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Faridabad News: तोड़-फोड़ के नाम पर खानापूर्ति, 10 साल में बस गईं 117 अवैध कॉलोनियां, जांच शुरू
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साल 2015 से 2025 के दौरान इन कॉलोनियों में डीटीपी एनफोर्समेंट ने तोड़-फोड़ के नाम पर महज खानापूर्ति की
तोड़-फोड़ कार्रवाई के बावजूद भी बस गई ये अवैध कॉलोनियां, जो अब तक नियमित नहीं हुई
इस दौरान प्रशासन ने कुल 692 एफआईआर दर्ज कराई, इनमें डीटीपी एनफोर्समेंट ने 395 एफआईआर कराई
एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच शुरू की
इन 10 साल के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर रहे 5 अधिकारी
सोनू यादव
फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी में अवैध कॉलोनी बसाने वाले डीलरों व प्रशासनिक अधिकारियों के गठजोड़ को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। अब तक जांच में सामने आया है कि इस गठजोड़ ने 10 साल में 177 अवैध कॉलोनियां बसा दी हैं। एचएसवीपी और डीटीपी एनफोर्समेंट की टीमों ने मिलकर इन कॉलोनियों में जाकर तोड़-फोड़ की कार्रवाई की। लेकिन इस कार्रवाई के बावजूद भी ये अवैध कॉलोनियां बसना हैरान करने वाला है। आरोप है कि महज खानापूर्ति करते हुए तोड़-फोड़ कार्रवाई का दिखावा किया गया और बाद में डीलरों से गडजोड़ कर ये कॉलोनियां बसवा दी गई।
तोड़-फोड़ कार्रवाई से लेकर एफआईआर दर्ज कराने तक का डेटा हो रहा तैयार
एंटी करप्शन ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर ये जांच शुरू की गई है। आरोप है कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि ये अवैध कॉलोनियां न बसें, उन्होंने अपना काम सही से नहीं किया। उल्टे अपनी जेबें भरकर आम जनता को इन डीलरों के जाल में फंसने के लिए छोड़ दिया। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर का डेटा भी जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो ने तैयार किया है। तोड़-फोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध कॉलोनियां बसाने व प्लॉटिंग करने के आरोप में कुल 692 एफआईआर इन 10 सालों के दौरान दर्ज कराई गई। इसमें से 395 एफआईआर डीटीपी एनफोर्समेंट विंग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने दर्ज कराई। जबकि बाकी एफआईआर एचएसवीपी की ओर से भी दर्ज कराई गई।
बीते 10 साल के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत रहे 5 अधिकारी
एंटी करप्शन ब्यूरो ने साल 2015 से 2025 के दौरान बसी इन 117 अवैध कॉलोनियों के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत रहे अधिकारियों का डेटा भी तैयार किया है। इनमें फरवरी 2014 से मई 2016 के दौरान धर्मवीर खत्री, जून 2016 से अक्तूबर 2020 के दौरान नरेश कुमार, अक्तूबर 2020 से दिसंबर 2024 के दौरान राजेंद्र टी शर्मा, जनवरी 2025 से जुलाई 2025 के दौरान राहुल सिंगला डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर रहे। जुलाई 2025 से अब तक यजन चौधरी डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर संतराम सिंह ने बताया कि बीते 10 साल के दौरान 117 अवैध कॉलोनियां बसने की जांच की जा रही है। इस दौरान तोड़-फोड़ के नाम पर महज खानापूर्ति हुई और बाद में कॉलोनियां बसती चली गई। इस दौरान दर्ज कराई गई एफआईआर व कार्यरत रहे अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है।
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तोड़-फोड़ कार्रवाई के बावजूद भी बस गई ये अवैध कॉलोनियां, जो अब तक नियमित नहीं हुई
इस दौरान प्रशासन ने कुल 692 एफआईआर दर्ज कराई, इनमें डीटीपी एनफोर्समेंट ने 395 एफआईआर कराई
एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच शुरू की
इन 10 साल के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर रहे 5 अधिकारी
सोनू यादव
फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी में अवैध कॉलोनी बसाने वाले डीलरों व प्रशासनिक अधिकारियों के गठजोड़ को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। अब तक जांच में सामने आया है कि इस गठजोड़ ने 10 साल में 177 अवैध कॉलोनियां बसा दी हैं। एचएसवीपी और डीटीपी एनफोर्समेंट की टीमों ने मिलकर इन कॉलोनियों में जाकर तोड़-फोड़ की कार्रवाई की। लेकिन इस कार्रवाई के बावजूद भी ये अवैध कॉलोनियां बसना हैरान करने वाला है। आरोप है कि महज खानापूर्ति करते हुए तोड़-फोड़ कार्रवाई का दिखावा किया गया और बाद में डीलरों से गडजोड़ कर ये कॉलोनियां बसवा दी गई।
तोड़-फोड़ कार्रवाई से लेकर एफआईआर दर्ज कराने तक का डेटा हो रहा तैयार
एंटी करप्शन ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर ये जांच शुरू की गई है। आरोप है कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि ये अवैध कॉलोनियां न बसें, उन्होंने अपना काम सही से नहीं किया। उल्टे अपनी जेबें भरकर आम जनता को इन डीलरों के जाल में फंसने के लिए छोड़ दिया। इसके लिए संबंधित अधिकारियों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर का डेटा भी जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो ने तैयार किया है। तोड़-फोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध कॉलोनियां बसाने व प्लॉटिंग करने के आरोप में कुल 692 एफआईआर इन 10 सालों के दौरान दर्ज कराई गई। इसमें से 395 एफआईआर डीटीपी एनफोर्समेंट विंग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने दर्ज कराई। जबकि बाकी एफआईआर एचएसवीपी की ओर से भी दर्ज कराई गई।
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बीते 10 साल के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत रहे 5 अधिकारी
एंटी करप्शन ब्यूरो ने साल 2015 से 2025 के दौरान बसी इन 117 अवैध कॉलोनियों के दौरान डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत रहे अधिकारियों का डेटा भी तैयार किया है। इनमें फरवरी 2014 से मई 2016 के दौरान धर्मवीर खत्री, जून 2016 से अक्तूबर 2020 के दौरान नरेश कुमार, अक्तूबर 2020 से दिसंबर 2024 के दौरान राजेंद्र टी शर्मा, जनवरी 2025 से जुलाई 2025 के दौरान राहुल सिंगला डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर रहे। जुलाई 2025 से अब तक यजन चौधरी डीटीपी एनफोर्समेंट के पद पर कार्यरत हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर संतराम सिंह ने बताया कि बीते 10 साल के दौरान 117 अवैध कॉलोनियां बसने की जांच की जा रही है। इस दौरान तोड़-फोड़ के नाम पर महज खानापूर्ति हुई और बाद में कॉलोनियां बसती चली गई। इस दौरान दर्ज कराई गई एफआईआर व कार्यरत रहे अधिकारियों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है।