गणेश गोदियाल: भाजपा लांछन-हथकंडे अपनाती है, कांग्रेस सिद्धांतों से चुनाव लड़ती; अमर उजाला पर स्पेशल इंटरव्यू
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अमर उजाला से खास बातचीत की। इस दौरान गोदियाल ने कहा कि भाजपा के कुचक्रों व उसके सांगठनिक संगठनों के षड्यंत्र से पिछली बार चुनाव हार गए। कांग्रेस के किस नेता ने धर्म विशेष के लिए विश्वविद्यालय खोलने की बात कही। कोई भी यह साबित कर दे तो मैं सार्वजनिक जीवन से त्यागपत्र दे दूंगा।
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उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने फिर राजनीतिक बिसात पर कुछ मोहरे बदले हैं हालांकि इनमें कोई नया नाम या नया चेहरा नहीं है। गणेश गोदियाल पर केंद्रीय नेतृत्व ने दूसरी बार भरोसा जताया है। इस बीच गोदियाल गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़े।
गोदियाल को ऐसे समय पार्टी की कमान सौंपी गई है जब देश में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर कोई उत्साहजनक माहौल नहीं है। नए कांग्रेस अध्यक्ष गोदियाल से संपादक अनूप वाजपेयी ने पार्टी के पुराने प्रदर्शन, जमीनी संगठन न होने की परेशानियों, लोगों को रिझाने और बड़े नेताओं की बयानबाजियों की चुनौती के बीच उनके रोडमैप पर बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
आपको ऐसे समय में जिम्मेदारी मिली है जब सबसे पुरानी पार्टी राज्यों में अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है। किस तरह उत्तराखंड में पार्टी को आगे ले जाएंगे?
कांग्रेस न तो देश में कमजोर है और न ही राज्य में। सबका एक दौर होता है। एक समय था जब कांग्रेस का सिंबल मिलना ही जीत की गारंटी होती थी। निश्चित रूप से भाजपा की कई राज्यों में सरकार है। भाजपा सांसदों की संख्या ज्यादा है, बावजूद लोकसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 99 है। इसलिए भाजपा नेताओं का कांग्रेस मुक्त भारत का नारा एक शिगूफा है।
पार्टी के प्रति जो विश्वास लोगों में था वह कमजोर हुआ है, कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी?
समय बलवान होता है। समय का अपना चरित्र है एक जैसा नहीं रहता है। मेरा विश्वास है कि उत्तराखंड के लोग कांग्रेस की हकीकत को समझेंगे, पार्टी की उपयोगिता को समझेंगे। मेरी अंतरआत्मा कह रही है कि वो इस बार तस्वीर बदल देंगे। ऐसी कोई अस्वभाविक बात नहीं है जो कांग्रेस पार्टी के कदम पीछे खींचती हो। भाजपा चुनाव के दौरान लांछन और हथकंडे अपनाती है। अनैतिक तरीके से बड़े नेताओं की ओर से जनता के बीच झूठ परोसा जाता है। सत्ता के दम पर भाजपा डर दिखाती है और धमकाने का काम करती है। वहीं इसके उलट कांग्रेस अपने सिद्धांतों और तौर तरीकों से चुनाव लड़ती है।
आपको नहीं लगता है जो कारतूस भाजपा के लिए होने चाहिए पार्टी नेता आपस में गिन रहे हैं। कोई कह रहा बुझे हुए कारतूस, नए कारतूस, कोई कारतूस के खोखे की कीमत बता रहा?
पूर्व मंत्री हरक सिंह ने कहा मैं चुनाव जीतने की क्षमता वालों को टिकट देने की मंशा रखता हूं। मीडिया ने हमारे दूसरे नेता से कहा हरक सिंह तो ऐसा कह रहे हैं। हरीश रावत ने भी कहा कि बुझे खोखे भी काम आते हैं। जबकि दोनों नेताओं ने बात अलग-अलग परिप्रेक्ष्य में कही थी। किसी भी राजनीतिक दल का पहला प्रयास होता है कि चुनाव जीतने की क्षमता वाले को टिकट दिया जाए। कई बार राजनीतिक दलों ने ऐसे लोगों को भी टिकट दिए जिन पर हत्या व दुराचार के मुकदमे हैं। यदि मैं भी जीतने की क्षमता नहीं रखता हूं तो मुझे भी टिकट नहीं मिलना चाहिए।
वरिष्ठ व युवा नेताओं में कैसे तालमेल में बैठाएंगे?
एक दिन में सब कुछ मेरे अनुसार नहीं हो सकता है। पार्टी हाईकमान ने जिस मकसद से मुझे कमान सौंपी है। हमारी टीम के अन्य सदस्यों को स्थान दिया है। आपस में तालमेल के साथ आगे बढ़ें। मैं स्वीकार करता हूं कि सबसे बड़ी जवाबदेही मेरी है। अभी तक तालमेल रखने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता साफ छवि की है। मैं अपने लिए जो फल चाहता हूं वह भगवान के हवाले है। साफ मन से दूसरों से की गई अपेक्षा अधिकांश पूरी होती है। यह मेरे जीवन का एक अनुभव है। उत्तराखंड की राजनीति मैं जो बात करता हूं उसका अधिकांश लोगों पर असर होता है।
पिछला कार्यकाल बहुत छोटा था, आपको नहीं लगता पार्टी उसे ही आगे बढ़ाती तो आज और मजबूत होती?
जो होता है अच्छे के लिए होता है। जिस दिन मैं अध्यक्ष पद से हटा मुझे उस दिन ही विश्वास था एक दिन वापस आऊंगा। उस समय मुझे लगा अध्यक्ष पद से हटना उचित है। नहीं हटता तो कई किंतु-परंतु होते। जिस ऊर्जा के साथ आज में वापस आया हूं वह भी धीरे-धीरे क्षीण हो जाती। निर्वतमान अध्यक्ष करन माहरा ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली, उन्होंने मायूसी उम्मीद में बदली है।
संगठन व नेताओं में क्या कमियां और मजबूत पक्ष हैं?
कांग्रेस की अपनी राजनीतिक विरासत सच्चाई के मार्ग पर चलने की रही है। भाजपा के कुचक्रों व उसके सांगठनिक संगठनों के षड्यंत्र से पिछली बार चुनाव हार गए। कांग्रेस के किस नेता ने धर्म विशेष के लिए विश्वविद्यालय खोलने की बात कही। कोई भी यह साबित कर दे तो मैं सार्वजनिक जीवन से त्यागपत्र दे दूंगा। भाजपा इस तरह के झूठ फैलाने में माहिर है। मेरे जाली हस्ताक्षर से पूरे प्रदेश में पत्र जारी किया गया। कांग्रेस ने इन चीजों में महारथ हासिल नहीं की। हमने इन अनुभवों से आगे की सीख ली है। भाजपा के झूठ व कुचक्रों को भांपकर सजग हैं। राजनीति में कभी ऐसा नहीं देखा कि कोई एक झूठ फैला दे और प्रधानमंत्री उसका समर्थन करें।
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बदली हुई राजनीति को देखकर आपको भी खुद को बदलना होगा या पुराने ढर्रे पर ही मुकाबला करेंगे?
हम वो नहीं कर सकते हैं, भाजपा व आरएसएस के ढर्रे पर नहीं चल सकते हैं। आरएसएस भावनाओं को ध्यान में रखकर एक प्लेटफार्म तैयार करता है, इससे समाज को नुकसान होता है। इन लोगों का कहना है खिचड़ी मांग कर खाते थे अब भाजपा में फाइव स्टार कल्चर आ गया है। कांग्रेस अपने हथियार से जीत दर्ज करेगी।