{"_id":"691bd6648217be2a8d0b48bc","slug":"anil-ambani-summoned-by-delhi-court-in-defamation-case-2025-11-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"'41 हजार करोड़ की हेराफेरी': अनिल अंबानी के मानहानि मामले में समन जारी, इन मीडिया संस्थानों से मांगा जवाब","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
'41 हजार करोड़ की हेराफेरी': अनिल अंबानी के मानहानि मामले में समन जारी, इन मीडिया संस्थानों से मांगा जवाब
संवाद न्यूज एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: अनुज कुमार
Updated Tue, 18 Nov 2025 07:44 AM IST
सार
कड़कड़डूमा कोर्ट ने अनिल अंबानी के मानहानि मुकदमे में कोबरापोस्ट सहित कई मीडिया संस्थानों को समन जारी किया। अदालत ने रिपोर्टिंग पर एकतरफा रोक लगाने से इनकार कर दिया और दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही अंतरिम राहत पर फैसला लेने का निर्णय लिया जाएगा।
विज्ञापन
अनिल अंबानी (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
विज्ञापन
विस्तार
कड़कड़डूमा कोर्ट ने उद्योगपति अनिल अंबानी की ओर दायर मानहानि के मामले में कुछ मीडिया संस्थानों को समन जारी किए हैं। हालांकि, अदालत ने शुरुआती चरण में एकतरफा रोक (इंटरिम इन्जंक्शन) लगाने से इन्कार कर दिया।
Trending Videos
अदालत ने कहा कि वह रिपोर्टिंग पर रोक लगाने जैसे आदेश देने से पहले मीडिया पक्ष की दलीलें भी सुनेगी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश विवेक बेनीवाल ने कहा कि इस समय एकतरफा अंतरिम राहत की जरूरत नहीं दिखती। इसलिए समन जारी किए जा रहे हैं, कोई एकतरफा आदेश नहीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
अनिल अंबानी की ओर से पेश वकील ने भी अदालत से कहा कि वे एकतरफा आदेश पर जोर नहीं दे रहे, बल्कि चाहते हैं कि किसी भी अंतरिम राहत पर फैसला करने से पहले दोनों पक्षों को सुना जाए। अदालत ने यह आग्रह स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 5 दिसंबर तय की है।
अनिल अंबानी का आरोप है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में उनकी कंपनियों पर 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी का आरोप लगाया गया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा और निवेशकों का विश्वास प्रभावित हुआ। उनका कहना है कि ये रिपोर्ट बिना ठोस प्रमाण के प्रकाशित की गईं और झूठी और भ्रामक हैं। ये दावे 30 अक्तूबर को प्रकाशित एक जांच रिपोर्ट से जुड़े बताए गए हैं, जिसमें 2006 से रिलायंस समूह की कुछ संस्थाओं के बीच बड़ी धनराशि इधर-उधर किए जाने का आरोप लगाया गया था।
अंबानी ने अदालत से अनुरोध किया है कि मामले के निपटारे तक इन आरोपों पर आगे कोई प्रकाशन या प्रसार न किया जाए। उनके मुकदमे में कोबरापोस्ट, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड, लाइव मीडिया एंड पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड और जॉन डो प्रतिवादियों को शामिल किया गया है, जो कथित रूप से ऐसे कंटेंट को आगे बढ़ा सकते हैं।