Red Fort Blast: सीसीटीवी फुटेज खोलेंगे धमाके के राज, दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे अहम सुराग
चौराहे पर लगे निगरानी कैमरे में रिकॉर्ड हुए दृश्य में, स्क्रीन पर अचानक आग का गोला बनने से पूर्व वाहनों की भारी भीड़ नजर आई। इसके अलावा भी कई सीसीटीवी फुटेज पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं, जिनसे अहम सुराग हैं।
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लाल किला के पास हुए शक्तिशाली विस्फोट के क्षण को कैद करने वाला एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। चौराहे पर लगे निगरानी कैमरे में रिकॉर्ड हुए दृश्य में, स्क्रीन पर अचानक आग का गोला बनने से पूर्व वाहनों की भारी भीड़ नजर आई। इसके अलावा भी कई सीसीटीवी फुटेज पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ लगे हैं, जिनसे अहम सुराग हैं।
सूत्रों की मानें तो खुफिया एजेंसियों की जांच सही दिशा में है। सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल से ही पता चला है कि दिल्ली का गुनेहगार डाक्टर मोहम्मद उमर फरीदबाद में भारी मात्रा में हथियार व अमोनियम नाइट्रेट बरामदगी के बाद फरीदाबाद से फरार हो गया। इसके बाद व दिल्ली बम धमाके के बीच वह करीब 24 घंटे धमाके में इस्तेमाल की गई आई-20 में ही रहा और उसी में घूमता रहा। दिल्ली में भी कार में घूमता रहा और उसमें बैठा रहा। उसने दिल्ली बम धमाके की साजिश भी पार्किंग में बैठकर रची।
पुलिस सूत्रों का कहना था कि उसके साथ पार्किंग में दो और संदिग्ध थे, जो ईको स्पोर्ट्स कार से दिल्ली से निकल गए। ये संदिग्ध अभी भी दिल्ली-एनसीआर में शरण लिए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लाल किले धमाके का आरोपी डाक्टर उमर फरीदाबाद से फरार हो गया था। यहां से मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा। वह वापस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से दिल्ली की तरफ आ रहा था। उसने एक ढाबे पर कार में रात गुजारी। इसके बाद वह फरीदाबाद होकर दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर से घुसा। इस अधिकारी ने बताया कि उमर दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस वे पर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ है।
50 किलो एएन का इस्तेमाल किया गया
दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाल किले पर हुए बम धमाके की तीव्रता से पता लगता है कि आई-20 कार में 50 किलो अमोनियम नाइट्रेट रहा होगा। साथ में दूसरा विस्फोटक भी। दिल्ली पुलिस की अधिकारियों के अनुसार फोरेंसिक एक्सपर्ट को मौके से दो तरह के विस्फोटक या केमिकल होने के साक्ष्य मिले हैं। '
दिल्ली पुलिस के पास नहीं था इनपुट
दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने दावा कि फरीदाबाद में जैश के जिस मॉड्यूल को पकड़ा है उसकी जानकारी दिल्ली पुलिस को नहीं दी गई थी। हरियाणा पुलिस या फिर जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिल्ली पुलिस को इस बात इनपुट दिए जाते तो शायद दिल्ली दहलने से बच जाती।
- दिल्ली पुलिस सर्तक हो जाती और सुरक्षा बढ़ा दी जाती। दिल्ली पुलिस ने इसको लेकर गृहमंत्रालय को शिकायत की है
डॉ. परवेज पर गहराता जा रहा शक मुजम्मिल, शाहीन के संपर्क में था
दिल्ली में आतंकी हमले और फरीदाबाद के डॉक्टरों के आतंकी माड्यूल की कड़ियों को जोड़ रही जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए राजधानी निवासी डॉ. परवेज अंसारी पर शक गहराता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस उसे फरीदाबाद ले गई है, जहां तमाम एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। शुरुआती पड़ताल में उसके बेहद कट्टरपंथी होने के सुराग मिले हैं, लेकिन फरीदाबाद माड्यूल में उसकी संलिप्तता का ठोस सुराग नहीं लगा है। जांच एजेंसियां उसके घर से बरामद मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और हार्ड डिस्क को खंगालने में जुटी हैं।
- सहारनपुर के अस्पताल में नौकरी करने वाले अनंतनाग निवासी डॉ. आदिल अहमद की शादी में गए उसके साथी डॉक्टरों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। एटीएस ने परवेज के घर को बुधवार को भी खंगाला और उसकी अल्टो कार को कब्जे में ले लिया। आईबी, जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा बताए गए संदिग्धों के ठिकानों पर एटीएस छानबीन करने में जुटी है
- श्रीनगर में डॉ. आदिल की शादी में उसके कई डॉक्टर मित्रों का जमावड़ा हुआ था। विवाह के अगले दिन शहर में धमकी भरे पोस्टर लगाए गए, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गईं। जांच में आदिल का हाथ होने के का पता चलते ही गहनता जांच में फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए
आईएस के निशाने पर यूपी, जिहाद के लिए कर रहा युवाओं की भर्ती
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए भोपाल निवासी अदनान खां और एटा निवासी अदनान खां से एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि दोनों कुख्यात आतंकी संगठन आईएस के इशारे पर यूपी के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की फिराक में थे। आईजी कानून-व्यवस्था एलआर कुमार ने बताया कि एटीएस की टीम दोनों से पूछताछ कर रही है। दरअसल, दिल्ली पुलिस बीते कई दिनों से भोपाल निवासी अदनान पर नजर रख रही थी। उसे यूपी एटीएस ने बीते वर्ष वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने वाले जज रवि कुमार दिवाकर को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पांच माह बाद जेल से छूटने के बाद उसने सीरिया में बैठे आईएस के खलीफा अबू इब्राहिम अल कुरैशी के इशारे पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने लगा और मुसलमानों पर अत्याचार होने का दुष्प्रचार कर जिहादी गतिविधियों के लिए युवाओं को भर्ती करने लगा।
सहारनपुर में पनपता रहा जैश का माड्यूल, नहीं लगी किसी को भनक
सहारनपुर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का माड्यूल पनपता गया और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सहारनपुर के एक अस्पताल में नौकरी करने वाले डॉ. आदिल की गिरफ्तारी ने यूपी एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों को चौकन्ना होने पर मजबूर कर दिया है। खासकर आदिल के जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर्स से सीधा संपर्क होने की वजह से एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि आतंकवाद को लेकर सहारनपुर संवेदनशील जिलों में शुमार किया जाता रहा है, हालांकि इसमें डॉक्टरों के नेटवर्क के शामिल होने का किसी को अंदाजा तक नहीं था। दिल्ली में आतंकी घटना अंजाम दिए जाने के बाद एजेंसियों ने सहारनपुर और लखनऊ में छापे मारकर संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी। अति संवेदनशील मामला होने की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी तीनों राज्यों जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के संपर्क में हैं, सूचनाएं जुटा रहे हैं।