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Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा का कहर, लगातार आज भी 400 के पार एक्यूआई, जानें कैसे हैं हालात

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Thu, 23 Oct 2025 08:04 AM IST
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सार

Delhi Air Pollution Today: दिल्ली समेत एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खराब से गंभीर श्रेणी में आ गया है। आज सुबह आनंद विहार में एक्यूआई 428 दर्ज किया गया। जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है।

Delhi-ncr AQI Today update Anand Vihar recorded an AQI of 428 this morning
आनंद विहार - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। जिसकी वजह से हवा की गुणवत्ता पर बहुत खराब असर पड़ा है। दीपावली के तीन दिन बाद एक्यूआई का स्तर 400 के पार पहुंच गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का रेड जोन में होना एक गंभीर चेतावनी है। भले ही पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन पीएम 2.5 के बढ़ते स्तर ने चिंता बढ़ा दी है।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकंड़ों के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार में गुरुवार सुबह एक्यूआई 428 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा 'गंभीर' श्रेणी में आता है, जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है। अक्षरधाम के आसपास 350, इंडिया गेट और इसके आसपास के इलाकों में 353, एम्स में 342 एक्यूआई दर्ज किया गया है। 

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बुधवार को रेड जोन में रही दिल्ली
बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 353 दर्ज किया गया, जो रेड जोन यानी हवा की 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। कई जगहों पर एक्यूआई 400 को पार कर गया, जो गंभीर चिंता का विषय है। मंगलवार को भी एक्यूआई 351 दर्ज किया गया था, जबकि बुधवार सुबह ITO का AQI 353 रहा।

गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई का स्तर
गुरुवार सुबह गाजियाबाद में 175, नोएडा में 193 और ग्रेटर नोएडा में 183 एक्यूआई दर्ज किया गया है। बीते बुधवार को ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 308 दर्ज हुआ। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 292 दिन पहले रेड जोन में रहा था। वहीं बुधवार को नोएडा का एक्यूआई भी 24 घंटे में 10 अंक बढ़कर 330 पहुंच गया है। दोनों शहरों में पूरे दिन स्मॉग छाया रहा। जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और आंखों में जलन की शिकायत बनी रही। निवासियों का आरोप है कि शहर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।

हापुड़ में ऐसी है हवा की गुणवत्ता
दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी से प्रदूषित हुई हवा में बारूद का धुआं घुला रहा। मंगलवार रात सबसे अधिक 333 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं, बुधवार को दिन में अधिकतम एक्यूआई 305 पहुंच गया। बड़ी बात यह है कि वायु प्रदूषण में धूल के कणों की मात्रा अधिक होने से पीएम 2.5 का स्तर अधिक बना हुआ है, जो बुधवार को भी 301 पर दर्ज हुआ जबकि, पीएम 10 का स्तर 192 पर दर्ज हुआ। इस कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वहीं, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रैप का दूसरा चरण जिले में लागू कर दिया गया है।

पीएम 2.5 का स्तर पांच साल में सबसे खतरनाक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई है। शहर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का स्तर पिछले पांच वर्षों में सबसे खराब स्थिति में पहुँच गया है। दिवाली के तुरंत बाद, 24 घंटे के भीतर पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गई, जो त्योहार से पहले के 156.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से तीन गुना से भी अधिक है।

2021 से 2025 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि दिवाली की रात और अगली सुबह पीएम 2.5 की भागीदारी लगातार बढ़ी है। वर्ष 2025 में दिवाली के बाद 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की रीडिंग दर्ज की गई, जो 2021 के बाद से उच्चतम प्रदूषण स्तर को दर्शाता है। पिछले वर्षों में, दिवाली के बाद औसत पीएम 2.5 का स्तर इस प्रकार रहा: 2021 में 163.1 से बढ़कर 454.5, 2022 में 129.3 से बढ़कर 168, 2023 में 92.9 से बढ़कर 319.7, और 2024 में 204 से बढ़कर 220 रहा।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी, फिर भी प्रदूषण का कहर
इस बार पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आई है। क्लाइमेट ट्रेंड्स के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से बाढ़ और फसल चक्र में देरी के कारण हुई। 1 से 12 अक्टूबर के बीच, जब पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर होती हैं, तब भी दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में 15.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई। हालांकि, इस कमी के बावजूद, अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण ने हवा की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

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