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Uttarakhand Bjp: मतदान निपटते ही विधायक-नेताओं में खटपट, रानीखेत के विधायक और दायित्वधारी में ठनी

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 25 Apr 2024 09:34 PM IST
सार

Uttarakhand News: दोनों मामलों को लेकर भाजपा नेतृत्व असहज है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विधायक-दायित्वधारी मामले का संज्ञान लेने की बात कही है।

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Uttarakhand Bjp Clash between MLAs and leaders Ranikhet MLA and office clashed
भाजपा - फोटो : प्रतीकात्मक
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विस्तार
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लोस की पांचों सीटों पर मतदान संपन्न होने के बाद अब भाजपा में कतिपय विधायकों और नेताओं के बीच खटपट के मामले सामने आ रहे हैं। अभी टिहरी में पार्टी विधायक किशोर उपाध्याय और पार्टी में शामिल हुए पूर्व मंत्री व विधायक दिनेश धनै के बीच का विवाद ठंडा भी नहीं पड़ा कि रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल और दायित्वधारी कैलाश पंत में ठन गई है।

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दोनों मामलों को लेकर भाजपा नेतृत्व असहज है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विधायक-दायित्वधारी मामले का संज्ञान लेने की बात कही है। टिहरी में विवाद ने तब तूल पकड़ा, जब पार्टी विधायक किशोर उपाध्याय का टीएचडीसी इंडिया के अधिशासी निदेशक को भेजा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पत्र में उपाध्याय ने पूर्व मंत्री दिनेश धनै के बारे में लिखा कि उन्होंने एक बैठक में उन पर आरोप लगाया कि टीएचडीसी में उनके और उनके समर्थकों के ठेके चल रहे हैं।
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उन्होंने पत्र में आरोप से गहन पीड़ा होने का जिक्र किया। साथ ही ठेकेदारों के बारे में यह ब्योरा मांगा कि वे किसकी सिफारिश पर कार्य कर रहे हैं। उधर, धनै ने कहा, उन्होंने पार्टी फोरम पर सुझाव रखा था। इस बीच पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र को अनुशासन से जोड़ा है। इससे विवाद खासा गरमा गया है।

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इस बीच सोशल मीडिया पर लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की एक लाइन की पोस्ट राम तेरी गंगा मैली हो गई के भी सियासी निहितार्थ टटोले गए और इसे 2022 में कांग्रेस के टिकट पर उनके खिलाफ चुनाव लड़ी अनुकृति गुसाईं भाजपा में शामिल होने पर प्रतिक्रिया के तौर पर देखा गया।

उनकी इस पोस्ट पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी टिप्पणी करने से नहीं चूके थे। उन्होंने लिखा था कि महंत दलीप रावत की व्यथा ये है सभी असली भाजपाइयों की कथा। कुल मिलाकर भाजपा के भीतर नेताओं में खटपट थमने का नाम नहीं ले रही और इसे लेकर कांग्रेस भी तंज करने से नहीं चूक रही।

विस चुनाव के दौरान पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने कहा, मेरे रिश्तेदार और समर्थकों का टीएचडीसी में ठेका चल रहा है, जिससे मैं आहत हुआ हूं। इस वास्तविक स्थिति को जानने के लिए मैंने टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक को पत्र भेजा है। टीएचडीसी को चाहिए कि वह स्पष्ट करे कि मेरे किस रिश्तेदार और समर्थकों को ठेका दिया गया है। ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके। मेरे पर लगाए गए आरोपों के संबंध में मैंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भी पत्र भेजा है। -किशोर उपाध्याय, विधायक टिहरी

पार्टी फोरम की बैठक में कार्यकर्ता अपनी बात रखने के साथ ही पार्टी प्रत्याशी को विजय बनाने का सुझाव दे रहे थे। मेरी बारी आने पर मैंने भी सुझाव दिया और कहा कि चुनाव के समय में अपने व्यक्तिगत कार्यों को छोड़ कर सभी को पार्टी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार प्रसार में अधिक समय देना चाहिए। यदि किसी कार्यों की जांच कराई जानी जरूरी है तो सीबीआई या ईडी से कराई जानी चाहिए। टीएचडीसी क्या जांच करेगी।
-दिनेश धनै, पूर्व मंत्री

किसी भी कार्यकर्ता और पदाधिकारी को अपनी बात पार्टी फोरम के अंदर रखनी चाहिए। तभी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है। सोशल मीडिया पर जो पत्र वायरल हुआ है पार्टी उसका संज्ञान पार्टी लेगी। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-राजेश नौटियाल, जिलाध्यक्ष भाजपा टिहरी

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