शाहीन बाग: कोरोना वायरस के बावजूद धरना खत्म करने से प्रदर्शनकारियों का इनकार, दर्ज हो सकता है मुकदमा
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच मंगलवार को पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शाहीन बाग पहुंचे। उन्होंने वहां बैठे लोगों को संक्रमण के खतरे के बारे में समझाने का प्रयार किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के साथ अधिकारियों की तीखी बहस हो गई।
अधिकारियों ने वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की, जिस पर प्रदर्शनकारी भड़क उठे और धरना जारी रखने का ऐलान कर दिया। प्रदर्शनकारियों को करीब दो घंटे तक कानून का हवाला देकर समझाया गया, जिसके बाद भी वे नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे।
बातचीत विफल होने पर प्रशासन की ओर से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। वहीं शाहीन बाग में पुलिस के पहुंचने की सूचना पर लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई, जबकि दिल्ली सरकार की तरफ से किसी एक स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने की मनाही है। ऐसा करने पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी तक के निर्देश दिए गए हैं।
देश भर में कोरोना जैसे संक्रमण रोग के खतरे से बचने के लिए हर कोई भीड़-भाड़ से बचने का प्रयास कर रहा है। केंद्र व दिल्ली सरकार की तरफ से भी वायरस के रोकथाम के लिए कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इन सबके बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए देश भर से लोग पहुंच रहे हैं।
शाम के वक्त प्रदर्शनस्थल पर बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और पुरुष बड़ी संख्या में इकट्ठे होते हैं। भीड़ को देखते हुए मंगलवार दोपहर पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी धरनास्थल पहुंचे थे। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए घरों में जाने को कहा, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी कहासुनी हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया कि वह रास्ते से एक इंच भी नहीं हटेंगे। इस दौरान प्रदर्शन में लोगों की संख्या बढ़ती चली गई और बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी लोग धरनास्थल पहुंचने लगे। बातचीत विफल होने के बाद अधिकारी भी मौके से वापस चले गए।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ न खत्म होने की स्थिति में शाहीन बाग थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।