सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   Kailash Kher graces the occasion of Mehar Rangat Mahotsav

Delhi : मेहर रंगत महोत्सव में कैलाश खेर ने सुरों से बांधा समा, गीतों और लोक कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Mon, 25 Nov 2024 07:04 AM IST
सार

ये गीत रविवार की देर शाम कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में गूंजते रहे। मौका था मेहर रंगत महोत्सव-2024 के छठे संस्करण का। इसमें मशहूर गायक व पद्मश्री कैलाश खेर ने अपने सुरों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विज्ञापन
Kailash Kher graces the occasion of Mehar Rangat Mahotsav
कैलाश की रंगत... - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

‘तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं’, ‘रांझा रांझा कर दी मैं, नी मैं जाणा, मैं तो तेरे प्यार में दीवाना’, ‘हीरे मोती मैं न चाहूं मैं तो चाहूं संगम तेरा, प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी हो गई मैं मतवारी’... ये गीत रविवार की देर शाम कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में गूंजते रहे। मौका था मेहर रंगत महोत्सव-2024 के छठे संस्करण का। इसमें मशहूर गायक व पद्मश्री कैलाश खेर ने अपने सुरों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव का आयोजन खेर ने अपने पिता मेहर खेर की स्मृति में आयोजित किया। इसमें अमर उजाला ने मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाई। साथ ही, महोत्सव में कैलासा एंटरटेनमेंट सैमटेल एवियोनिक्स और गलगोटिया यूनिवर्सिटी सहयोगी रहे।

Trending Videos


कैलाश खेर के गीतों से समूचा माहौल मस्ती से सराबोर हो गया। उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। देर शाम हल्की ठंडक के बीच लोग उनके गीतों पर झूमते दिखे। इस दौरान देसी ही नहीं, विदेशी लोग भी मंत्रमुग्ध नजर आए। इस दौरान लोक कला व संस्कृति की झलक देखने को मिली। श्रोताओं के फरमाइश पर लगातार उन्होंने कई बेहतरीन गीतों से सभी का भरपूर मनोरंजन किया। इस दौरान कैलासा बैंड के साथ उनके गीतों की जुगलबंदी देखते ही बनती थी। लोगों को भी उन्होंने अपने साथ गाने व थिरकने पर मजबूर कर दिया। उनके मंच पर आते ही चारों ओर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। गानों के बीच में मंच से लोक कला को आगे बढ़ाने व संजोने का संदेश देते रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन


लोक कला का दिखा संगम
महोत्सव में कैलाश के गीतों पर तो लोग झूमे ही साथ ही आमिर भियानी, अनीता डांगी, जुम्मे खान, बरनाली होटा समेत कई लोक कलाकारों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों पर देर तक तालियां बजती रहीं। मानो एक मंच पर पूरे देश के कलाकार आ गए हों। इसमें नृत्य, बीन वादन, गीत-संगीत, कठपुतली समेत कई तरह की लोक प्रस्तुतियों से लोग रूबरू हुए। इसका उद्देश्य देश की लोक परंपराओं की समृद्ध झलक लोगों के सामने पेश करना था। साथ ही, देशभर के लोक कलाकारों को एक साथ लाकर संगीत, नृत्य और प्रदर्शन कला के जरिये सांस्कृतिक विरासत की अनूठी कहानियां भी पेश की। महोत्सव संगीत प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ। ऐसे में एक मंच पर लोक कला का संगम देखने को मिला।

लोक कलाकार हैं देश की संपत्ति : कैलाश खेर
इस दौरान कैलाश खेर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी फैशन की ओर बढ़ रही है। फैशन कीजिए, लेकिन अपनी परंपरा को मत तोड़िए। पूरी दुनिया में कुछ ही लोग विशेष हैं। ऐसे लोक कलाकारों को अपने शुभ अवसरों पर बुलाएं। यह देश की संपत्ति हैं। यह सबका कर्तव्य है की इन्हें काम दें। खेर ने कहा कि दिल्ली दिल वालों की है। इसे नकली मत बनने दो। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि घुमंतू कलाकारों का समर्थन करो। आखिर में लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया गया। समापन के दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की भी तारीफ की।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed