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Congress AAP Alliance: दिल्ली में होगा आप और कांग्रेस का गठबंधन, लेकिन फैसला अभी भी अधर में; जल्द होगा समझौता!
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 13 Feb 2024 08:03 AM IST
सार
दिल्ली में आप-कांग्रेस के गठबंधन का रास्ता खुला है। आप के बड़े नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। आप की पीएसी की बैठक आज होगी। इसमें दिल्ली को छोड़ अन्य राज्यों के लिए उम्मीदवार पर चर्चा होगी।
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राहुल-केजरीवाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सीटों को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर संशय बरकरार है। दोनों ही पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन फैसला अभी भी अधर में है।
मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर सुबह साढ़े 11 बजे राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में गोवा की एक, गुजरात की 26 और हरियाणा की दस लोकसभा सीटों पर फैसला हो सकता है। जबकि इस बैठक में दिल्ली की सातों सीटों पर कोई विचार नहीं होगा।
इसके अलावा बैठक में पंजाब के 13 सीटों पर भी कोई विचार करने का फैसला नहीं है। सूत्रों की माने तो दिल्ली में गठबंधन के रास्ते अभी भी खुले हुए हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि यदि दोनों मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को हराया जा सकता है।
दोनों पार्टी के वोटर का कैडर एक है। यदि अलग होकर लड़ते हैं तो वोट बंट जाएंगे और इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी कुछ इसी तरफ इशारा करते हैं।
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मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर सुबह साढ़े 11 बजे राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में गोवा की एक, गुजरात की 26 और हरियाणा की दस लोकसभा सीटों पर फैसला हो सकता है। जबकि इस बैठक में दिल्ली की सातों सीटों पर कोई विचार नहीं होगा।
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इसके अलावा बैठक में पंजाब के 13 सीटों पर भी कोई विचार करने का फैसला नहीं है। सूत्रों की माने तो दिल्ली में गठबंधन के रास्ते अभी भी खुले हुए हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि यदि दोनों मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को हराया जा सकता है।
दोनों पार्टी के वोटर का कैडर एक है। यदि अलग होकर लड़ते हैं तो वोट बंट जाएंगे और इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी कुछ इसी तरफ इशारा करते हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि आप के बड़े नेता कांग्रेस के संपर्क में है और कोशिश की जा रही है कि दिल्ली में समझौता हो जाए। समझौता का फायदा दोनों पार्टी को होगा। ऐसे में आने वाले दिनों में ही दिल्ली को लेकर कुछ स्पष्ट हो पाएगा। उसके बाद ही स्थिति साफ होगी कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के नेता मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या अलग-अलग।