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Uttarakhand: परिवहन विभाग फास्ट टैग से वसूलेगा ग्रीन सेस, अफसरों को योजना बनाने के निर्देश

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Sat, 08 Jun 2024 12:37 PM IST
सार

कर चोरी रोकने के लिए विभागीय अभिसूचना तंत्र और ऑडिट विंग को मजबूत करने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता लेने का सुझाव दिया।

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Transport department will collect green cess from fast tag Uttarakhand News in hindi
मीटिंग - फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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विस्तार
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परिवहन विभाग बाहर से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूलेगा। ग्रीन सेस की वसूली फास्ट टैग के माध्यम से होगी। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने परिवहन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा, वे कर चोरों पर शिकंजा कसें। साथ ही अफसरों को ग्राउंड वाटर व सरफेस वाटर के वाणिज्यिक प्रयोग पर भी टैक्स लगाने के भी निर्देश दिए।

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कहा, एसजीएसटी की समीक्षा में कर चोरी रोकने के लिए विभागीय अभिसूचना तंत्र और ऑडिट विंग को मजबूत करने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता लेने का सुझाव दिया। कहा, कर चोरी रोकने के लिएपरिवहन विभाग द्वारा सड़कों में स्थापित किए गए एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाए। इसके लिए परिवहन विभाग के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित हो।

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एसीएस राजस्व प्राप्ति की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रस्तुतीकरण से खनन, वन, आबकारी, ऊर्जा, परिवहन, वित्त, सिंचाई से होने वाली आय के बारे में जानकारी ली। खनन के लिए निर्धारित लक्ष्यों की समीक्षा में उन्होंने वन निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम को अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाने की हिदायत दी।

प्रभावी पैरवी के निर्देश 
उन्होंने निर्देश दिए कि खनन के संबंध में दायर वादों की प्रभावी पैरवी की जाए। इसके लिए सचिव खनन व प्रमुख सचिव वन की एक संयुक्त बैठक की जाए। खनन के लिए नए लॉट्स चयनित करने की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने खनन विभाग के सभी प्रकरणों को पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। कहा, खनन से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाए, ताकि खनन, कर, परिवहन एवं वन निगम को होने वाले राजस्व की हानि रोकी जा सके। उन्होंने वन निगम डिपो में लंबे समय से रखी कीमती लकड़ियों को वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित करने एवं उनके समय से बिक्री की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कहा, जड़ी-बूटी के दोहन की योजना तैयार कर ली जाए। निगम के डिपो में सोलर प्लांट लगाने के भी निर्देश दिए।

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दो साल में सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर

उन्होंने यूपीसीएल बिलिंग और कलेक्शन को प्रभावी बनाने और गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि दो साल के भीतर पूरे प्रदेश को प्री-पेड मीटर से आच्छादित कर दिया जाएगा। वर्तमान में 16 लाख प्री-पेड मीटर लगाने की प्रक्रिया गतिमान है। जिनसे सभी शहर कवर होंगे। इसके लिए गढ़वाल तथा कुमाऊं मंडल में अलग-अलग टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। एसीएस ने गत वर्षों की राजस्व प्राप्ति शेष रहने पर नाराजगी जाहिर की।

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