{"_id":"6807b7d8797085691700daed","slug":"upsc-result-2025-anju-bhatt-from-dehradun-secured-312th-rank-passed-exam-by-studying-at-home-2025-04-22","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"UPSC Result: उत्तराखंड की अंजू भट्ट ने पास की सिविल सेवा परीक्षा, घर पर की तैयारी, चौथे प्रयास में पाई सफलता","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
UPSC Result: उत्तराखंड की अंजू भट्ट ने पास की सिविल सेवा परीक्षा, घर पर की तैयारी, चौथे प्रयास में पाई सफलता
संवाद न्यूज एजेंसी, विकासनगर(देहरादून)
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 22 Apr 2025 09:18 PM IST
विज्ञापन
सार
अंजू भट्ट ने तीन बार सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिभाग किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। बार-बार की असफलताओं से भी उनका मन अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुआ और चौथे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर ली।

अंजू भट्ट
- फोटो : अमर उजाला

Trending Videos
विस्तार
देहरादून के विकासनगर में बरोटीवाला की अंजू भट्ट ने सिविल सेवा परीक्षा पास करके अपने परिवार व गांव का नाम रोशन किया। उन्होंने सिविल सेवा के लिए घर में ही तैयारी की और अपनी मेहनत व लगन से यह साबित कर दिया कि जब कोई अपने लक्ष्य को ठान ले तो उसे पा ही लेता है।
विज्ञापन
Trending Videos
अंजू भट्ट का परिवार मूल रूप से टिहरी जनपद के सिलवाल गांव का रहने वाला है। लेकिन, पिछले काफी वर्षों से वह विकासनगर के बरोटीवाला में ही रहते हैं। उसके पिता किशोरी लाल भट्ट असम रायफल में सूबेदार पद पर नागालैंड में तैनात हैं। माता इंदु भट्ट गृहणी हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने अपनी कक्षा 12 तक की पढ़ाई विकासनगर के एक निजी स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने जनपद सहारनपुर के बादशाही बाग स्थित ग्लोकल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया।
Uttarakhand: 12वीं में पूरी की पूरी क्लास के साथ व्यवस्था फेल, GIC मेदनीपुर के परीक्षाफल ने खड़े किए कई सवाल
चौथे प्रयास में पास की परीक्षा
उन्होंने बताया कि वह कक्षा 10 से ही सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने का मन बना चुकी थीं। इसके लिए उन्होंने घर पर ही तैयारी करना शुरू कर दी। पढ़ाई के साथ-साथ वह तैयारी में जुटी रही। यही नहीं उन्होंने तीन बार सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिभाग किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। बार-बार की असफलताओं से भी उनका मन अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुआ और चौथे प्रयास में उन्होंने परीक्षा को पास करके 312 वीं रैंक हासिल करने में सफलता पा ली। उनकी सफलता से उनके परिवार, गांव में उत्साह व खुशी का वातावरण बना हुआ है।