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Uttarakhand News: शिक्षा विभाग के कारनामे भी अजीबोगरीब, वेतन और वेतनवृद्धि के लिए तरसे शिक्षक और कर्मचारी

बिशन सिंह बोरा, अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 24 Nov 2025 08:36 AM IST
सार

शिक्षा विभाग में शिक्षक और कर्मचारी वेतन और वेतनवृद्धि को तरस गए हैं। शिक्षकों को शर्त पूरी करने के बाद भी वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है।

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Uttarakhand education Department: Teachers and employees yearn for salary and increment
शिक्षक - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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शिक्षा विभाग के कारनामे भी अजीबोगरीब हैं, विभाग में 580 सीआरपी, बीआरपी की नियुक्ति को तीन महीने होने को हैं, लेकिन इन्हें अब तक वेतन नहीं मिला। वहीं, 69 औपबंधिक सहायक अध्यापकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी उनसे औपबंधन नहीं हटा। इससे इन शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से वर्षो बाद इस साल सितंबर में सीआरपी, बीआरपी की भर्ती की गई। 955 में से 580 पदों के लिए भर्ती की गई, लेकिन इन पदों पर भर्ती सीआरपी, बीआरपी को नियुक्ति के तीन महीने होने को हैं, इन्हें अब तक वेतन नहीं मिला।

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शिक्षा विभाग का कहना है कि एमओयू में यह तय किया गया है कि पहले कंपनी वेतन देगी, इसके बाद कंपनी शिक्षा विभाग से इसकी मांग करेगी। कंपनी को सीआरपी, बीआरपी का वेतन देने के लिए कहा गया है। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान बताते हैं कि सीआरपी, बीआरपी को समय पर वेतन न मिलना उनके साथ अन्याय है। वह इस मामले में अपर शिक्षा सचिव एमएम सेमवाल से मिलकर उन्हें स्थिति से अवगत करा चुके हैं। उधर, प्रदेश में वर्ष 2001 से 2003 तक नियुक्त 802 शिक्षा मित्रों को 2015 में औपबंधिक सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दी गई।
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जो प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इन शिक्षकों को इस शर्त के साथ औपबंधिक सहायक अध्यापक बनाया गया कि टीईटी करने के बाद औपबंधन हटा दिया जाएगा। इसके हटने से उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ मिलने लगेगा, लेकिन 69 औपबंधिक सहायक अध्यापकों टीईटी किए एक साल से अधिक हो चुका है, इसके बाद भी उनका औपबंधन नहीं हटा।

यह है मामला

देहरादून। शिक्षा मित्रों के टीईटी पास न होने से उन्हें औपबंधिक सहायक अध्यापक बनाया गया था। उत्तराखंड समायोजित प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित द्विवेदी के मुताबिक शिक्षकों ने टीईटी इस वजह से नहीं की थी क्योंकि इनकी नियुक्ति के समय आरटीई एक्ट लागू नहीं था, एमएचआरडी और एनसीटीई ने भी इसे स्पष्ट किया था, लेकिन टीईटी करने के बाद कुछ शिक्षकों से औपबंधन हटाकर उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया, जबकि इन शिक्षकों को छोड़ दिया गया।

आरटीई एक्ट लागू होने से पहले से राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। -ललित द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष समायोजित प्राथमिक शिक्षक संघ

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सीआरपी, बीआरपी का वेतन देने के लिए आउटसोर्स एजेंसी को लिखा गया है, एमओयू में भी इस पर स्थिति स्पष्ट की गई है। -डॉ मुकुल सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा

 

टीईटी कर चुके औपबंधिक सहायक अध्यापकों को भर्ती में कुछ अंकों की वरियता दी जा रही है। भर्ती मेरिट में आने के बाद ही इन शिक्षकों से औपबंधन हटेगा। -अजय कुमार नौडियाल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा


 

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