआ था। जिसमें सरकार ने स्वीकार किया था कि इससे करीब पांच लाख लोग सीधे प्रभावित हुए और तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। यह पाया गया था कि यूनियन कार्बाइड में सुरक्षा के तीन स्तर थे और तीनों ही एक के बाद एक फेल हो गए। प्रदेश में देहरादून में 4, हरिद्वार में 14 और ऊधमसिंह नगर में करीब 20 बड़े रासायनिक उद्योग हैं।
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एनडीएमए इन जिलों में 12 फरवरी को मॉक ड्रिल का आयोजन करेगी। इसके तहत इन कारखानों में गैस रिसाव से लेकर अन्य तरीके के दुर्घटनाओं की कल्पना की जाएगी और देखा जाएगा कि कारखानों का सुरक्षा प्रबंधन तंत्र कितना काम कर रहा है, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित संस्थाएं किस तरह से हरकत में आया, कारखाना श्रमिकों के साथ ही नागरिकों को बचाने के लिए क्या किया गया। तीनों जिलों में यह मॉक ड्रिल एक साथ होगी। 

बुरे से बुरे हालात की कल्पना 

एनडीएमए के सलाहकार और इस तरह के मामलों के विशेषज्ञ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) वीके दत्ता के मुताबिक मॉक ड्रिल में बुरे से बुरे हालात की कल्पना की जाएगी। आपदा की शुरूआत एक बड़े भूकंप से होगी।

इस भूकंप के बाद रासायनिक कारखानों में गैस रिसाव, एलपीजी वाले कारखानों में गैस सिलेंडरों के फटने जैसे हालात सामने आएंगे। इससे आपदा प्रबंधन की शब्दावली में वर्स्ट केस सिनेरियो कहा जाता है। 

नागरिकों को भी करेंगे जागरूक
वीके दत्ता के मुताबिक किसी कारखाने में हादसे से आसपास के लोग भी प्रभावित होते हैं। चुनौती है कि इन लोगों को कैसे प्रभावित न होने दिया जाए। सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी के मुताबिक हादसों से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। उद्योगों को भी सुरक्षा संबंधित व्यवस्था का पूरा जायजा लेने को कहा गया है। 

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