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Delhi : डंकी रूट से यात्री को अमेरिका में करवाया प्रवेश, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने तीन एजेंट पकड़े
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 09 May 2025 05:02 AM IST
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सार
एजेंटों ने यात्री से 74 लाख रुपये लिए थे। यात्री के अमेरिका पहुंचने और फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर अमेरिकन अधिकारियों ने उसे भारत निर्वासित कर दिया।

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- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
डंकी रूट से फर्जी कागजात के जरिए एक यात्री को अमेरिका में प्रवेश करवाने वाले तीन एजेंटों को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एजेंटों ने यात्री से 74 लाख रुपये लिए थे। यात्री के अमेरिका पहुंचने और फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर अमेरिकन अधिकारियों ने उसे भारत निर्वासित कर दिया। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कर यात्री को गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तार एजेंटों की पहचान गांव मेहमदपुर करनाल हरियाणा निवासी संजीव कुमार, गांव गुनाना करनाल हरियाणा निवासी दयाल सिंह और गांव उमरी कुरुक्षेत्र हरियाणा निवासी बसंत लाल के रूप में हुई है। आईजीआई एयरपोर्ट की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 29 अप्रैल की रात गांव बरथल करनाल निवासी प्रिंस (25) अमेरिका से निर्वासित होकर आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा।
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यात्रा दस्तावेजों की जांच में उसके पासपोर्ट से छेड़छाड़ पाया गया। उसका एक पन्ने से वीजा हटाने के निशान और गोंद के निशान थे। पुलिस ने यात्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके कुछ दोस्त रोजगार के लिए अमेरिका चले गए थे।
जून 2023 में वह पर्यटक वीजा पर थाईलैंड और लाओस गया। फिर जुलाई 2023 में भारत लौट आया। उसके बाद संजीव कुमार उर्फ रिंकू के जरिए एजेंट दयाल से मिला। उसने उसे 55 लाख रुपये में अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने का आश्वासन दिया। उसने करनाल में एजेंट को वादा की गई राशि नकद में दे दी।
एजेंट ने यात्री को यूरोप के जरिये अमेरिका भेजने का किया वादा
एजेंट दयाल ने पहले यूरोप और फिर अमेरिका भेजने का वादा किया। दयाल ने अपने सहयोगी रिंकू की मदद से उसके पासपोर्ट पर नीदरलैंड का शेंगेन वीजा बनवाया। नवंबर 2023 में दिल्ली से फ्रांस की उसकी यात्रा की व्यवस्था की। वहां पहुंचने के बाद दयाल और उसके सहयोगी रिंकू ने प्रिंस की पुर्तगाल और स्पेन की अवैध यात्रा की व्यवस्था की।
स्पेन पहुंचने पर इनके बीच पैसे के भुगतान को लेकर बीच विवाद हो गया। एजेंटों ने प्रिंस का साथ छोड़ दिया। वहां पर प्रिंस ने एजेंट बसंत लाल के संपर्क में आया जिसने उसे 37 लाख रुपये के भुगतान करने पर कई देशों के जरिए अमेरिका की अवैध यात्रा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। प्रिंस ने उसे 19.5 लाख रुपये नकद दिए। बाकी रकम गंतव्य पर पहुंचने के बाद देने पर सहमति हुई।
वहां से उसे ग्वाटेमाला फिर बस रूट से मैक्सिको की यात्रा की व्यवस्था की। मैक्सिको में उसकी एजेंट के दूसरे सहयोगी से मुलाकात हुई जिसने जाली वीजा का इंतजाम कर उसके पासपोर्ट में चिपका दिया। उसे डंकी रूट से अमेरिका में अवैध प्रवेश करवाया। कुछ दिनों के बाद प्रिंस को अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। भारत भेजे जाने से पहले उसे चार महीने तक हिरासत में रखा गया। फिर उसे दिल्ली के लिए निर्वासित कर दिया गया।
यात्री की निशानदेही पर एजेंटों को किया गिरफ्तार
यात्री की निशानदेही पर पुलिस टीम ने एजेंटों के संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे। पुलिस ने 3 मई को संजीव कुमार को करनाल हरियाणा में पकड़ लिया। वहीं पुलिस ने संजीव के निशानदेही पर करनाल हरियाणा से दयाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। संजीव ने बताया कि वह कई सालों से दयाल सिंह के साथ एजेंट के रूप में काम कर रहा था। प्रिंस के उससे संपर्क करने पर वह उसे दयाल से मिलवाया।
उन लोगों ने अवैध यात्रा के लिए उसे नीदरलैंड के लिए शेंगेन वीजा की सुविधा प्रदान की और नवंबर 2023 में दिल्ली से प्रिंस की फ्रांस यात्रा की व्यवस्था की। उसके बाद पुलिस ने 5 मई को बसंत लाल को कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। बसंत ने बताया कि स्पेन में फंसे होने के दौरान प्रिंस ने उससे संपर्क किया। उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मैड्रिड स्पेन में यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था की और ग्वाटेमाला, निकारागुआ, होंडुरास और मैक्सिको के जरिए उसे डंकी रूट से अमेरिका भेजा।