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UPSC: मिर्जापुर की SDM सौम्या ने चौथे प्रयास में पाई 18वीं रैंक, उन्नाव की दो बहनों ने एक साथ पास की परीक्षा

सीमा शर्मा, अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Wed, 23 Apr 2025 08:11 AM IST
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सार

दिल्ली में रहने वाली और मूलरूप से यूपी के उन्नाव के पूरवा तहसील के अजयपुर गांव की सौम्या और सुमेघा मिश्रा ने एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की है। सौम्या उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की एसडीएम हैं।

Mirzapur's SDM Saumya got 18th rank in UPSC in her fourth attempt
सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा - फोटो : स्वयं
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असफलता से घबराने की बजाय और कमियों में सुधार करने पर सफलता मिलती है। किसी परीक्षा में सफलता नहीं मिलने से दुनिया समाप्त नहीं हो जाती है। हमारा फोकस कमियों की समीक्षा करके प्रदर्शन पर होना चाहिए। यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चौथे प्रयास से 18वीं रैंक हासिल करने और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की एसडीएम सौम्या मिश्रा का। दिल्ली में रहने वाली और मूलरूप से यूपी के उन्नाव के पूरवा तहसील के अजयपुर गांव की सौम्या और सुमेघा मिश्रा ने एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की है। सरकारी स्कूल के शिक्षक पिता ने अपनी दोनों बेटियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाकर एक उदाहरण पेश किया।

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मिर्जापुर की एसडीएम व यूपीएससी में टॉप 20 में शामिल सौम्या मिश्रा ने कहा कि बचपन से पिता ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के बारे में जागरूक किया। उनके मार्गदर्शन में बचपन से एक अधिकारी बनकर देश और समाज सेवा का सपना देखा था। हम दोनों बहनों ने दिल्ली के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से स्कूली शिक्षा और बाद में डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक भूगोल ऑनर्स की है।
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दो बार असफलता के  बाद मिली सफलता
सुमेघा मिश्रा कहती हैं कि दो प्रयासों के बाद मुझे 253वीं रैंक हासिल हुई है। युवाओं से इतना ही कहना चाहती हूं कि असफलता से घबराकर कुछ गलत नहीं सोचना चाहिए। सकारात्मक सोच, परिवार का साथ व मार्गदर्शन और योजनाबद्ध तरीके से तैयारी करके सफलता जरूर मिलती है। हमने कोई कोचिंग नहीं ली। रोजाना सात से आठ घंटे की योजना से लिखने औा पढ़ने की तैयारी की।

सरकारी स्कूलों में पढ़कर भी अधिकारी बन सकते हैं
दोनों बहनें कहती हैं कि आजकल हर पेरेंट्स बच्चों को बड़े निजी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उनकी सोच गलत है। सरकारी स्कूलों में पढ़कर भी यूपीएससी जैसी परीक्षा पास कर अधिकारी बना जा सकता है। पिता राघवेंद्र मिश्रा दिल्ली के सरकारी स्कूल में प्रोफेसर हैं। उन्होंने बचपन से हमें अधिकारी बनकर देश और समाज सेवा का जज्बा दिखाया। आज उनके मार्गदर्शन में हम सरकारी स्कूलों में पढ़ीं बेटियां यहां तक पहुंची हैं।

मां मिर्जापुर में बड़ी बेटी  तो पिता दिल्ली में छोटी बेटी की करवाते रहे तैयारी 
सौम्या मिश्रा ने यूपीएससी की चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है। साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की थी और इन दिनों मिर्जापुर में एसडीएम पद पर तैनात हैं, इसलिए मां रेणु मिश्रा (गृहिणी) मिर्जापुर में बड़ी बेटी, तो पिता राघवेंद्र दिल्ली में छोटी बेटी सुमेघा की तैयारी करवाते रहे। सौम्या मिश्रा को पढ़ाई में उत्कृष्ठ प्रदर्शन पर एमए में गोल्ड मेडल मिला था, जबकि सुमेघा मिश्रा को पढ़ाई में उत्कृष्ठ प्रदर्शन पर गोल्ड मेडल मिला था।

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