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Faridabad News: 18 करोड़ की लागत से होगा जिले में बाढ़ नियंत्रण व जलभराव का स्थायी समाधान
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की
उपायुक्त अखिल पिलानी ने वर्चुअल माध्यम से रखे 20 महत्वपूर्ण प्रस्ताव, मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन
संवाद न्यूज एजेंसी
नूंह। जिले में वर्षों से चली आ रही जलभराव और बाढ़ की गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ा और अहम कदम उठाया गया है। जिले में बाढ़ नियंत्रण, जलनिकासी और वर्षा जल प्रबंधन से संबंधित 20 महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किए जाएंगे। इन परियोजनाओं से जिला मुख्यालय सहित कस्बों, गांवों और हजारों एकड़ कृषि भूमि को मानसून के दौरान होने वाले जलभराव से राहत मिलने की उम्मीद है।
बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 57वीं बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेशभर के जिलों से बाढ़ राहत, जलनिकासी और जलभराव से संबंधित परियोजनाओं के प्रस्ताव रखे गए। नूंह जिले की ओर से उपायुक्त अखिल पिलानी ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया और सिंचाई विभाग के माध्यम से जिले से जुड़े 20 प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए।
जलभराव है बड़ी समस्या : जिले में जलभराव लंबे समय से एक विकराल समस्या बनी हुई है। हर वर्ष बरसात के मौसम में जिला मुख्यालय, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में पानी भर जाता है, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और कई बार महीनों तक खेती योग्य भूमि खाली पड़ी रहती है। हाल ही में हुई बारिश के दौरान भी जिले में हजारों एकड़ फसल जलभराव की भेंट चढ़ गई थी। कई स्थानों पर आज भी सैकड़ों एकड़ भूमि में पानी भरा होने के कारण गेहूं की बिजाई तक नहीं हो पाई है।
उपायुक्त अखिल पिलानी द्वारा प्रस्तुत किए गए 20 प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर 17.97 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इन प्रस्तावित परियोजनाओं में जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की स्थायी निकासी की व्यवस्था, नालों और पुलियों की मरम्मत, जलनिकासी तंत्र को सुदृढ़ करना, क्षतिग्रस्त मार्गों का सुधार, सड़क किनारे जलनिकासी चैनलों का निर्माण तथा वर्षा जल प्रबंधन से जुड़े विभिन्न कार्य शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य केवल पानी निकालना ही नहीं, बल्कि भविष्य में दोबारा जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो, यह सुनिश्चित करना है।
उपायुक्त ने दी जानकारी : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिले से प्रस्तुत सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई और स्वीकृति का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ नियंत्रण और जलनिकासी से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए, ताकि मानसून के दौरान आमजन और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बैठक में उपायुक्त अखिल पिलानी ने यह भी जानकारी दी कि जिले में पहले से स्वीकृत 4.55 करोड़ रुपये की लागत वाली 8 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इन परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है, ताकि समय पर कार्य पूरा हो सके।
मुख्यमंत्री के साथ वर्चुअल बैठक के बाद उपायुक्त अखिल पिलानी ने जिला प्रशासन के सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सभी परियोजनाओं की तकनीकी जांच, प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा में पूरी की जाए, ताकि कार्य शीघ्र शुरू किए जा सकें। उपायुक्त ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि जनहित से जुड़ी इन परियोजनाओं में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता से कोई समझौता न किया जाए। साथ ही, कार्यस्थलों का नियमित निरीक्षण कर प्रगति की निगरानी सुनिश्चित की जाए।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने विश्वास व्यक्त किया कि इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से नूंह जिले की आधारभूत संरचना मजबूत होगी और जलनिकासी से जुड़ी समस्याओं में प्रभावी कमी आएगी। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि आमजन, यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक कार्यों में भी सुगमता आएगी।
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उपायुक्त अखिल पिलानी ने वर्चुअल माध्यम से रखे 20 महत्वपूर्ण प्रस्ताव, मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन
संवाद न्यूज एजेंसी
नूंह। जिले में वर्षों से चली आ रही जलभराव और बाढ़ की गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ा और अहम कदम उठाया गया है। जिले में बाढ़ नियंत्रण, जलनिकासी और वर्षा जल प्रबंधन से संबंधित 20 महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किए जाएंगे। इन परियोजनाओं से जिला मुख्यालय सहित कस्बों, गांवों और हजारों एकड़ कृषि भूमि को मानसून के दौरान होने वाले जलभराव से राहत मिलने की उम्मीद है।
बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 57वीं बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेशभर के जिलों से बाढ़ राहत, जलनिकासी और जलभराव से संबंधित परियोजनाओं के प्रस्ताव रखे गए। नूंह जिले की ओर से उपायुक्त अखिल पिलानी ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया और सिंचाई विभाग के माध्यम से जिले से जुड़े 20 प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए।
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जलभराव है बड़ी समस्या : जिले में जलभराव लंबे समय से एक विकराल समस्या बनी हुई है। हर वर्ष बरसात के मौसम में जिला मुख्यालय, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में पानी भर जाता है, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खेतों में पानी भरने से किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और कई बार महीनों तक खेती योग्य भूमि खाली पड़ी रहती है। हाल ही में हुई बारिश के दौरान भी जिले में हजारों एकड़ फसल जलभराव की भेंट चढ़ गई थी। कई स्थानों पर आज भी सैकड़ों एकड़ भूमि में पानी भरा होने के कारण गेहूं की बिजाई तक नहीं हो पाई है।
उपायुक्त अखिल पिलानी द्वारा प्रस्तुत किए गए 20 प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर 17.97 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इन प्रस्तावित परियोजनाओं में जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की स्थायी निकासी की व्यवस्था, नालों और पुलियों की मरम्मत, जलनिकासी तंत्र को सुदृढ़ करना, क्षतिग्रस्त मार्गों का सुधार, सड़क किनारे जलनिकासी चैनलों का निर्माण तथा वर्षा जल प्रबंधन से जुड़े विभिन्न कार्य शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य केवल पानी निकालना ही नहीं, बल्कि भविष्य में दोबारा जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो, यह सुनिश्चित करना है।
उपायुक्त ने दी जानकारी : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिले से प्रस्तुत सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई और स्वीकृति का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ नियंत्रण और जलनिकासी से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए, ताकि मानसून के दौरान आमजन और किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बैठक में उपायुक्त अखिल पिलानी ने यह भी जानकारी दी कि जिले में पहले से स्वीकृत 4.55 करोड़ रुपये की लागत वाली 8 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इन परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है, ताकि समय पर कार्य पूरा हो सके।
मुख्यमंत्री के साथ वर्चुअल बैठक के बाद उपायुक्त अखिल पिलानी ने जिला प्रशासन के सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सभी परियोजनाओं की तकनीकी जांच, प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया निर्धारित समय-सीमा में पूरी की जाए, ताकि कार्य शीघ्र शुरू किए जा सकें। उपायुक्त ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि जनहित से जुड़ी इन परियोजनाओं में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता से कोई समझौता न किया जाए। साथ ही, कार्यस्थलों का नियमित निरीक्षण कर प्रगति की निगरानी सुनिश्चित की जाए।
उपायुक्त अखिल पिलानी ने विश्वास व्यक्त किया कि इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से नूंह जिले की आधारभूत संरचना मजबूत होगी और जलनिकासी से जुड़ी समस्याओं में प्रभावी कमी आएगी। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि आमजन, यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक कार्यों में भी सुगमता आएगी।