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सेहत की बात: प्यूरीफायर की सफाई गए भूल तो फेफड़ों तक पहुंचेगी धूल, फिल्टर की अनदेखी पड़ सकती है भारी

ज्योति सिंह, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Fri, 07 Nov 2025 08:23 AM IST
सार

एयर प्यूरीफायर से हवा अंदर जाती है और हेपा-कार्बन फिल्टर से गुजरती है तो प्रदूषक, धूलकण, धुआं और एलर्जी पैदा करने वाले तत्व छानकर शुद्ध हवा बाहर छोड़ी जाती है। फिल्टर की भूमिका बेहद अहम होती है।  

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If you forget to clean your air purifier, dust can reach your lungs
प्यूरीफायर की सफाई गए भूल तो फेफड़ों तक पहुंचेगी धूल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली की जहरीली हवा में सांस लेना अब मशीनों के भरोसे है लेकिन सिर्फ एयर प्यूरीफायर लगाना समाधान नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी समय-समय पर मेंटेनेंस जरूरी है वरना स्वच्छ हवा देने वाली मशीन प्रदूषण की वजह बन जाती है। 

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हौज खास स्थित सबसे पुरानी दुकान एरोलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स में सर्विसिंग कराने पहुंचे ग्राहक ने बताया कि बीती रात से प्यूरीफायर काम नहीं कर रहा है। पता चला फिल्टर में जमा मोटी धूल की परत ने इसकी कार्यक्षमता घटा दी और बाद में इसने काम करना बंद कर दिया।

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प्यूरीफायर खरीदते समय कंपनी का ध्यान रखें क्योंकि कई छोटी कंपनियों के पार्ट्स बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से नया प्यूरीफायर खरीदना पड़ता है। रोज 20 से 30 प्यूरीफायर की सर्विसिंग के लिए आ रहे हैं। -विजय ठाकुर, सेल्स मैनेजर ,एरोलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स

एयर प्यूरीफायर जादुई डिवाइस नहीं है। यह तभी तक असरदार है जब उसका फिल्टर समय पर बदला या साफ किया जाए। गंदा फिल्टर हवा को और खराब भी कर सकता है। -संजय मिश्रा, पर्यावरण विशेषज्ञ

एयर प्यूरीफायर से हवा अंदर जाती है और हेपा-कार्बन फिल्टर से गुजरती है तो प्रदूषक, धूलकण, धुआं और एलर्जी पैदा करने वाले तत्व छानकर शुद्ध हवा बाहर छोड़ी जाती है। फिल्टर की भूमिका बेहद अहम होती है।

ऐसे करें सफाई
प्यूरीफायर का फिल्टर बाहर निकालें और सूखे या गीले कपड़े से साफ करें। अगर फिल्टर धोने लायक है तो गुनगुने पानी से हल्के हाथों से धोकर पूरी तरह सूखने दें। वैक्यूम क्लीनर या सॉफ्ट ब्रश से भी इसकी सफाई की जा सकती है। 

रखरखाव का सही तरीका

  • हर हफ्ते: कमरे की सफाई के साथ-साथ प्यूरीफायर के बाहरी हिस्से और वेंट को सूखे कपड़े से पोंछें।
  • हर 3 महीने: फिल्टर को निकालकर हल्के ब्रश या वैक्यूम क्लीनर से साफ करें। फिल्टर वॉशेबल है तो गुनगुने पानी से धोकर सूखने के बाद लगाएं।
  • हर 9 से 12 महीने: हेपा या कार्बन फिल्टर नया लगाएं। दिल्ली जैसी जगहों में फिल्टर जल्दी चोक हो जाता है। 6 से 8 महीने में बदलना बेहतर। 
  • प्यूरीफायर के आसपास एक फुट की खाली जगह रखें ताकि हवा सही से घूम सके। पावर सप्लाई स्थिर रखें, बार-बार ऑन/ऑफ करने से मोटर की लाइफ घटती है।

सर्द हवाओं संग फैला धुआं, अब दिल्लीवासियों की सांसें मशीनों पर टिकीं
दिल्ली में सर्दी की दस्तक के साथ ही हवा जहरीली होती जा रही है और दमघोटूं हवा में सांस लेना तक भारी हो गया है। ऐसे में लोग एयर प्यूरीफायर पर निर्भर हो रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में अचानक कई गुना इजाफा हो गया है। कई दुकानदारों का कहना है कि मांग इतनी तेज है कि स्टॉक दो-दो बार खत्म हो चुका है। इनकी ऑनलाइन बिक्री में भी इजाफा हुआ है।

दिल्ली के कई इलाकों लाजपत नगर, साउथ एक्सटेंशन, रोहिणी और द्वारका के इलेक्ट्रॉनिक स्टोर्स में एयर प्यूरीफायर की बिक्री पिछले एक हफ्ते में 40 से 60 फीसदी तक बढ़ गई है। फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर एयर प्यूरीफायर की बिक्री में 70 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रीत विहार के इलेक्ट्रॉनिक स्टोर मालिक अरमान हुसैन बताते हैं, कुछ मॉडल्स तो हफ्ते भर में आउट ऑफ स्टॉक हो गए हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ संजय मिश्रा का कहना है कि अगर यही रफ्तार रही तो दिल्ली में एयर प्यूरीफायर अब लक्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन जाएगा। आनंद विहार निवासी प्रीति भटनागर कहती हैं, कि सुबह उठते ही बच्चों को खांसी होती है। डॉक्टर ने कहा कि कम से कम घर की हवा साफ रखें। इसलिए हमने एयर प्यूरीफायर लगवाया है।

तेजी से बढ़ी बिक्री
भागीरथ पैलेस में लगभग 2,000 से अधिक बिजली की दुकानें हैं। गफ्फार मार्केट में करीब 500 दुकानें हैं। करोल बाग, लाजपत नगर, चांदनी चौक, लक्ष्मीनगर, नजफगढ़, प्रीत विहार और नेहरू प्लेस नामी जैसे इलेक्ट्रॉनिक बाजारों में दुकानदारों ने बताया कि रोजाना लगभग 5-10 प्यूरिफायर बिक रहे हैं। औसतन प्रत्येक दुकानों से रोजाना दो प्यूरिफायर की बिक्री हो रही है। ऐसे में लगभग 3000 दुकानों से तकरीबन 6000 प्यूरिफायर प्रत्येक दिन खरीदे जा रहे हैं।

लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता घटती है, खासकर बच्चों और बुज़ुर्गों में। एयर प्यूरीफायर पूरी तरह समाधान नहीं है, लेकिन घरों में प्रदूषण के स्तर को 40-50% तक कम करता है। यदि आपके घर में गर्भवती महिला, बुजुर्ग या फिर छोटे बच्चे हैं तो आपको एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। कामकाजी लोग मास्क का प्रयोग करें। शाम को घर लौटकर भाप ले सकते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कुछ इम्यूनिटी बूस्टर का प्रयोग कर सकते हैं। -डॉ. अंकिता गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर यूसीएमएस, श्वसन चिकित्सा विभाग, जीटीबी अस्पताल

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