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Delhi: पैसा, हथियार और संसाधन मुहैया कराने वालों पर भी लगेगा मकोका; सभी बड़े केस सेल को होंगे ट्रांसफर

पुरुषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 27 Nov 2025 06:10 AM IST
सार

अगर जिला पुलिस किसी बदमाश व गैंगस्टर पर मकोका लगाती है तो वह मामला विचार के लिए सेल में जाएगा। सेल ये भी सलाह देगी की मकोका का केस दर्ज होगा या नहीं।

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Delhi: MCOCA will also be imposed on those providing money
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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अब महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के सभी केस दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में बनी मकोका सेल में ट्रांसफर होंगे। अगर जिला पुलिस किसी बदमाश व गैंगस्टर पर मकोका लगाती है तो वह मामला विचार के लिए सेल में जाएगा। सेल ये भी सलाह देगी की मकोका का केस दर्ज होगा या नहीं।

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अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार पैसा, हथियार और संसाधन मुहैया कराने वालों पर मकोका लगेगा। अपराध शाखा ने विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक 2024 में चार मकोका केस दर्ज हुए हैं। इनमें एक नया और तीन ट्रांसफर होकर सेल में आए हैं। इनमें 19 अपराधी गिरफ्तार किए गए, जिनमें से एक उत्तर-पूर्वी जिले से है। वहीं 2025 में भले कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ हो, लेकिन पुराने केसों में 17 अपराधियों को दबोचा गया। उनमें तीन फिर यमुना पार के ही है।
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शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2024 में सट्टा गैंग के खिलाफ मकोका की धारा लगाई थी। राजीव नगर, मांडोली निवासी सगीर अहमद उर्फ अकील अहमद की गिरफ्तारी हुई थी। सगीर उर्फ साटा गैंग सट्टे और जुए के साथ-साथ सीमापार से आने वाले हथियारों के जरिए अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखता था। इसी क्रम में 2025 में जाफराबाद के अब्दुल नासिर गैंग के शमीम उर्फ बदर, आदिल और मोहम्मद स्लीम सरीफ उर्फ पिस्टल को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में बिल्डरों और कारोबारियों से मोटी रकम लेकर उन्हें सुरक्षा देता था।

शाखा ने बदली अपनी रणनीति
शाखा ने अब अपनी रणनीति को पूरी तरह बदल दिया है। अब छिपे चेहरों पर भी वार होगा जो इन गिरोहों को पैसा, हथियार और संसाधन मुहैया कराते हैं। कई फाइनेंसर ऐसे चिह्नित किए जा चुके हैं जो सट्टे के पैसों से अपराध चलाते हैं। मकोका के तहत कार्रवाई के बाद ऐसे अपराधियों के लिए जमानत मुश्किल हो जाती है।दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा अभी तक नंदू गैंग, नासिर गैं और काला जठेड़ी समेत गैंगस्टर पर मकोका लगा चुकी है।

गैंगस्टरों के खिलाफ मकोका के मामलों की निगरानी करेगा सेल
यह ंसेल गैंगस्टरों के खिलाफ मकोका के मामलों की निगरानी करेगा। सेल हर मकोका मामले का डाटाबेस भी बनाए रखेगा। मकोका अधिनियम मुंबई में 1999 में और दिल्ली में 2002 में लागू किया गया था। इसमें कानून के विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश में अपराध शाखा के डीसीपी स्तर के अधिकारी को इस सेल का प्रभार सौंपा गया है। सेल में एसीपी व दो इंस्पेक्टर की भी तैनाती की गई है, जो मामलों से संबंधित रिकार्ड का प्रबंधन और वित्तीय आंकड़े देखेंगे।

दिल्ली में इन गैंगस्टरों के गिरोह हैं सक्रिय
दिल्ली में लारेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, गोल्डी बरार, कपिल सांगवान, हाशिम बाबा, जतिंदर मान उर्फ गोगी और टिल्लू ताजपुरिया जैसे गिरोह शामिल हैं। स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज वर्तमान में इन गिरोहों के खिलाफ मकोका के पांच मामलों को संभाल रही है।

मकोका में जमानत मिल गई थी-
इस साल की शुरुआत में कड़कडड़ूमा अदालत ने हाशिम बाबा के शूटर को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि पुलिस द्वारा लगाया गया मकोका इस मामले पर लागू नहीं होता। मकोका मामले में पुलिस के लिए यह पहला झटका नहीं था। दरअसल, 2002 से, जब राष्ट्रीय राजधानी में मकोका का इस्तेमाल शुरू हुआ, पुलिस इस कानून के तहत केवल एक मामले में ही दोषसिद्धि हासिल कर पाई। जिसमें गोगी गिरोह के पांच सदस्यों ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार किया और उन्हें पांच-पांच साल की जेल और पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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