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Delhi Blast: धौज के बाद अब फरीदाबाद का खंदावली...बम स्क्वाड के साथ 400 पुलिसकर्मियों ने घेरा ईदगाह का इलाका
सोनू यादव, अमर उजाला, फरीदाबाद
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 13 Nov 2025 06:22 AM IST
सार
दिल्ली बम धमाके में कथित रूप से शामिल संदिग्धिों और उनकी मदद करने वालों की दूसरी लाल रंग की ईकोस्पोर्ट कार इसी गांव में मिली। 400 पुलिसकर्मियों ने इलाके को घेर लिया और कार में भारी मात्रा में विस्फोटक होने की आशंका के बीच एनएसजी की टीम ने बम स्क्वाड को मौके पर बुला लिया है।
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दिल्ली बम धमाका
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
2900 किलो विस्फोटक और दिल्ली बम धमाके के बाद चर्चा में आए धौज गांव के बाद अब फरीदाबाद के खंदावली तक आतंक की आंच पहुंच गई है। दिल्ली बम धमाके में कथित रूप से शामिल संदिग्धिों और उनकी मदद करने वालों की दूसरी लाल रंग की ईकोस्पोर्ट कार इसी गांव में मिली। 400 पुलिसकर्मियों ने इलाके को घेर लिया और कार में भारी मात्रा में विस्फोटक होने की आशंका के बीच एनएसजी की टीम ने बम स्क्वाड को मौके पर बुला लिया है। देर रात एक बजे तक कार के आसपास सर्च अभियान जारी था। पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में टीमों ने ले लिया है। सभी टीमें मिलकर मौके पर जांच में जुटी हैं।
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बुधवार शाम को पुलिस को संदिग्ध कार के खंदाली गांव के एक घर के पास खड़ी होने की सूचना मिली तो सेक्टर-58 थाना पुलिस व अपराध शाखा की टीमें यहां पहुंची। मुख्य गांव खंदावली से लगभग 200 मीटर की दूरी पर कुछ लोगों ने खेतों में अपने घर बनाए हैं। ये 10 घर हैं। इन्हीं में रहने वाले फहीम के घर के बाहर ये लाल रंग की कार खड़ी है जो ईदगाह के ठीक बगल में है। पुलिस टीम ने संदिग्धों की कार देखकर सूचना आला अधिकारियों को दी तो फोरेंसिक टीम को बुलाया गया।
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फोरेंसिक टीम की प्राथमिक जांच के बाद यहां एनएसजी को बुलाया गया है। इन 10 घरों को खाली करा दिया गया है। साथ ही आस-पास मौजूद मीडियाकर्मियों को भी यहां की स्थिति देखते हुए काफी दूर भेजा गया है। पूरे इलाके को पुलिस ने सील कर दिया है और यहां जांच व सुरक्षा एजेंसी से जुड़े कुछ चुनिंदा लोगों को ही जाने दिया गया है। इसके चारों ओर लगभग 1 किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है कि कोई वहां न आ सके। इस पूरे कार्य में लगभग 400 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है।
फहीम के साले ने खड़ी की कार
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि फहीम की ससुराल धौज गांव में है। मंगलवार सुबह फहीम का साला ही आकर ये कार यहां खड़ी करके गया था। उसके साथ अन्य व्यक्ति और एक महिला भी थी। फहीम का साला बतौर कार मैकेनिक काम करता है। शक है कि फहीम के साले की धौज स्थित कार वर्कशॉप पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर कार सर्विस कराने आए और वहीं से वो आतंकियों के संपर्क में आया। अब उसने अंजाने में उनकी मदद की है या जान बूझकर, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
एक युवक को ले गई पुलिस
पुलिस दिल्ली नंबर की अर्टिगा कार में एक युवक को यहां से लेकर भी गई है। वो फहीम बताया जा रहा है। हांलाकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस शायद उससे जानकारी लेकर उसके साले व अन्य आरोपियों को पकड़ने के प्रयास कर रही है।
यूनिवर्सिटी में हॉस्टल की एक विंग से कुछ सामान भी किया गया जब्त
सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल को लेकर चर्चा में आई धौज स्थित अल आफिया यूनिवर्सिटी में लड़कों के हॉस्टल की एक विंग को सील करने के साथ ही यहां से कुछ सामान भी जब्त किया गया है। बुधवार दोपहर पुलिस का एक बड़ा टैंपो यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर गया। लगभग डेढ़ घंटे बाद इस टैंपो को पूरी तरह कवर कर बाहर निकाला गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया गया कि हाॅस्टल विंग से जब्त किया गया सामान इसी टैंपो से बाहर निकाला गया। इस सामान को जांच एजेंसियों के कहे अनुसार यहां से जब्त कर निकाल लिया गया है। ये दावा किया जा रहा है कि ये सामान डॉ. मुज्जमिल और डॉ. उमर के दो कमरों से जब्त किया गया है। इसमें काफी मात्रा में दस्तावेज के साथ ही किताबें व अन्य सामान भी उपलब्ध है। यूनिवर्सिटी परिसर में पूरी कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे एक सूत्र ने बताया कि टीम ने हॉस्टल के टॉयलेट से भी कुछ सामान व सैंपल कब्जे में लिया है।
हॉस्टल परिसर के टॉयलेट से जब ये टीम निकली तो इनके हाथ में कई पॉलिथीन थी। इन पॉलिथीन में गीला कॉटन था जो टॉयलेट परिसर से सैंपल के तौर पर लिया गया। सूत्रों की मानें तो ये सैंपल यहां मौजूद किसी तरल पदार्थ का था। ये भी जांच कर पता किया जाएगा कि ये तरल पदार्थ आखिर क्या था जो यहां रखा गया था।
लोग पूछ रहे...कितने संदिग्ध आतंकी घूम रहे हैं फरीदाबाद में
धौज इलाके की अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर से संदिग्ध आतंकी डॉ. मुज्जमिल के गिरफ्तार होने के बाद अब भी कुछ संदिग्ध आतंकी फरीदाबाद में घूम रहे हैं। दिल्ली पुलिस व केंद्रीय जांच एजेंसी जिस लाल रंग की ईकोस्पोर्ट कार को बुधवार को दिनभर ढूंढते रहे, उस कार को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ इलाके के खंदावली गांव में एक प्लॉट में मंगलवार सुबह खड़ा किया गया था। एक स्थानीय निवासी नसीब ने बताया कि ईदगाह में ये प्लॉट लल्लू का है। इसी प्लॉट पर लाल रंग की कार खड़ी है। ये कार मंगलवार सुबह 9 बजे यहां खड़ी की गई। कार को यहां खड़ी करने के बाद उसमें से 2 व्यक्ति और एक महिला उतरे। वे तीनों पैदल यहां से जाने लगे।
एक ग्रामीण ने टोका तो बोले कि अभी आ रहे हैं और उसके बाद वो आए नहीं। जांच एजेंसियां दावा कर रही हैं कि दिल्ली में बम धमाका करने वाले आतंकी मॉड्यूल के कुछ संदिग्ध आतंकी इस लाल रंग की कार को लेकर उसी आई 20 कार के साथ दिल्ली में आए थे। सीसीटीवी कैमरों के आधार पर इस कार का नंबर सामने आया और फिर इसको तलाश करना शुरू किया गया। अब स्थानीय लोगों के दावे के अनुसार दो संदिग्ध लोगों के साथ इस कार को खड़ी करने आई एक महिला भी साथ थी। ये हैरान करने वाला है कि संदिग्ध आतंकियों के साथ एक महिला भी आतंकी मॉड्यूल में शामिल हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर रह चुकी डॉ. शाहीन के बाद ये दूसरी महिला है जिसका जिक्र अब सामने आया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द ही अब चल रही पूरी जांच
दिल्ली में बम धमाके और फरीदाबाद में बरामद 2900 किलो विस्फोटक की जांच अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द की चल रही है। बुधवार को एनआईए, जम्मू कश्मीर पुलिस, यूपी एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल की अलग-अलग टीमें फरीदाबाद पहुंची। इन टीमों ने यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचकर यहां के स्टॉफ व छात्रों से पूछताछ की। सुबह से अलग-अलग टीमें, अपना समय लेकर इन लोगों से यहां पूछताछ में जुटी हैं। वहीं बुधवार को फरीदाबाद पुलिस को एक अन्य बड़ी कामयाबी मिली। दिल्ली धमाके में प्रयोग हुई आई20 कार के अलावा एक अन्य लाल रंग की दिल्ली नंबर की ईकोस्पोर्ट कार चर्चा में आई। ये दावा किया गया कि ये कार भी आतंकियों की आई20 कार के साथ ही दिल्ली में कई घंटे तक घूमती रही। फरीदाबाद पुलिस ने बुधवार शाम लगभग साढ़े 6 बजे ये कार बल्लभगढ़ के खंदावली गांव से ढूंढ निकाली। पुलिस की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसी को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद शाम लगभग 7 बजे फोरेंसिक की टीम इस कार तक पहुंची।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री डाली, पांच गिरफ्तार
सोशल मीडिया में दिल्ली में हाल ही में हुए धमाके के बारे में आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने पर असम पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को सोशल मीडिया में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, प्रदेश की पुलिस सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर घृणा फैलाने या आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी से और कड़ी कार्रवाई करना जारी रखेगी। गिरफ्तार लोगों में दरांग निवासी मती-उर-रहमान, गोलपाड़ा निवासी हसम अली, चिरांग निवासी अब्दुल लतीफ, कामरूप निवासी वजहुल कमाल और बोंगाईगांव निवासी नूर अमीन अहमद शामिल हैं। ब्यूरो
धमाके से 10 दिन पहले दिल्ली में था डॉ. आदिल
आतंकी डॉ. आदिल अहमद की परत दर परत खुलती जा रही है। उसके घर के बाहर कचरे से फ्लाइट का टिकट मिला है, जो 31 अक्तूबर का है। यह टिकट श्रीनगर से दिल्ली का है। इससे साफ स्पष्ट होता है कि धमाके से 10 दिन पहले आदिल दिल्ली में था। वहां से कब सहारनपुर लौटा था यह जांच का विषय है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल अहमद को सहारनपुर से छह नवंबर में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद उसके कश्मीर स्थित घर से एके-47 बरामद हुई थी। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद ही फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री मिली थी। 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाका हुआ था। डॉ. आदिल सहारनपुर में थाना कुतुबशेर क्षेत्र के मानकमऊ स्थित अमन विहार कॉलोनी में किराये के मकान में रहता था। वह जिस मकान में रहता था, उस पर ताला लगा हुआ है। मकान की लगातार निगरानी की जा रही है। मकान के बराबर और सामने खाली प्लॉट है। बुधवार को घर के बाहर कचरे में डॉ. आदिल का फ्लाइट का टिकट मिला है।
किराये पर रहा आदिल, नहीं हुआ था सत्यापन
डॉ. आदिल के करीब एक साल से जिले में होने से नियमित सत्यापन पर सवाल उठ रहे हैं। आदिल करीब आठ महीने से मानकमऊ में किराए के मकान में रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक नहीं लगी। वह दिल्ली रोड पर भी रहा। नियमित सत्यापन नहीं होने से ऐसे आरोपी फायदा उठाते हैं। पूर्व में बांग्लादेशी भी गिरफ्तार किए गए। आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद से जुड़े डॉ. आदिल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उठाया था। वह अंबाला रोड पर फेमस मेडिकेयर अस्पताल में एमबीबीएस एमडी फिजिशियन था। मानकमऊ की अमन विहार कॉलोनी में किराए पर मकान था।
दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार को खरीदा था फरीदाबाद से
दिल्ली के लाल किले में हुए ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार को फरीदाबाद से खरीदा गया था। आतंकियों ने ओएलएक्स के जरिये इसका सौदा किया था। इसके बाद वह फरीदाबाद आकर उसको ले गए थे। इस बात की पुष्टि फरीदाबाद के रॉयल कार जोन के मालिक अमित पटेल ने की। उन्होंने बताया कि कार खरीदने के लिए जो आई डी दी गई। उनमें जो पता था वो पुलवामा का था। उन्होंने यह भी कहा कि कार नाम कराने के लिए दिए गए समय से पहले ही दिल्ली में ब्लास्ट कर दिया गया।
सेक्टर-37 स्थित रॉयल कार जोन के मालिक अमित पटेल ने बताया कि 29 अक्तूबर को ओएलएक्स के माध्यम से एक ग्राहक उनके पास आया था। उस ग्राहक को उनके ऑफिस स्टाफ सोनू ने हैंडल किया। ग्राहक ने हुंडई आई 20 कार मांगी थी। जिनको सोनू ने (मॉडल 2013 या 2014) का माॅडल दिखाया। उसके बाद उनको ग्राहक ने गाड़ी देखने के बाद तुरंत खरीदने का निर्णय लिया। कार को खरीदने के लिए जो दस्तावेज दिए गए उसमें उन्होंने आधार कार्ड और पैन कार्ड दिया था। जिस पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का दर्ज था।