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Delhi Blast: हमास की तरह साजिश रच रहा था आतंकी मॉड्यूल, जिहादी फौज में शामिल करने के लिए होते थे तीन इम्तेहान

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 25 Nov 2025 01:22 PM IST
सार

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमास की तरह साजिश रच रहा था। जिहादी फौज में शामिल करने के लिए मौलवी तीन इम्तेहान लेता था। दिल्ली में लालकिले बम धमाके में एजेंसी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

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Delhi Blast terrorist module plan like Hamas cleric conducted three tests to recruit people into jihadist army
Delhi bomb blast - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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दिल्ली में लालकिले बम धमाके मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एनआईए को ऐसे वीडियो मिले हैं जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच गहरे रिश्तों को उजागर करते हैं। 
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सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि इस साजिश की स्क्रिप्ट फरवरी में लिखी गई थी और अब ये नेटवर्क बेनकाब हो रहा है। दिल्ली धमाके की जांच में पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमास की रणनीति अपना रहा है।
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आईएनए के अधिकारियों के अनुसार व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के कश्मीर से हरियाणा समेत कई राज्यों में नेटवर्क फैला हुआ था। जांच एजेंसियों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल हमास की रणनीति अपना रहा है। 

जानकारों के अनुसार हथियारों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल और अस्पतालों को आर्म्स स्टोरेज के रूप में उपयोग करना हमास के टेरर मैनुअल से मेल खाता है। एजेंसियों की मानें तो हमास की रणनीति का इस्तेमाल करने वाला जैश का सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल कोई संयोग नहीं है।
 

ड्रोन को हथियार बनाने से लेकर अस्पतालों में हथियार रखने तक सब कुछ हमास की आतंकी पुस्तिका से लिया गया लगता है।

मौलवी इरफान जिहादी फौज में शामिल करने को लेता था 3 इम्तेहान
इसी साल की शुरुआत में 5 फरवरी को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने पहली बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रावलकोट में जैश और लश्कर के आतंकवादियों के साथ मंच साझा किया था। हमास नेता डॉ. खालिद कद्दौमी, डॉ. नाजी ज़हीर वहां मौजूद अन्य लोगों में प्रमुख थे। यह बैठक इस बात का संकेत थी कि आतंकी नेटवर्क अब वैश्विक स्तर पर तालमेल बढ़ा रहे हैं।

अल-फलाह में कार्यरत कर्मचारियों के लॉकर की हो रही जांच
अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सामने आए व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के बाद से काफी संख्या में डॉक्टर व स्टॉफ यहां से गायब हैं। ऐसे में जांच एजेंसी की ओर से यहां डॉक्टरों व स्टॉफ के लॉकर की जांच की जा रही है। इसमें चेक किया जा रहा है कि कहीं कोई सबूत तो अपने लॉकरों में छुपाकर ये लोग यहां से नहीं भाग गए हैं।
 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कई लॉकरों से अब तक मोबाइल व टैब आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए जा चुके हैं। ऐसे में साइबर सेल की मदद से भी इनकी जांच कराई जा रही है। ताकि ये पता चल सके कि ये लोग किन-किन लोगों से आगे संपर्क में थे।  

धौज और फतेहपुर तगा में संदिग्ध विस्फोटक मिलने के बाद से स्थानीय पुलिस समेत कई सुरक्षा जांच एजेंसी जांच में जुटी हैं। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि अमोनियम नाइट्रेट निकालने व विस्फोटक बनाने के लिए कई सामान केमिकल आदि फरीदाबाद, नूंह और आस-पास के इलाकों से खरीदे गए थे। पुलिस अब खाद की दुकानों पर जाकर भी जांच कर रही है।
 
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