Uttarakhand: मोबाइल पर पता चलेगा कहां है कूड़ा गाड़ी और सफाई कर्मचारी, एआई आधारित निगरानी डैशबोर्ड होगा लागू
शहरी विकास विभाग एआई आधारित निगरानी डैशबोर्ड लागू करने जा रहा है। निकायों में 250 नई गाड़ियां आएंगी। साथ ही लोग मोबाइल एप पर शिकायत भी कर सकेंगे।

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उत्तराखंड के नगर निकायों में जल्द ही कूड़ा गाड़ी की मनमानी रुकेगी। शहरी विकास विभाग कूड़ा गाड़ी और सफाई कर्मचारियों की निगरानी का एआई आधारित तंत्र विकसित करने जा रहा है। निकायों में कूड़ा उठान के लिए नई गाड़ियों के साथ ही सफाई कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

इस बार स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश के कई निकायों का प्रदर्शन हतोत्साहित करने वाला रहा। ज्यादातर निकायों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के कमजोर तंत्र को सबसे पहले मजबूत करने की योजना बनाई है। इसके तहत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की निगरानी के लिए रियल टाइम ट्रैकिंग पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किया जाएगा।
नगर निगमों, पालिकाओं और नगर पंचायतों में लाइव लोकेशन के आधार पर कचरा संग्रहण के कार्य में लगी गाड़ियां और मैनपावर की सटीक जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी। प्रत्येक नागरिक अपने क्षेत्र और एरिया में चलने वाली गाड़ी की लाइव ट्रैकिंग देख सकता है। अगर गाड़ी नहीं आएगी तो उसकी शिकायत भी कर सकता है। इससे पहले हरियाणा में यह निगरानी तंत्र लागू किया गया है। इसके अध्ययन के लिए जल्द ही राज्य से एक टीम हरियाणा भी जाएगी।
250 नई गाड़ियां आएंगी, स्वच्छता समितियां फिर होंगी सक्रिय
शहरी विकास निदेशालय जल्द ही करीब 250 नए कूड़ा उठान वाहन खरीदने जा रहा है। इसकी निविदा जारी कर दी गई है। देहरादून समेत सभी निकायों को ये वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे निकायों में कूड़ा उठान वाहनों की किल्लत खत्म हो जाएगी। उधर, निकायों में स्वच्छताकर्मियों की कम संख्या को देखते हुए मानव संसाधन बढ़ाया जाएगा। इसके लिए स्वच्छता समितियां बनाई जाएंगी, जिसकी निगरानी का काम भी इसी पोर्टल के माध्यम से होगी।
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स्वच्छता रैंकिंग की समीक्षा की जा रही है। इसी कड़ी में सबसे पहले डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण को 100 प्रतिशत करने पर काम किया जा रहा है। आईटी विभाग के सहयोग से निगरानी पोर्टल विकसित होगा। -नितेश कुमार झा, सचिव, शहरी विकास