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UP: 'मुझसे नहीं होगा ये काम...', नोएडा की महिला शिक्षक ने बीएलओ पद से दिया इस्तीफा, पत्र में लिखी ये बातें
अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 24 Nov 2025 03:06 PM IST
सार
यूपी के नोएडा में बीएलओ ड्यूटी से परेशान शिक्षिका ने इस्तीफा दे दिया है। निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर पूछा है कि निर्वाचन सामग्री किस अधिकारी को सौंपें। शिक्षिका काफी समय से अस्वस्थ चल रही हैं।
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विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI
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विस्तार
नोएडा में निर्वाचन कार्य के दबाव और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहीं गेझा के उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका पिंकी सिंह ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ड्यूटी से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर पूछा है कि वह अपनी निर्वाचन सामग्री किस अधिकारी को सौंपें। यह खबर सोशल मीडिया पर भी चल रही है। वहीं शिक्षा विभाग में भी इसकी चर्चा तेज है।
शिक्षिका पिंकी सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें बीएलओ का पार्ट 206 आवंटित किया गया है। मतदान स्थल रॉक वुड स्कूल है और उनके भाग में कुल 1179 मतदाता हैं। इनमें से 215 मतदाताओं का डाटा वह ऑनलाइन फीड कर चुकी हैं।
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शिक्षिका पिंकी सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें बीएलओ का पार्ट 206 आवंटित किया गया है। मतदान स्थल रॉक वुड स्कूल है और उनके भाग में कुल 1179 मतदाता हैं। इनमें से 215 मतदाताओं का डाटा वह ऑनलाइन फीड कर चुकी हैं।
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पत्र में उन्होंने साफ कहा है अब न तो शिक्षण कार्य हो पाएगा और न ही बीएलओ का कार्य। निर्वाचन सामग्री किसे हैंडओवर करनी है, इस पर उन्होंने स्पष्ट दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया है। इस मामले में जब स्कूल की प्रधानाचार्या नीलम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें पिंकी सिंह के इस्तीफे की सीधी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन वह काफी समय से अस्वस्थ चल रही हैं।
करीब 56 वर्षीय शिक्षिका थायरॉइड से पीड़ित हैं और इसी कारण विभाग को बीएलओ की ड्यूटी हटाने के लिए पत्र भी लिखा था, लेकिन उनकी ड्यूटी नहीं हटाई गई। प्रधानाचार्या का कहना है कि हो सकता है तनाव और तकलीफ की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया होगा।
वह 15 से 20 वर्षों से बीएलओ की ड्यूटी कर रही हैं, लेकिन कभी उन्होंने ड्यूटी के लिए मना नहीं किया है। उधर, विभागीय सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है और शिक्षिका से संपर्क करके स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की जाएगी।
सीढ़ियां चढ़ना हो रहा था मुश्किल
एक अन्य शिक्षक ने बताया कि कई बार लोग घर पर नहीं मिलते, जबकि बीएलओ को घर-घर जाकर सत्यापन करना होता है। इस सेक्टर में काफी अपार्टमेंट बने हुए हैं, ऐसे में हर फ्लैट तक पहुंचना बड़ी चुनौती है। उनका स्वास्थ्य पहले से ही खराब रहता है, इसलिए उनके लिए दिक्कत और बढ़ गई थी।
एक अन्य शिक्षक ने बताया कि कई बार लोग घर पर नहीं मिलते, जबकि बीएलओ को घर-घर जाकर सत्यापन करना होता है। इस सेक्टर में काफी अपार्टमेंट बने हुए हैं, ऐसे में हर फ्लैट तक पहुंचना बड़ी चुनौती है। उनका स्वास्थ्य पहले से ही खराब रहता है, इसलिए उनके लिए दिक्कत और बढ़ गई थी।
एसआईआर प्रक्रिया में देरी पर 17 बीएलओ के खिलाफ मामला दर्ज
जेवर में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान गणना प्रपत्र भरवाने का कार्य सुस्त पड़ता दिख रहा है। अब तक 1 लाख से भी कम महज 25 प्रतिशत नागरिकों ने ही गणना प्रपत्र में अपनी जानकारी दर्ज की है। घर–घर पहुंचकर बीएलओ लोगों से फॉर्म भरवा रहे हैं, ताकि मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।
जेवर में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान गणना प्रपत्र भरवाने का कार्य सुस्त पड़ता दिख रहा है। अब तक 1 लाख से भी कम महज 25 प्रतिशत नागरिकों ने ही गणना प्रपत्र में अपनी जानकारी दर्ज की है। घर–घर पहुंचकर बीएलओ लोगों से फॉर्म भरवा रहे हैं, ताकि मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन की प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।
इस बीच एसडीएम के आदेश पर काम में लापरवाही और एसआईआर गणना प्रपत्रों की प्रक्रिया पूरी करने में देरी के आरोप में 17 बीएलओ के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। विभागीय जांच में पाया गया कि कई बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों में अनियमितता बरत रहे हैं। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि कि जिन बीएलओ को नोटिस दिया गया है, उनकी लापरवाही से गणना कार्य प्रभावित हुआ है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी बीएलओ को समय सीमा के भीतर प्रपत्र वितरण और संग्रह का काम पूरा करना अनिवार्य है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि प्रपत्र भरते समय आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं और सही जानकारी दें, जिससे मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन बनाया जा सके।