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क्यों बिगड़ती जा रही हवा?: देश में सबसे जहरीली नोएडा की वायु, दिल्ली दूसरे नंबर पर; आज भी खराब रहेंगे हालात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विकास कुमार Updated Wed, 24 Dec 2025 01:09 AM IST
सार

Delhi Air Pollution Today: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बुधवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

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Noidas air is most toxic in country Delhi is second
दिल्ली में बढ़ा वायु प्रदूषण - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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राजधानी में हवा की धीमी गति और खराब मौसम की स्थिति ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है। ऐसे में मंगलवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे की मोटी परत से हुई। वहीं, पूरे दिन आसमान में स्मॉग की मोटी चादर भी दिखाई दी। इसके चलते कई इलाकों में दृश्यता भी बेहद कम रही। साथ ही, लोगों को आंख में जलन व सांस के मरीजों को परेशानी महसूस हुई। ऐसे में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 412 दर्ज किया गया। यह हवा की गंभीर श्रेणी है। इसमें सोमवार की तुलना में 39 सूचकांक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 

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दूसरी ओर, एनसीआर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में दिल्ली की हवा प्रदूषण के लिहाज से दूसरे नंबर पर रही। इसके अलावा, पूरे देश में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 426 दर्ज किया गया, यह हवा की गंभीर श्रेणी है। वहीं, गुरुग्राम में 364, गाजियाबाद में 392 और ग्रेटर नोएडा में 388 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 239 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।

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दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहन से होने वाला प्रदूषण 14.46 फीसदी रहा। इसके अलावा पेरिफेरल उद्योग से 7.02, आवासीय इलाकों से 3.505, निर्माण गतिविधियों से 2.09 और कूड़ा जलाने की 1.28 फीसदी की भागीदारी रही। सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 16 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1900 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 17500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, शाम चार बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 358.7 और पीएम2.5 की मात्रा 228.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। 

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बुधवार को हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, और सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, मंगलवार को कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।

क्यों बिगड़ती जा रही दिल्ली की हवा?
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बनी हुई गंभीर वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण मौसम का मिजाज है। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, तापमान में कमी के कारण प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि हुई है और पश्चिमी विक्षोभ के चलते मंगलवार को भी वायु गुणवत्ता जो नीचे फंसी हुई ठंडी हवा को ऊपर उठने नहीं देती है। इसी ठंडी हवा में गाड़ियों का धुआं और निर्माण की धूल जैसे प्रदूषक जमा हो जाते हैं। प्रदूषकों को ऊपर जाने का रास्ता नहीं मिलता, इसलिए वे जमीन के बहुत करीब फंसे रहते हैं। साथ ही, जब बारिश नहीं होती और हवा भी धीरे चलती है, तो यह फंसा हुआ प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता, जिससे स्थिति कई गुना खराब हो जाती है।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं, जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की श्रेणी में आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

इन इलाकों में सबसे अधिक रहा प्रदूषण
नेहरू नगर-463
आनंद विहार-451
मुंडका, ओखला फेज 2-450
आरके पुरम-445
चांदनी चौक-440
पटपड़गंज, पंजाबी बाग-439
सिरीफोर्ट-437
आईटीओ-436
जहांगीरपुरी-434
द्वारका सेक्टर 8-431

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