Uttarakhand Budget 2023: कुशल प्रबंधन...बाजार के उधार से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही सरकार
वर्ष 2018-19 में सरकार ने 6300 करोड़ का कर्ज बाजार से लिया था। 2019-20 में 5100 करोड़, 2020-21 में 6200 करोड़, 2021-22 में 3200 करोड़ कर्ज बाजार से लिया गया, लेकिन 2022-23 में महज 2500 करोड़ का ऋण बाजार से लिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की बाजार के कर्ज पर निर्भरता कम हो रही है।
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भराड़ीसैंण विधानसभा में वित्त मंत्री ने राज्य का बजट भाषण पढ़ा तो इसमें सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन की झलक भी दिखी। यह भी देखने को मिला कि सरकार लगातार बाजार के कर्ज पर निर्भरता कम कर रही है। अपने स्त्रोतों से राजस्व की वसूली को बढ़ा रही है।
हर साल सरकार के लिए बाजार का उधार काफी महंगा साबित होता था। वर्ष 2018-19 में 6300 करोड़ का कर्ज बाजार से लिया था। 2019-20 में 5100 करोड़, 2020-21 में 6200 करोड़, 2021-22 में 3200 करोड़ कर्ज बाजार से लिया गया, लेकिन 2022-23 में महज 2500 करोड़ का ऋण बाजार से लिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की बाजार के कर्ज पर निर्भरता कम हो रही है।
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कुशल वित्तीय प्रबंधन के तहत प्रदेश में विभिन्न करों से 16951 करोड़ राजस्व वसूली का अनुमान नए बजट में लगाया है। इसमें राज्य कर से 7396.33 करोड़ (19.28 प्रतिशत वृद्धि), स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन से 1849.23 करोड़ (16.30 प्रतिशत वृद्धि) और वाहन कर से 1300 करोड़ (12.55 प्रतिशत वृद्धि) शामिल है। आगामी बजट में राजकीय स्वयं कर राजस्व में बजट अनुमान के सापेक्ष करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जो कि करीब 19,982 करोड़ है।