बारिश बहुत तेज है, कमरे में आ जाओ वहां रहना ठीक नहीं है... सोमवार-मंगलवार की रात मालदेवता में आई आपदा में बहे सहारनपुर के चार मजदूरों ने आखिरी बार यही शब्द सुने थे। इसके बाद अचानक बीस फीट तक पानी का उछाल आया और चारों तेज बहाव में बह गए। अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है।
चारों मजदूरों के परिजन अब अपनों की तलाश में सहारनपुर से दून में भटक रहे हैं।सहारनपुर के फतेहपुर स्थित मिरपुर निवासी मिथुन, श्यामलाल, धर्मेंद्र और विकास कुमार दून के मालदेवता में एक सप्ताह पहले ही पत्थर तोड़ने का काम करने आए थे।
वे ठेकेदार के अधीन काम कर रहे थे और वहीं कमरे पर रह रहे थे। जिस समय मालदेवता में आपदा आई उससे करीब एक घंटे पहले ही उनकी धर्मेंद्र के भाई से बात हुई थी जिसमें उन्होंने बारिश के कारण जल्दी घर आने की बात कही थी। लेकिन मालदेवता में आपदा ने इस तरह कहर बरपाया कि चारों युवक पानी के तेज बहाव में बह गए। चारों के परिजन सहारनपुर से देहरादून अपनों की तलाश में पहुंचे हैं।
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देहरादून आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बुधवार को प्रभावित इलाकों में अपनों की तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। आपदा में लापता धर्मेंद्र के भाई प्रवीण ने बताया कि चारों के साथ अन्य लोग भी कुछ ही दूरी पर थे। जिस समय आपदा आई उस समय काफी बारिश हो रही थी।
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मजाड़ा में हुए भूस्खलन के दौरान मकान में घुसे मलबे को निकाले एनडीआरएफ की टीम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उन्होंने चारों को अपने कमरे पर बुलाया था। कहा था कि हमारे कमरे में आ जाओ वहां रहना ठीक नहीं है लेकिन इतनी ही देर में पानी का बीस फीट तक उछाल आया और चारों तेज बहाव में बह गए।
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लापता लोगों की ढूंढखोज
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्रवीण ने बताया कि 15 सितंबर की रात नौ बजे ही उनकी धर्मेंद्र से बात हुई थी।
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देहरादून आपदा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उस समय भी मालदेवता में तेज बारिश हो रही थी। जिस समय बारिश थी वो बाहर ही थे और जल्द घर आने की बात कही थी लेकिन आपदा का मंजर ऐसा था कि पल भर में चारों को बहा ले गया।