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Noida News: भिवानी के ऑटोमोबाइल कारोबारी की बेटी स्वाति बनीं आईएएस, चौथे प्रयास में किया सपना पूरा

संवाद न्यूज एजेंसी, नोएडा Updated Thu, 30 Oct 2025 12:56 AM IST
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Swati, daughter of an automobile businessman from Bhiwani, became an IAS officer, fulfilling her dream in her fourth attempt.
अपने माता- पिता के साथ स्वाति अग्रवाल।
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संजय वर्मा

भिवानी। उड़ान भरने के लिए पंखों की नहीं, हौसलों की जरूरत होती है यह साबित कर दिखाया है भिवानी की 26 वर्षीय स्वाति अग्रवाल ने। ऑटोमोबाइल कारोबारी की इस बेटी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में 91वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे जिले और समाज का नाम रोशन किया है। स्वाति 2024 बैच की हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारी हैं और चंडीगढ़ मुख्यालय में तैनात हैं। इससे पहले वह महेंद्रगढ़ में बीडीपीओ के पद पर कार्य कर चुकी हैं।
एचसीएस का कार्यभार संभालने के बाद स्वाति ने आईएएस बनने का सपना देखा था जिसे उन्होंने चौथे प्रयास में पूरा कर दिखाया। आईएएस की तैयारी करते हुए उन्होंने में हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा भी दी थी जिसमें पहले ही प्रयास में 35वीं रैंक हासिल की थी। परिवार में बेटी की इस उपलब्धि पर खुशी का माहौल है।
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भिवानी की जवाहर गली नंबर एक, कृष्णा कॉलोनी निवासी स्वाति अग्रवाल के पिता सुशील अग्रवाल की ऑटो मार्केट में ऑटोमोबाइल की दुकान है। तीन भाई-बहनों में स्वाति दूसरे नंबर पर हैं। बड़ी बहन आदिती अग्रवाल और छोटा भाई गौरव अग्रवाल है। स्वाति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हालुवासिया विद्या विहार स्कूल, भिवानी से प्राप्त की और उच्च शिक्षा दिल्ली से हासिल की।
पिता सुशील अग्रवाल ने बताया कि स्वाति जब आठवीं कक्षा में थी तभी से उसने आईएएस बनने का सपना देखा था। उन्होंने बताया कि बेटी को आगे पढ़ने और अपने सपनों को साकार करने के लिए दिल्ली के एक अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलाया गया। पिछले वर्ष स्वाति ने एचसीएस परीक्षा पास की थी जिसमें उन्हें महेंद्रगढ़ जिले में बीडीपीओ के पद पर नियुक्त किया गया था। फिलहाल वह चंडीगढ़ मुख्यालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

बड़ी बहन है सहायक प्रोफेसर, भाई ने संभाला कारोबार
जवाहर नगर निवासी सुशील अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने जूनियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वर्ष 1990 में ऑटो मार्केट में ऑटोमोबाइल का कारोबार शुरू किया था। उनकी पत्नी कविता अग्रवाल बारहवीं तक शिक्षित हैं और गृहिणी हैं। उनके तीन बच्चे हैं - बड़ी बेटी आदिती अग्रवाल, दूसरी स्वाति अग्रवाल और सबसे छोटा बेटा गौरव अग्रवाल। बड़ी बेटी आदिती की पिछले साल ही फतेहाबाद में शादी हुई है। वह इस समय चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। बेटा गौरव एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता के ऑटोमोबाइल व्यवसाय को संभाल रहा है। स्वाति और गौरव दोनों अभी अविवाहित हैं।

जूई की भांजी है स्वाति अग्रवाल : संजय गोयल
गांव जूई के समाजसेवी संजय गोयल ने बताया कि कविता अग्रवाल की बेटी स्वाति अग्रवाल गांव की भांजी है। स्वाति के यूपीएससी पास करने की सूचना मिलते ही ननिहाल में खुशी का माहौल है। उन्होंने बताया कि स्वाति बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी रही है और उसने न केवल अपने परिवार बल्कि अग्रवाल समाज और पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।

अग्रवाल समाज को होनहार बेटी पर गर्व: सुनील सर्राफ
श्री अग्रवाल सभा के प्रधान सुनील सर्राफ ने कहा कि स्वाति अग्रवाल ने समाज का गौरव बढ़ाया है। पूरे अग्रवाल समाज को उस पर गर्व है। उन्होंने बताया कि अग्रवाल सभा की ओर से स्वाति को सम्मानित किया जाएगा ताकि अन्य बेटियां भी उनसे प्रेरणा लेकर संघ लोक सेवा आयोग जैसी उच्च परीक्षा में सफलता हासिल कर समाज की सेवा में योगदान दे सकें।


यूपीएससी की सूची में 91वीं रैंक पर अपना नाम देखने के बाद मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि मेरा सपना पूरा होने जा रहा है। मैं बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी। आज मेरा मकसद पूरा हो गया। एचसीएस बनकर भी मैं जनता की सेवा कर रही हूं लेकिन आईएएस बनने के बाद और अधिक प्रभावी ढंग से पीड़ितों को न्याय दिलाने और जरूरतमंदों की मदद कर सकूंगी। मैं हमेशा अपने विद्यालय और परिजनों के सहयोग को याद रखूंगी जिनकी वजह से यह सपना साकार हुआ। - स्वाति अग्रवाल, आईएएस (रैंक-91)
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