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CPCB की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: दिल्ली की फिजा में घुला ‘धातु का जहर’, पीएम10 स्तर ने तोड़ी सुरक्षा सीमा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विकास कुमार Updated Fri, 07 Nov 2025 03:42 AM IST
सार

रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली की हवा में पीएम2.5 कणों से चिपके जिंक, क्रोमियम, कॉपर और मोलिब्डेनम जैसे हेवी मेटल्स की ज्यादा मात्रा का जिक्र था। ये धातुएं फेफड़ों, किडनी और बच्चों के विकास को नुकसान पहुंचा सकती हैं। 

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CPCB report reveals worrying levels of copper chromium zinc and molybdenum in Delhi air
पीएम10 स्तर ने तोड़ी सुरक्षा सीमा - फोटो : PTI
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विस्तार
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राजधानी की हवा में भारी धातु मौजूद है, जिसमें तांबा, जस्ता, क्रोमियम और मोलिब्डेनम की सांद्रता क्षेत्र में कुल कण पदार्थ (पीएम 10) सांद्रता के 0.1 से 2 फीसदी के बीच है। इसके अलावा, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ दिनों में चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में पीएम10 (वायु में बारीक धूल कण) का औसत सांद्रता 130 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया, जो राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम से कहीं अधिक है। इसका खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी अपनी हालिया रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के अनुसार, हवा में खतरनाक धातुओं की मौजूदगी भी उच्च स्तर पर पाई गई। रिपोर्ट के अनुसार, तांबा की औसत सांद्रता 55.13 नैनोग्राम प्रति घन मीटर, क्रोमियम की 12.25, मोलिब्डेनम की 0.91, और जिंक की 243.5 नैनोग्राम प्रति घन मीटर रही।

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देशभर के 10 बड़े शहरों में भारी धातुओं के उच्चतम स्तर पर निगरानी
सीपीसीबी ने खुलासा किया है कि देश के 10 प्रमुख महानगरों में वायु में मौजूद पीएम10 कणों से जुड़ी भारी धातुएं (जैसे जिंक, क्रोमियम, कॉपर और मोलिब्डेनम) का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। अदालत ने पूर्वी दिल्ली में पीएम2.5 से जुड़े भारी धातुओं पर आधारित एक अध्ययन के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था। सीपीसीबी के वैज्ञानिक ई अधिकारी आदित्य शर्मा की तरफ से शपथ-पत्र में बताया गया कि जून-जुलाई 2025 के दौरान 10 महानगरों जयपुर, भोपाल, लखनऊ, अहमदाबाद, दिल्ली, नागपुर, कोलकाता, बेंगलुरु, विशाखापत्तनम और चेन्नई में 40 स्थानों पर निगरानी की गई। प्रत्येक शहर में औसतन 16 दैनिक अवलोकन (24 घंटे) दर्ज किए गए, जो औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और परिवहन क्षेत्रों को कवर करते हैं।

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शाहदरा में पीएम10 का स्तर 222 पहुंचा, हेवी मेटल्स की मात्रा चिंताजनक
रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली की हवा में पीएम2.5 कणों से चिपके जिंक, क्रोमियम, कॉपर और मोलिब्डेनम जैसे हेवी मेटल्स की ज्यादा मात्रा का जिक्र था। ये धातुएं फेफड़ों, किडनी और बच्चों के विकास को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सीपीसीबी की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि दिल्ली की हवा अभी भी जहरीली है। रिपोर्ट के अनुसार, जून-जुलाई 2025 में की गई जांच में दिल्ली के चार इलाकों पीतमपुरा, सरिफोर्ट, जनकपुरी और शाहदरा शामिल रहे। इसमें पीएम10 का औसत स्तर 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर निकला, जो राष्ट्रीय मानक (60 माइक्रोग्राम) से दोगुना से ज्यादा है। सबसे चौंकाने वाली बात, शाहदरा में 18 जून को पीएम10 222 तक पहुंच गया, जहां जिंक की मात्रा 265 नैनोग्राम तक थी। दिल्ली में चार लोकेशन्स पर 16 दिनों की मॉनिटरिंग से साफ पता चला कि पूर्वी दिल्ली का शाहदरा सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां औसत पीएम10 150 माइक्रोग्राम से ऊपर रहा, जबकि सरिफोर्ट में 100 के आसपास रहा। जिंक की सबसे ज्यादा मात्रा पीतमपुरा में 18 जून को 342 नैनोग्राम मिली, जो किडनी और त्वचा की बीमारियों का खतरा बढ़ाती है। कैंसर का कारण बनने वाला क्रोमियम पीतमपुरा में 45 नैनोग्राम (2 जुलाई) तक पहुंचा। कॉपर और मोलिब्डेनम ज्यादातर जांच सीमा से नीचे (बीडीएल) रहे, लेकिन जहां मिले, वहां 4 नैनोग्राम तक।

2024-25 तक 95 शहरों में पीएम10 में कमी दर्ज
सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया कि ये धातुएं मुख्य रूप से पीएम10 कणों से बंधी होती हैं, इसलिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत पीएम10 को 40 फीसदी कम करने का लक्ष्य 2025-26 तक हासिल करने पर जोर दिया जा रहा है। 2017-18 के आधार पर 2024-25 तक 95 शहरों में पीएम10 में कमी दर्ज की गई। 59 शहरों में 20 से अधिक, 20 में 40 फीसदी से अधिक और 17 ने एनएएक्यूएस हासिल कर लिया। हालांकि, दिल्ली जैसे शहरों में अभी भी चुनौती बरकरार है, जहां औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों से प्रदूषण प्रमुख स्रोत हैं। शपथ-पत्र में कहा गया कि एनसीएपी के तहत गैर-अनुपालन वाले शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वायु गुणवत्ता सुधारने पर फोकस है। सीपीसीबी ने भविष्य में अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने की छूट मांगी है।

शहरों में देखे गए औसत मानक
शहर पीएम10 (औसत) कॉपर क्रोमियम मोलिब्डेनम जिंक
जयपुर 94.44 13.33 3.47 0.14 100.2
भोपाल 51.49 51.19 11.47 0.14 547.5
लखनऊ 140.25 25.18 11.04 0.59 264.3
अहमदाबाद 87.47 37.69 5.54 0.94 1774.3
दिल्ली 130.06 7.66 3.35 0.14 24.5
नागपुर 131.06 95.13 8.22 0.93 411.4
कोलकाता 23.19 7.66 0.93 0.14 28.79
बेंगलुरु 66.50 63.77 5.53 0.30 167.9
विशाखापत्तनम 71.25 8.51 10.18 1.55 41.79
चेन्नई 65.50 9.14 15.55 1.30 41.79

(नोट: 1माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर = 1000 नैनोग्राम प्रति घन मीटर स्रोत: सीपीसीबी रिपोर्ट)
 

पीएम10 क्या है?
यह समझना जरूरी है कि पीएम10 क्या है। यह हवा में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें अपनी आंखों से नहीं देख सकते, लेकिन ये हमारे फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं। जब इन कणों के साथ भारी धातुएं मिल जाती हैं, तो इनका खतरा और बढ़ जाता है। तांबा, जस्ता, क्रोमियम और मोलिब्डेनम जैसी धातुएं हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

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