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Ghaziabad News: नौकरी लगवाने के नाम पर नौ लाख ठगे, तीन के खिलाफ प्राथमिकी
संवाद न्यूज एजेंसी, गाजियाबाद
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:19 AM IST
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गाजियाबाद। सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर विजयनगर के प्रताप विहार निवासी राघवेंद्र से नौ लाख की ठगी की घटना सामने आई है। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्जकर जांच शुरू कर दी।
प्रताप विहार निवासी राघवेंद्र ने बताया कि उनकी विजयनगर में रहने वाले राहुल से अच्छी जान पहचान थी। राहुल ने उनको बताया कि उसके जीजा बंटी की सरकारी महकमे में अच्छी जान पहचान है। उनका भाई ज्ञानेंद्र बेराेजगार था, इसलिए उन्होंने उसकी नौकरी लगवाने की इच्छा जताई। आरोपियों ने विश्वास दिलाया कि उनके साथ कोई बेइमाना नहीं होगा। ऐसे कई सारे लोग हैं जो बंटी के प्रयास से वर्तमान में सरकारी विभाग में अलग अलग पदों पर नौकरी कर रहे हैं। 2019 में उन्होंने आरोपी को पहले पांच लाख रुपये दिए। इसके बाद आरोपियों ने उनको फर्जी कॉल लेटर भेज दिए। ऐसा करके उन्होंने करीब करीब दो साल का समय निकाल दिया। फिर आरोपी कहने लगे कि अब इनकम टैक्स में जगह निकली है, लेकिन इसके लिए नौ लाख देने होंगे। इसके बाद उनसे चार लाख रुपये और ले लिए गए, लेकिन उनकी इस बार भी नौकरी नहीं लगी। आरोपियों से पैसे की मांग की गई तो कहने लगे कि पैसा अधिकारियों को दे दिया गया है। यदि नौकरी चाहिए तो दो लाख और देने होंगे। जब उन्होंने दो लाख देने से मना कर दिया तो आरोपियों ने संपर्क तोड़ दिया।
आरोपियों के बारे जानकारी करने पर सामने आया कि वह कई अन्य लोगों से भी इसी तरह झांसा देकर मोटा पैसा वसूल चुके हैं। यह भी पता चला कि यह एक संगठित गिरोह है जो इसी तरह लोगों को अपनी जाल में फंसाता है। पहले उन्होंने पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने विजयनगर पुलिस को राहुल, बंटी, रामगोपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए। इस बारे में एसीपी रितेश त्रिपाठी ने बताया कि शिकायतकर्ता से साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की गहनता से जांच कराई जा रही है।
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प्रताप विहार निवासी राघवेंद्र ने बताया कि उनकी विजयनगर में रहने वाले राहुल से अच्छी जान पहचान थी। राहुल ने उनको बताया कि उसके जीजा बंटी की सरकारी महकमे में अच्छी जान पहचान है। उनका भाई ज्ञानेंद्र बेराेजगार था, इसलिए उन्होंने उसकी नौकरी लगवाने की इच्छा जताई। आरोपियों ने विश्वास दिलाया कि उनके साथ कोई बेइमाना नहीं होगा। ऐसे कई सारे लोग हैं जो बंटी के प्रयास से वर्तमान में सरकारी विभाग में अलग अलग पदों पर नौकरी कर रहे हैं। 2019 में उन्होंने आरोपी को पहले पांच लाख रुपये दिए। इसके बाद आरोपियों ने उनको फर्जी कॉल लेटर भेज दिए। ऐसा करके उन्होंने करीब करीब दो साल का समय निकाल दिया। फिर आरोपी कहने लगे कि अब इनकम टैक्स में जगह निकली है, लेकिन इसके लिए नौ लाख देने होंगे। इसके बाद उनसे चार लाख रुपये और ले लिए गए, लेकिन उनकी इस बार भी नौकरी नहीं लगी। आरोपियों से पैसे की मांग की गई तो कहने लगे कि पैसा अधिकारियों को दे दिया गया है। यदि नौकरी चाहिए तो दो लाख और देने होंगे। जब उन्होंने दो लाख देने से मना कर दिया तो आरोपियों ने संपर्क तोड़ दिया।
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आरोपियों के बारे जानकारी करने पर सामने आया कि वह कई अन्य लोगों से भी इसी तरह झांसा देकर मोटा पैसा वसूल चुके हैं। यह भी पता चला कि यह एक संगठित गिरोह है जो इसी तरह लोगों को अपनी जाल में फंसाता है। पहले उन्होंने पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने विजयनगर पुलिस को राहुल, बंटी, रामगोपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए। इस बारे में एसीपी रितेश त्रिपाठी ने बताया कि शिकायतकर्ता से साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की गहनता से जांच कराई जा रही है।