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नकली ट्वीट देख राजनाथ ने जोड़ा सईद कनेक्शन

Updated Mon, 15 Feb 2016 08:49 PM IST
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JNU row: it was a fake tweet of hafiz saeed behind rajnath singh statement of saeed connection with jnu
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चल रही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लेकर पूरे देश में जैसा माहौल है उसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को अपने बयान से सबको चौंका दिया था। उन्होंने कहा था कि जेएनयू में जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चल रही हैं उसे लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का हाथ है।

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार राजनाथ सिंह का बयान हाफिज सईद के फर्जी अकाउंट से किया गया था और इसी को आधार बनाकर राजनाथ सिंह ने बयान दिया था। हालांकि जब खुफिया एजेंसियों और पुलिस से बात की गई तो उन्होंने इसके सबूत न होने की बात कही। उनके पास इस बात का सबूत नहीं है कि वो ट्वीट हाफिज सईद ने किया है या उससे जुड़े किसी शख्स ने।
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गौरतलब है कि शनिवार को एक फर्जी अकाउंट जो 'हाफिज सईद जेयूडी' के नाम से बना है। उससे ट्वीट कर जेएनयू छात्रों को पाकिस्तान बुलाया गया और कहा गया कि आप पाकिस्तान आकर भारत विरोधी और कश्मीर समर्थित प्रोपगंडा पर पाकिस्तान की यूनिवर्सिटी में पढ़ें।

'ये भारत की एक नई हार है'

JNU row: it was a fake tweet of hafiz saeed behind rajnath singh statement of saeed connection with jnu

बता दें कि हाफिज सईद के इस फर्जी अकाउंट से किए गए ट्वीट को सोशल मीडिया पर तेजी से हिंदूत्ववादियों ने फैलाया और सबूत के रूप में पेश करना चाहा कि किस तरह हाफिज सईद जेएनयू के छात्रों को समर्थन दे रहा है।

राजनाथ के बयान के बाद रविवाद देर शाम हाफिज सईद ने अपने ट्विटर अकाउंट भारत पर चुटकी लेने के अंदाज में एक ट्वीट किया। इस अकाउंट को वो पहले भी इस्तेमाल कर चुका है। उसने ट्वीट किया कि, 'भारत के सभी आरोपों (जिसमें 26/11 भी शामिल है) का सच इस नकली ट्विटर अकाउंट के जरिए सामने आ गया है और ये (जेएनयू मामला) भारत सरकार के लिए एक नई हार है।'

जानकारी के अनुसार राजनाथ सिंह के बयान से पहले ही दिल्ली पुलिस ने लोगों को चेताया था कि हाफिज सईद के इस नकली ट्विटर अकाउंट की सामग्री ना शेयर करें। पुलिस ने ट्विटर से इस अकाउंट की पूरी जानकारी मांगी है। हालांकि अब इस अकाउंट को पुलिस की मांग पर निरस्त कर दिया गया है।

कई अकाउंट हो चुके हैं डिलीट

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आपको बता दें कि पिछले दिनों लश्कर से जुड़े कुछ ट्विटर अकाउंट्स को निरस्त किया गया था ताकि ट्विटर का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए न हो सके। बता दें कि ट्विटर ने हाफिज सईद लाइव यानी हाफिज सईद के ‌असली अकाउंट के साथ ही जिन अकाउंट्स को निरस्त किया था उनमें हाफिज सईद जेयूडी, हाफिज सईद जेयूडी 01, जेयूडी ‌ऑफिशियल, कराची जेयूडी और जेयूडी वीडियो शामिल हैं।

आतंकी तहा मुनीब जो जमात के साइबर ऑपरेशन देखता है शनिवार को एक ट्वीट में उसने कहा कि वो साइबर वैकेशन पर था और अब वो रिलैक्स और टेंशन फ्री है।

हालांकि कई आतंकी गतिविधियों में लिप्त अकाउंट को डिलीट किया गया है लेकिन अब भी कई ऐसे अकाउंट हैं जो चल रहे हैं। जिनमें से एक तो फलह-ई-इंसानियत फाउंडेशन का अकाउंट है। हालांकि इस अकाउंट से जो हालिया पोस्ट किए गए हैं वो थार में सूखे को लेकर दान जैसे विषय पर थे लेकिन पहले ये कश्मीर से संबधित जमात के काम को लेकर ट्वीट करते रहे हैं।

गो-डैडी डॉट कॉम से होस्ट हो रहा थी लश्कर की वेबसाइट

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बता दें क‌ि जमात-उत-दावा का ऑफिशियल वेबसाइट भी हफ्तों तक बंद रहा। इस साइट को लश्कर के प्रवक्ता अबदुल्लाह मुंतजिर ने 23 मई 2002 को रजिस्टर कराया था जो मई 2017 तक वैध है और जो मल्टिनेशनल ‌‌इंटरनेट सर्विस फर्म गो डैडी डॉट से होस्ट होता था। इतने सारे अकाउंट बैन होने के बाद भी यूट्यूब और फेसबुक पर जमात के कई अकाउंट एक्टिव हैं जो हाफिज सईद के भाषणों का वीडियो अपलोड करते रहते हैं।

इनमें से एक है जमात उल दावा के नाम से जिसने अपना आखिरी पोस्ट बुधवार को किया था। हालांकि इनमें से किसी ने रविवार शाम तक जेएनयू से सं‌बंधित कोई पोस्ट नहीं किया है। बता दें कि शुक्रवार को जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

जानकारी के अनुसार लश्कर ने ‌इंटरनेट का इस्तेमाल 2008 में मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान पर पड़े पूरे विश्व के दबाव के बाद बंद कर दिया था। लेकिन 2013 में एक बार फिर लश्कर का वेबसाइट ऑनलाइन हुआ और सईद का वीडियो डाला गया जिसमें उसने कहा था कि वो इस वेबसाइट का इस्तेमाल सकारात्मक रूप में, भगवान की इच्छा के अनुसार और जिहाद के लिए करना चाहता है।
(साभार फोटो व स्टोरीः इंडियन एक्सप्रेस)

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