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फर्जीवाड़ा: मोनाड यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा लेकर यूपी-बिहार ही नहीं उत्तराखंड में भी पा ली नौकरी, जांच के आदेश

बिशन सिंह बोरा, अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 08 Dec 2025 08:42 AM IST
सार

 मोनाड यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा लेकर यूपी-बिहार ही नहीं उत्तराखंड में भी कई लोगों ने नौकरी पा ली। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए है। कई राज्यों में फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बांटने के लिए यूनिवर्सिटी चर्चाओं में आई थी।

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Orders for investigation against teachers employed in Uttarakhand with diplomas from Monad University
शिक्षक - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश की मोनाड यूनिवर्सिटी से कुछ लोग डिग्री-डिप्लोमा लेकर यूपी-बिहार ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी सरकारी नौकरी पा चुके हैं। जो शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि यूपी से डीएलएड कर भर्ती हुए शिक्षकों का 19 दिसंबर 2025 को उप शिक्षा अधिकारी के सामने स्थायी निवास के दस्तावेजों का मिलान किया जाएगा।

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यूपी एसटीएफ की जांच में हापुड की मोनाड यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री बनाने का मामला सामने आया था। जांच में यह भी आया कि इस डिग्री-डिप्लोमा के आधार पर महाराष्ट, बिहार और हरियाणा में भी कई लोग नौकरी पा चुके हैं। अमर उजाला में प्रदेश में 2917 बेसिक शिक्षक के पदों पर भर्ती में हो रहा खेल शीर्षक खबर के प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद विभाग ने पड़ताल की तो पता चला कि यूपी से कई लोग डीएलएड करने के बाद उत्तराखंड में सहायक अध्यापक प्राथमिक के पदों पर भर्ती हो गए हैं। सहायक अध्यापक के पद पर भर्ती होने वालों में कुछ लोग हापुड की मोनाड यूनिवर्सिटी से बीएलएड किए हैं।

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यूपी से डीएलएड कर उत्तराखंड में भर्ती हुए 37 शिक्षकों की सूची जारी

शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश से डीएलएड व बीएलएड करने के बाद उत्तराखंड में सहायक अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा के पद पर भर्ती हुए 37 शिक्षकों की सूची जारी की है। देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और बागेश्वर जिले के स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों को विभाग ने स्थायी निवास के दस्तावेजों के मिलान के लिए तलब किया है।

एक अभ्यर्थी एक समय में दो राज्यों का स्थायी निवासी कैसे

जिला शिक्षा अधिकारी टिहरी नरेश कुमार ने जारी आदेश में कहा, अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश के स्थायी निवास के आधार पर डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त किया। ऐसे अभ्यर्थियों ने उत्तराखंड के स्थायी निवास के आधार पर सहायक अध्यापक प्राथमिक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। एक अभ्यर्थी एक समय में दो राज्यों का स्थायी निवासी कैसे हो सकता है। इन शिक्षकों ने तथ्यों को छिपाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर नौकरी पाई है। यदि ये एक राज्य के स्थायी निवासी सही हैं तो दूसरे राज्य के अवैध माने जाएंगे।

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यूपी एसटीएफ जांच में यह बात आई सामने

देहरादून। यूपी एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई कि मोनाड यूनिवर्सिटी से करीब एक लाख फर्जी डिग्री बनाई गई। इसमें से 200 से ज्यादा लोग विभिन्न राज्यों में सरकारी नौकरी में हैं।

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