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उत्तराखंड: येलो अलर्ट के बाद कई जगह हुई बारिश, मसूरी रोड पर हुआ भूस्खलन, लगा तीन किमी लंबा जाम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Tue, 21 Sep 2021 08:52 PM IST
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सार

Uttarakhand Weather Updates Today: मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

Uttarakhand Weather Forecast Updates Today: Heavy Rainfall Yellow Alert in garhwal and Kumaon
मसूरी रोड पर लगा जाम - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मसूरी शहर में बारिश लोगों के लिए फिर मुसीबत बनकर आई। गलोगीधार के पास भूस्खलन होने से मसूरी-देहरादून मार्ग करीब डेढ़ घंटे तक बंद रहा। इससे दोनों ओर वाहनों की करीब तीन किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। इससे पर्यटक और स्थानीय लोग परेशान रहे।

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मंगलवार को शहर में करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के कारण गलोगीधार की पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। इससे सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आ गए। सड़क पर करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। कई अन्य मार्गों पर भी मलबा और पत्थर आने की सूचना है।

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स्थानीय निवासी धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि गलोगी की पहाड़ी से बार-बार गिर रहे पत्थर और मलबे से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसके बावजूद प्रशासन इसके ट्रीटमेंट के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। वहीं, लोनिवि के अपर सहायक अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह खैरा ने कहा कि जेसीबी से मलबा और पत्थर हटाए गए। कहा कि पहाड़ से बार-बार मलबा आने से सड़क खोलने में परेशानी हो रही है।

भारी बारिश के आसार
उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में आज भी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ भारी बारिश के आसार जताए हैं। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में एक या दो दौर की भारी बारिश हो सकती है। वहीं, बारिश के बाद ऋषिकेश के रानीपोखरी में देर रात जाखन नदी में पानी फिर बढ़ गया। जिससे आवाजाही बंद हो गई है।

मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को स्थिति पर पैनी नजर रखने और अपने-अपने क्षेत्रों में उपस्थित रहने की हिदायत दी है। उन्होंने आपदा की खबर मिलने पर तत्काल राहत कार्रवाई करने को कहा है।

साथ ही उप जिलाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्रों में रहने और क्षेत्रीय लेखपालों से जानकारियां हासिल करने की हिदायत दी है। जिलाधिकारीने आपदा प्रबंधन में लापरवाही मिलने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में सोमवार शाम से मंगलवार तड़के तक बारिश हुई। 

बदरीनाथ हाईवे बंद, यमुनोत्री हाईवे खुला

सोमवार देर रात से बारिश के बाद सुबह यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड और पालीगाड़ के पास मलबा आने से बंद हो गया था। करीब तीन घंटे बाद हाईवे को सुचारू कर दिया गया है। लेकिन दलदल के साथ ही पत्थरो के गिरने के कारण आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है। वहीं, बदरीनाथ हाइवे देर रात से पगलनाला में मलबा आने से बंद है। एनएच की जेसीबी मशीनें हाईवे को खोलने में जुटी हैं। 

घरों में घुसा बारिश का पानी, लोगों ने अन्यत्र ली शरण
कर्णप्रयाग में बारिश के कारण लंगासू में सड़क का पानी लोगों के घरों में घुस गया। ऐसे में लोगों में अफरातफरी मच गई। अनहोनी की आशंका को देखते हुए कई लोगों ने रात में ही घर छोड़ दिए और अन्य लोगों के यहां शरण ली। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान नाली नहीं बनाई है, जिससे पानी सड़क से बहकर सीधे उनके घरों में जा रहा है। 

लंगासू के पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष कैलाश खंडूड़ी ने कहा कि सोमवार रात दो बजे बारिश तेज होने से सड़क का पानी सूरज रावत, राजेंद्र डिमरी, अयोध्या नैनवाल, लक्ष्मी प्रसाद आदि के मकानों में घुस गया और पीछे की दीवार भी बारिश से टूट गई। अनहोनी के डर से लोगों ने घरों को छोड़कर अन्य जगह पर शरण ली। कहा कि ऑल वेदर के कर्मचारियों ने नाली नहीं बनाई है, जिससे सड़क का पानी घरों में जा रहा है। पीड़ितों ने लंगासू के पटवारी प्रदीप रावत को प्रार्थना पत्र देकर मौका मुआयना कर मुआवजा देने और जल्द पानी की निकासी की व्यवस्था करने की मांग की। शारदा देवी और इंदु रावत ने कहा कि जब बारिश तेज हुई तो डर के कारण वे घरों से बाहर आ गए और बाद में बाल्टियों से घर में जमा हुए पानी और मलबे को हटाया।

जाखन नदी पर बना वैकल्पिक मार्ग क्षतिग्रस्त सात घंटे यातायात बाधित

जाखन नदी रानीपोखरी में अलसुबह जलस्तर बढ़ने से वैकल्पिक मार्ग (कॉजवे) क्षतिग्रस्त हो गया। इससे कॉजवे पर वाहनों का सात घंटे यातायात बाधित रहा। सुबह 10 बजे लोनिवि ने कॉजवे को दुुरुस्त कर वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। 

पहाड़ों में लगातार जारी बारिश से मंगलवार अल सुबह तीन बजे जाखन नदी में एक बार फिर पानी बढ़ गया। पानी के साथ बहकर आए कुछ पेड़ों की शाखाएं ह्यूम पाइप में फंस गई। निकासी बंद होने से पानी कॉजवे के ऊपर से बहने लगा। इससे कॉजवे क्षतिग्रस्त हो गया। सूचना मिलते ही लोनिवि के अधिकारियों के निर्देश पर ठेकेदार और उनके श्रमिक मौके पहुंच गए। आवाजाही बंद होने से रोजाना आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह से ही मशीनों आदि से रास्ते को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया।

करीब 10 बजे कॉजवे को ठीक कर यातायात को सुचारू कर दिया। कॉजवे बंद होने के दौरान ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर वाहनों की काफी लंबी लाइनें लग गई। लोनिवि के सहायक अभियंता सतीश कुमार ने बताया कि पानी के अधिक ओवरफ्लो होने से कॉजवे क्षतिग्रस्त हुआ था। हालांकि नौ बजे रास्ता ठीक कर दिया था। पानी का जलस्तर कम होने के साथ सुबह दस बजे तक यातायात पूरी तरह से सुचारू हो गया। इधर, सूचना मिलने पर लोनिवि के मुख्य अभियंता एनपी सिंह भी मौके पर पहुंचे और सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। समय पर यातायात शुरू होने पर सभी ने राहत की सांस ली। इस दौरान अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, अवर अभियंता ओमप्रकाश चंद्रा और ठेकेदार रणजोध सिंह आदि थे।

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