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एनआरएचएम घोटाला : दवा आपूर्तिकर्ता को तीन साल कारावास की सजा
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माई सिटी रिपोर्टर
गाजियाबाद। वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2008 से 2009 के दौरान हुई दवा आपूर्ति में अनियमितताओं और धन गबन के मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने दवा आपूर्तिकर्ता श्याम नारायण गुप्ता को दोषी मानकर तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश परमेंद्र कुमार ने दोषी पर पांच लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह मामला लगभग 16 साल तक विचाराधीन रहा। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
अदालत से मिली जानकारी के अनुसार उस अवधि में वाराणसी जिला अस्पताल को लाखों रुपये की दवाओं की आपूर्ति की गई थी। इस संबंध में अनियमितताओं की शिकायत सीबीआई तक पहुंची। जांच में यह पता चला कि करीब ग्यारह लाख छह हजार रुपये की दवाओं की आपूर्ति में गड़बड़ी की गई थी। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अब्दुल हलीम और दवा सप्लाई करने वाली एजेंसी श्याम मेडिकल के मालिक श्याम नारायण गुप्ता को आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज किया था। बाद में दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया।
सुनवाई के दौरान सीएमओ रहे डॉ.अब्दुल हलीम का निधन हो गया था। इस कारण से उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही समाप्त हो गई थी। जबकि दवा सप्लायर श्याम नारायण गुप्ता के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ता रहा। सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश परमेंद्र कुमार ने गुप्ता को दोषी मानकर उन्हें तीन वर्ष के कारावास और पांच लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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गाजियाबाद। वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2008 से 2009 के दौरान हुई दवा आपूर्ति में अनियमितताओं और धन गबन के मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने दवा आपूर्तिकर्ता श्याम नारायण गुप्ता को दोषी मानकर तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश परमेंद्र कुमार ने दोषी पर पांच लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह मामला लगभग 16 साल तक विचाराधीन रहा। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
अदालत से मिली जानकारी के अनुसार उस अवधि में वाराणसी जिला अस्पताल को लाखों रुपये की दवाओं की आपूर्ति की गई थी। इस संबंध में अनियमितताओं की शिकायत सीबीआई तक पहुंची। जांच में यह पता चला कि करीब ग्यारह लाख छह हजार रुपये की दवाओं की आपूर्ति में गड़बड़ी की गई थी। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अब्दुल हलीम और दवा सप्लाई करने वाली एजेंसी श्याम मेडिकल के मालिक श्याम नारायण गुप्ता को आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज किया था। बाद में दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया।
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सुनवाई के दौरान सीएमओ रहे डॉ.अब्दुल हलीम का निधन हो गया था। इस कारण से उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही समाप्त हो गई थी। जबकि दवा सप्लायर श्याम नारायण गुप्ता के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ता रहा। सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश परमेंद्र कुमार ने गुप्ता को दोषी मानकर उन्हें तीन वर्ष के कारावास और पांच लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।