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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर पर हमले की साजिश का निकला पाकिस्तान कनेक्शन, चार्जशीट में खुलासे
सोनू यादव, अमर उजाला, फरीदाबाद
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 27 Aug 2025 02:18 PM IST
सार
अयोध्या राम मंदिर पर हमले की साजिश का पाकिस्तान कनेक्शन निकला है। संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को पाकिस्तान के नंबर से रजिस्टर्ड टेलीग्राम आईडी से निर्देश मिल रहे थे। चार्जशीट में पुलिस ने आरोपी से हुए खुलासों के आधार पर दावा किया है।
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आतंकी अब्दुल रहमान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
फरीदाबाद के पाली इलाके से दो मार्च को हैंड ग्र्रेनेड के साथ पकड़े गए संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। एसटीएफ की जांच में साफ हुआ है कि जिस टेलीग्राम आईडी @Abusufian78 से अब्दुल रहमान को मैसेज पर लगातार हिदायत मिल रही थी, वो पाकिस्तान के नंबर पर रजिस्टर्ड है।
इसके सहारे अयोध्या राम मंदिर पर हमले की साजिश रची गई थी। अदालत में पिछले दिनों एसटीएफ की ओर से पेश की गई चार्जशीट में यह दावा किया गया है। मामले में मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में 25 सितंबर को सुनवाई होगी।
संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान (19) को 2 मार्च को बांस रोड पाली से पलवल एसटीएफ, गुजरात एटीएस ने काबू किया था। इसके पास से दो हैंड ग्रेनेड व डेटोनेटर मिले थे। अब्दुल रहमान अयोध्या के मजनाई का रहने वाला है।
वह ई-रिक्शा चलाता था और पिता की चिकन की दुकान को संभालता था। अब्दुल रहमान शुरू में अपनी अम्मी के मोबाइल पर यू-ट्यूब व फेसबुक चलाता था। इसी दौरान वह तालीबान, इस्लामिक स्टेट के वीडियो व दुनिया में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के वीडियो देखने लगा।
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इसके सहारे अयोध्या राम मंदिर पर हमले की साजिश रची गई थी। अदालत में पिछले दिनों एसटीएफ की ओर से पेश की गई चार्जशीट में यह दावा किया गया है। मामले में मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में 25 सितंबर को सुनवाई होगी।
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संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान (19) को 2 मार्च को बांस रोड पाली से पलवल एसटीएफ, गुजरात एटीएस ने काबू किया था। इसके पास से दो हैंड ग्रेनेड व डेटोनेटर मिले थे। अब्दुल रहमान अयोध्या के मजनाई का रहने वाला है।
वह ई-रिक्शा चलाता था और पिता की चिकन की दुकान को संभालता था। अब्दुल रहमान शुरू में अपनी अम्मी के मोबाइल पर यू-ट्यूब व फेसबुक चलाता था। इसी दौरान वह तालीबान, इस्लामिक स्टेट के वीडियो व दुनिया में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के वीडियो देखने लगा।
बंदूक बनाकर फोटो इंस्टाग्राम पर डालता था
वीडियो देखकर अब्दुल को भी बंदूक बनाने का शौक लग गया। वह लकड़ी व लोहे की नकली बंदूक बनाकर इंस्टाग्राम पर फोटो व वीडियो बनाने लगा। सबसे पहले उसने ar_rahman नाम से इंस्टाग्राम पर आईडी बनाई जो ब्लॉक हो गई। बाद में कई नई आईडी बनाई और वो ब्लॉक होती रहीं।
वीडियो देखकर अब्दुल को भी बंदूक बनाने का शौक लग गया। वह लकड़ी व लोहे की नकली बंदूक बनाकर इंस्टाग्राम पर फोटो व वीडियो बनाने लगा। सबसे पहले उसने ar_rahman नाम से इंस्टाग्राम पर आईडी बनाई जो ब्लॉक हो गई। बाद में कई नई आईडी बनाई और वो ब्लॉक होती रहीं।
सलाम का मैसेज आया और फिर हुआ ब्रेनवॉश
साल 2023 के दौरान अब्दुल को उसकी इंस्टाग्राम आईडी Abu_ubaida पर Altaf नाम से बनी आईडी से सलाम का मैसेज आया और इनमें बात होने लगी। उसने जिहाद के बारे में बताया और ब्रेन वॉश करना शुरू कर दिया। आरोपी ने खुद को इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान से बताया और जिहाद के लिए उकसाने करने लगा। उसी ने टेलीग्राम डाउनलोड करवाकर वहां बात करने लगा। उसने अपना नाम अबू सूफियान बताया। अपने संगठन के प्रति अब्दुल रहमान को समर्पित करने के लिए झंडा बनाने व वीडियो देखकर स्पीच देते हुए वीडियो बनाकर देने को कहा।
साल 2023 के दौरान अब्दुल को उसकी इंस्टाग्राम आईडी Abu_ubaida पर Altaf नाम से बनी आईडी से सलाम का मैसेज आया और इनमें बात होने लगी। उसने जिहाद के बारे में बताया और ब्रेन वॉश करना शुरू कर दिया। आरोपी ने खुद को इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान से बताया और जिहाद के लिए उकसाने करने लगा। उसी ने टेलीग्राम डाउनलोड करवाकर वहां बात करने लगा। उसने अपना नाम अबू सूफियान बताया। अपने संगठन के प्रति अब्दुल रहमान को समर्पित करने के लिए झंडा बनाने व वीडियो देखकर स्पीच देते हुए वीडियो बनाकर देने को कहा।
जून 2024 में पहली बार अब्दुल को दिए 30 हजार रुपये
आरोपी ने जून 2024 में अब्दुल को एक लोकेशन व फोटो भेजकर कहा कि तुम्हारे लिए कुछ भेजा है। अब्दुल को वहां थैले में 30 हजार रुपये मिले। जुलाई 2024 में अब्दुल को चार महीने के लिए जमानत में भेजा गया। इस दौरान वो फैजाबाद, लखनऊ, निजामुद्दीन मरकज, सीमापुरी दिल्ली, मेरठ, विशाखापटनम, पंजाब के भवानीगढ़ में रहा और नवंबर 2024 में वापस घर अयोध्या गया।
आरोपी ने जून 2024 में अब्दुल को एक लोकेशन व फोटो भेजकर कहा कि तुम्हारे लिए कुछ भेजा है। अब्दुल को वहां थैले में 30 हजार रुपये मिले। जुलाई 2024 में अब्दुल को चार महीने के लिए जमानत में भेजा गया। इस दौरान वो फैजाबाद, लखनऊ, निजामुद्दीन मरकज, सीमापुरी दिल्ली, मेरठ, विशाखापटनम, पंजाब के भवानीगढ़ में रहा और नवंबर 2024 में वापस घर अयोध्या गया।
राममंदिर का नक्शा, वीडियो व फोटो टेलीग्राम से भेजे
अब्दुल रहमान ने अबू सूफियान के कहे अनुसार, राममंदिर का नक्शा, वीडियो व फोटो तैयार कर टेलीग्राम से भेजे। 22 जनवरी 2025 को उसे पहले भेजे गए रुपयों वाली लोकेशन पर फिर से भेजा गया और इस बार उसे 75 हजार रुपये मिले। ये रुपये देकर ही इसे राम मंदिर पर हमला करने के बारे में बताया गया। पहले उसे वीडियो भेजकर रॉकेट लांचर बनाने को कहा गया लेकिन अब्दुल वो बना नहीं सका। फिर अबू सूफियान के कहने पर एक मार्च 2025 की शाम को ट्रेन पकड़ दिल्ली आ गया।
अब्दुल रहमान ने अबू सूफियान के कहे अनुसार, राममंदिर का नक्शा, वीडियो व फोटो तैयार कर टेलीग्राम से भेजे। 22 जनवरी 2025 को उसे पहले भेजे गए रुपयों वाली लोकेशन पर फिर से भेजा गया और इस बार उसे 75 हजार रुपये मिले। ये रुपये देकर ही इसे राम मंदिर पर हमला करने के बारे में बताया गया। पहले उसे वीडियो भेजकर रॉकेट लांचर बनाने को कहा गया लेकिन अब्दुल वो बना नहीं सका। फिर अबू सूफियान के कहने पर एक मार्च 2025 की शाम को ट्रेन पकड़ दिल्ली आ गया।
वीडियो व लोकेशन भेजकर हैंड ग्रेनेड तक पहुंचाया
दो मार्च 2025 की सुबह लगभग छह बजे दिल्ली आकर अब्दुल रहमान ऑटो पकड़कर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से निजामुद्दीन मरकज गया। यहां से उसे फरीदाबाद भेजा गया। ओला बाइक टैक्सी लेकर अब्दुल रहमान फरीदाबाद ओल्ड मेट्रो स्टेशन आया। यहां पर उसे हैंड ग्रेनेड की लोकेशन मिली तो ये ऑटो पकड़कर पाली गांव पहुंचा। फिर उस कमरे से इसने मिट्टी में दबे हैंड ग्रेनेड व अन्य सामान निकाले और लेकर निकला ही था कि एटीएस व एसटीएफ टीम ने पकड़ लिया। एसटीएफ जुलाई महीने में जांच पूरी कर चालान पेश कर चुकी है जिसमें कुल 46 गवाह बनाए गए हैं।
दो मार्च 2025 की सुबह लगभग छह बजे दिल्ली आकर अब्दुल रहमान ऑटो पकड़कर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से निजामुद्दीन मरकज गया। यहां से उसे फरीदाबाद भेजा गया। ओला बाइक टैक्सी लेकर अब्दुल रहमान फरीदाबाद ओल्ड मेट्रो स्टेशन आया। यहां पर उसे हैंड ग्रेनेड की लोकेशन मिली तो ये ऑटो पकड़कर पाली गांव पहुंचा। फिर उस कमरे से इसने मिट्टी में दबे हैंड ग्रेनेड व अन्य सामान निकाले और लेकर निकला ही था कि एटीएस व एसटीएफ टीम ने पकड़ लिया। एसटीएफ जुलाई महीने में जांच पूरी कर चालान पेश कर चुकी है जिसमें कुल 46 गवाह बनाए गए हैं।