सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Uttarkashi Landslide on Yamunotri walking route rescue operation resumed people buried under rubble Death

Uttarkashi Landslide: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ शुरू, कुछ और लोगों के दबे होने की है आंशका

संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तरकाशी Published by: रेनू सकलानी Updated Tue, 24 Jun 2025 02:50 PM IST
विज्ञापन
सार

यमुनोत्री धाम के पैदल पर मार्ग पर बीते सोमवार को अचानक पहाड़ी से भूस्खलन होने से अफरा-तफरी मच गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गईथी। तेज बारिश के कारण रात करीब नौ बजे रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया था। आज सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

Uttarkashi Landslide on Yamunotri walking route rescue operation resumed people buried under rubble Death
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

यमुनोत्री धाम के पैदल पर मार्ग पर सोमवार को पहाड़ी से हुए भूस्खलन के बाद आज सुबह फिर से खोज बचाव अभियान शुरू किया गया है। सोमवार को नौकैंची के समीप मलबा बोल्डर आने से कई लोग उसमें दब गए थे। सोमवार देर शाम तक एक 12 वर्षीय किशोरी समेत दो शव निकाल दिए गए थे, वहीं एक घायल को उपचार के लिए भेजा गया था। एक से दो और लोगों के दबे होने की आशंका है। रात करीब नौ बजे तेज बारिश होने के कारण रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया था।

loader

जानकारी के अनुसार, जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौैकैंची के पास अचानक बोल्डर और मलबा गिर गया था। उस दौरान पैदल मार्ग पर जा रहे करीब चार से पांच लोग बोल्डर के साथ खाई में जा गिरे। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंची। मलबे और बोल्डर के नीचे दबे मुंबई निवासी रशिक को बाहर निकालकर उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीचट्टी भेजा। मलबे में दबने वालों की पहचान हो गई है।

विज्ञापन
विज्ञापन


मृतकों की हुई पहचान
हरिशंकर पुत्र ओमप्रकाश,  उम्र  47 वर्ष, उत्तर प्रदेश
ख्याति पुत्री हरिशंकर, उम्र नौ साल, उत्तर प्रदेश

घायल की पहचान
रसिक भाई पुत्र वस राम भाई , प्रतापनगर वेस्ट मुंबई, महाराष्ट्र

गुमशुदा - 
भाविका शर्मा पुत्री जॉय शर्मा, उम्र 11 वर्ष, दिल्ली
कमलेश जेठवा पुत्र कांतिबाई, उम्र 35 वर्ष, महाराष्ट्र

पैदल यात्रियों को रोका गया
मिली जानकारी के मुताबिक, जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 9 कैंची के पास रेस्क्यू कार्य शुरू होने के साथ ही सुरक्षा के लिहाज से और रेस्क्यू कार्य में व्यवधान उत्पन्न न होने के कारण यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने कहा कि जिला अधिकारी के पहुंचने पर भंडेली गाड़ यमुनोत्री वैकल्पिक मार्ग पर आवाजाही संचालित करने का निर्णय लिया जाएगा।

घटनास्थल के लिए यमुनोत्री विधायक रवाना
सुरक्षा के लिहाज से ढाई किमी का भंडेली गाड़ यमुनोत्री वैकल्पिक पैदल मार्ग भी काफी जोखिम भरा है। यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल भी घटनास्थल पर पहुंचे।

26 जून तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ने 22 से 26 जून तक राज्य के देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चंपावत में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इसके मद्देनजर यूएसडीएमए के अधीन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसओईसी) ने संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर सावधानी बरतने को कहा है। इसमें आपदा प्रबंधन आईआरएस के नामित अधिकारी व विभागीय नोडल अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे।

बरसात में सुक्की के सात नाले गंगोत्री हाईवे पर बनेंगे मुसीबत

गंगोत्री हाईवे पर सुक्की के सात नालों पर वर्षों से बॉर्डर रोड ऑर्गनाईजेशन की ओर से सुधारीकरण और सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए गए हैं। इस कारण यह नाले हर बरसात में सड़क पर आवाजाही में मुसीबत बनते हैं। इस संबंध में कई बार स्थानीय प्रशासन और बीआरओ से कई बार वहां पर सुरक्षात्मक कार्यों की मांग कर चुके हैं।

स्थानीय निवासी संजय राणा, मनोज नेगी, भागवत पंवार, दीपक राणा, अजय नेगी आदि का कहना है कि हर्षिल घाटी सहित गंगोत्री और भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने का गंगोत्री हाईवे एक मात्र साधन है। इसमें हर्षिल घाटी शुरू होने से पहले ही हाईवे पर सात नाले हर वर्ष बरसात में मुसीबत बनते हैं। इस कारण चारधाम यात्रा के यात्रियों सहित आठ गांव के ग्रामीणों और सेना व आईटीबीपी के जवानों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ये भी पढ़ें...Kedarnath Yatra: धाम के लिए हेली सेवा का पहला चरण संपन्न, अब मानसून खत्म होने के बाद फिर से शुरू होगी

क्योंकि कई बार बरसात में इन नालों में जलस्तर बढ़ने और मलबा आने के कारण यह कई दिनों तक सड़क बंद रहती है। क्योंकि सड़क पर सात स्थानों पर एक साथ मलबा आने के कारण मशीनरी को इसे साफ करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर कई बार बारिश होने पर इन नालों में जलस्तर बढ़ने के कारण दोपहिया और छोटे वाहनों के बहने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और बीआरओ से इन सात नालों में सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed