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Gurugram News: अलर्ट मोड पर रहेंगे अस्पताल, चिकित्सक-कर्मचारी नहीं छोड़ेंगे मुख्यालय

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Thu, 08 May 2025 11:20 PM IST
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Hospitals will be on alert mode, doctors and staff will not leave the headquarters
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- स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द, सभी अस्पतालों में रिजर्व रहेंगे 20 फीसदी बेड
- आईसीयू व वार्ड में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या, रोज भर्ती और डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का रखना होगा रिकॉर्ड

संवाद न्यूज एजेंसी

गुुरुग्राम। सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बीच साइबर सिटी हाई अलर्ट पर है। पुलिस, रेलवे से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से दुरुस्त रखा जा रहा है। ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहा जाए। आमजन को भी इससे जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जागरूक करते हुए उनसे विपरीत स्थिति में न घबराने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने भी इसके मद्देनजर पूरी तैयारी कर ली है। डॉक्टरों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगाते हुए डॉक्टरों व सभी स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही छुट्टी पर चल रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को वापस लौटने के निर्देश दिए गए हैं। अति आवश्यकता होने की स्थिति में छुट्टी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक से विशेष अनुमति प्राप्त करनी होगी। सभी निजी व सरकारी अस्पतालों से किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए 20 फीसदी बेड रिजर्व रखे जाएं।
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इस संबंध में बृहस्पतिवार को सिविल सर्जन गुरुग्राम डॉ. अलका सिंह ने कार्यालय में हुई बैठक में निर्देश दिए कि सभी विभागाध्यक्ष, संबंधित इंचार्ज एवं अस्पताल प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपना फोन 24 घंटे चालू रखेंगे। इस दौरान निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिला नागरिक अस्पताल में जिस यूनिट की ड्यूटी इमरजेंसी में रहेगी, वह संपूर्ण यूनिट अलर्ट मोड पर रहेगी। किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को त्वरित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए सभी संसाधनों को तैयार अवस्था में रखा जाए। सभी अस्पताल दवाइयां, सभी ग्रुप के रक्त की उपलब्धता, एम्बुलेंस, ऑक्सीजन सप्लाई और चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है, जिसके तहत जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। सीएमओ ने सभी अस्पतालों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों से अपील करते हुए कहा कि वह जनहित में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सजग एवं सतर्क रहें।



बैठक में पीएमओ डॉ. लोकवीर, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नीलिमा, डॉ. जयप्रकाश राजलिवाल, डॉ. अनुज गर्ग सहित स्वास्थ्य विभाग व निजी अस्पतालों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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पानी, बिजली और अग्नि सुरक्षा के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी
सिविल सर्जन ने निर्देश दिए हैं कि आईसीयू व वार्ड में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या के साथ प्रतिदिन भर्ती और डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की जानकारी उपलब्ध कराएं। अस्पताल में पानी, बिजली और अग्नि सुरक्षा के लिए अलग-अलग दल गठित किए जाएं। नागरिक अस्पताल के सभी विभागों-वार्डों में इमरजेंसी दवाओं एवं अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

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एंबुलेंस के साथ स्ट्रेचर की रखें व्यवस्था

अस्पताल की सभी एंबुलेंस तैयार रखें, जो एंबुलेंस संचालन की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें ठीक कराकर संचालन में लिया जा सकता है तो तत्काल ठीक कराएं। वहीं, स्ट्रेचर प्वाइंटों पर स्ट्रेचर तैयार रखें। आपात स्थिति में ट्रॉमा का एक्सटेंशन किस स्थान पर एवं कितनी संख्या में किया जा सकता है, इसकी तैयारी करके रखें। चिकित्सालय में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता एवं अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाना एवं मैनी फोल्ड संबंधित सभी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाएं।
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- चौबीसों घंटे कार्य क्षमता : सभी स्वास्थ्य सुविधाएं 24x7 पूरी तरह कार्यात्मक रहेंगी। जलने सहित आपातकालीन और आघात संबंधी मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एसएमओ और चिकित्सा अधिकारियों को ऐसे मामलों के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करेंगे।
- रसद और आपूर्ति : दवाइयों, पट्टियों, मलहमों, टांकों और अन्य आवश्यक आपूर्तियों का पर्याप्त स्टॉक बनाकर रखा जाएगा। सुविधाओं के निर्दिष्ट ट्रॉमा बेड और सामान्य बिस्तर क्षमता की तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए। बेसमेंट में बेड रिजर्व किए जाएंगे।
- रक्त बैंक की तैयारी : रक्त भंडारण क्षमता वाले सभी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में रक्त आरक्षित रखा जाना चाहिए। नोडल अधिकारी को सभी ग्रुप के रक्त भंडारण सुरक्षित करने के निर्देश दिए गए।
- आपातकालीन उपकरण की कार्य क्षमता : ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीएसए संयंत्र सहित सभी आपातकालीन उपकरण कार्यात्मक और कार्यशील स्थिति में हों। यह भी पहले से सुनिश्चित किया जाएगा। वेंटिलेटर, सिरिंज पंप, ट्रॉमा/आपातकालीन आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर और आपातकालीन वार्ड पूरी तरह से चालू और तैनाती के लिए तैयार रखे जाएंगे।

- एम्बुलेंस सेवाएं : सभी एम्बुलेंस सड़क पर चलने के लिए तैयार रखी जाएंगी। उनमें ऑक्सीजन सहायता प्रणाली, अम्बू बैग और आवश्यक आपातकालीन किटें रखी होनी चाहिए। एम्बुलेंस सेवाओं के लिए बैकअप सहायता भी सुनिश्चित की जाएगी।
- प्रशिक्षण और मानव संसाधन तत्परता : आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए पैरा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। प्रशिक्षित कार्मिकों की सूची बनाई बनाई जाएगी और उन्हें तैनाती के लिए तैयार रखा जाएगा।
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फोटो नंबर- 7

रेलवे पुलिस सतर्क, ट्रेनों को खंगाला

- जीआरपी व आरपीएफ ने चलाया संयुक्त जांच अभियान, यात्रियों का सामान जांचा

संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। ऑपरेशन सिंदूर के बाद रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी बढ़ा दी है। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपीएफ) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीमें स्टेशन परिसर में गश्त कर रही हैं। वहीं, रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों के सामान की तलाशी की जा रही है। रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में भी आरपीएफ ओर जीआरपीएफ की टीमें तलाशी कर रही हैं। मेटल डिटेक्टर के साथ ही डॉग स्क्वायड की भी एक टीम स्टेशन पर सुबह के दौरान जांच करने आती हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही रेलवे पुलिस लगातार यात्रियों पर नजर बनाए हुए है। इस दौरान यात्रियों के सामान की भी जांच की गई ताकि किसी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि पर नजर रखी जा सके। रेलवे स्टेशन पर किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके इसके लिए पुलिस बल पूरी तरह सतर्क है।
जीआरपीएफ के एएसआई रवि ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही निगरानी बढ़ा दी गई थी। अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरी टीम को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रियों से अपील भी की गई कि कुछ भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति नजर आता है तो उसकी जानकारी तुरंत उन्हें दें।
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